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मुफ्त योजनाओं ने जनता में संघर्ष का माद्दा ख़त्म कर दिया

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वरिष्ठ पत्रकार पंकज शर्मा स्टेट प्रेस क्लब, म.प्र. के रूबरू कार्यक्रम में

इंदौर।वरिष्ठ पत्रकार एवं राजनीतिक विश्लेषक पंकज शर्मा ने कहा कि राशन योजना, लाड़ली बहना, आयुष्मान योजना, उज्ज्वला योजना, स्कूली बच्चों को भोजन जैसी मुफ्त की योजनाओं ने आम जनता में संघर्ष का माद्दा ख़त्म कर दिया है।

श्री शर्मा स्टेट प्रेस क्लब, म.प्र. के रूबरू कार्यक्रम में मीडियाकर्मियों से चर्चा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि एक दौर था जब देश में छोटे-मोटे मुद्दों पर भी जनता उद्वेलित हो जाती थी। प्याज की कीमतों, महंगाई, बोफोर्स घोटाले जैसे मुद्दों पर सरकारें बदल दी गईं लेकिन अब जनता ने सड़क पर आकर विरोध जताना छोड़ दिया है। उन्होंने कहा कि इस हालात के लिए सरकार की मुफ्त योजनायें काफी हद तक जिम्मेदार हैं। जब जनता को बहुत कुछ मुफ्त में मिल रहा है तो वह संघर्ष क्यों करें? उन्होंने यह भी कहा कि सस्ता मोबाईल डाटा भी इन हालातों के लिए जिम्मेदार है। दुनिया में जापान के बाद भारत में सस्ता मोबाईल डाटा उपलब्ध है। आम जनता सोशल मीडिया पर ही सुख-दुःख, विरोध, प्रतिक्रिया व्यक्त करके अपने कर्तव्य की इतिश्री कर लेती है।

श्री शर्मा ने कहा कि वर्तमान दौर में पक्षधरता की धार क्रूर हो गई है। असहमति की गुंजाइश समाप्त कर दी गई है। अब लोग मेरे साथ हैं या मेरे दुश्मन हैं यह हो रहा है। वर्ष 2014 में नरेन्द्र भाई मोदी इसलिए प्रधानमंत्री बन पाए क्योंकि लालकृष्ण अडवानी मनमोहन सरकार को पलटने के लिए आवश्यक संसाधन नहीं जुटा पाए थे। बड़े कारपोरेट घरानों ने मोदी को प्रधानमंत्री बनाने के एवज में सशर्त सहयोग दिया था। यही घराने अब केंद्र के साथ राज्यों में भी वसूली पर लग गए हैं।

आरएसएस सुप्रीमो डॉ. मोहन भागवत की हाल ही में 75 वर्ष आयु संबंधी बयान पर वरिष्ठ पत्रकार श्री शर्मा ने कहा कि राजनीति में आयु सीमा का शस्त्र चलाकर डॉ. भागवत ने बड़ा दाव चल दिया है। डॉ. भागवत भी सितम्बर माह में 75 वर्ष की आयु पूर्ण कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इसके पूर्व भी डॉ. भागवत ने कई मुद्दों पर अपने संगठन की अलग विचारधारा से सरकार को घेरने का प्रयास किया है। इसमें मॉब लिंचिंग, मंदिरों में शिवलिंगों की तलाश, मुस्लिम समाज से समन्वय प्रमुख है। उन्होंने बताया कि दरअसल 2014 में आरएसएस प्रमुख ने मंत्रियों के कार्यों की समीक्षा जैसी एक व्यवस्था लागू करना चाहा था ऐसा सिर्फ एक मर्तबा हुआ इसके बाद दोनों के बीच खटास पैदा हो गई। वर्ष 2024 के आम चुनाव की बेला में भाजपा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा की आरएसएस को लेकर तल्ख़ टिप्पणी भी इसी कड़ी का हिस्सा थी। आरएसएस ने भी बीजेपी को पूर्ण बहुमत से दूर रखने में अपना योगदान दिया।

श्री शर्मा ने कहा कि अब देश में वातावरण बदल रहा है। स्वयं बीजेपी और समाज के आम लोग उग्र हिन्दुवाद को पसंद नहीं कर रहे हैं। कावड़ यात्राओं में डीजे बजाने पर रोक इसी का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि सरकार ने देश भर के धार्मिक स्थलों को पर्यटन स्थलों में तब्दील कर दिया है। हर जगह दर्शन-पूजन के लिए महंगे शुल्क लगा दिए हैं। सरकार और बीजेपी मीडिया सेल ने ऐसा माहौल बना दिया है कि बीजेपी का विरोध अब हिन्दुओं का विरोध माना जाने लगा है।

एक प्रश्न के जवाब में राजनीतिक विश्लेषक श्री शर्मा ने कहा कि कांग्रेस में जितनी मेहनत के बावजूद राहुल गांधी को जिस जगह पर होना चाहिए था वहां नहीं हैं और इसकी वजह उनके आस-पास के लोग हैं जो सच्चाई और हालातों से उन्हें वाकिफ नहीं होने देते। ऐसे लोगों के चयन में राहुल गांधी कमजोर साबित हुए हैं। मध्यप्रदेश में कांग्रेस के भविष्य के सन्दर्भ में मुख्यमंत्री के पूर्व सलाहकार ने कहा कि मध्यप्रदेश उन चंद राज्यों में शुमार है जहाँ अभी भी कांग्रेस के लिए अच्छा भविष्य है। मध्यप्रदेश में नेताओं की पुरानी पीढ़ी निवृत्त हो रही है। आने वाले चुनाव में अब यह नेता चेहरा नहीं होंगे। मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार आकंठ भ्रष्टाचार में डूबी हुई है। अब तो यह चर्चा भी चल पड़ी है कि विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को बदल दिया जायेगा।

प्रारंभ में श्री शर्मा का स्वागत अध्यक्ष प्रवीण खारीवाल, मोहनलाल मंत्री, रचना जौहरी, गोविन्द लाहोटी ‘कुमार’, संजय मेहता ने स्वागत एवं मीना राणा शाह और दीपक माहेश्वरी ने स्मृति चिन्ह भेंट किया।

 

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