नाबलिक को बहला फुसलाकर लेजाकर शारीरिक संबंध बनाने वाले आरोपी को 20 वर्ष का कारावास और जुर्माना

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नाबलिक को बहला फुसलाकर लेजाकर शारीरिक संबंध बनाने वाले आरोपी को 20 वर्ष का कारावास और जुर्माना
शाजापुर। न्यायालय विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट शाजापुर द्वारा आरोपी सोनू पिता हरिसिंह मालवीय, आयु 23 वर्ष निवासी ग्राम लक्ष्मणपुरा थाना जीरापुर जिला राजगढ हाल मुकाम मोहन बडोदिया को पॉक्सो एक्ट की धारा 4(2) में 20 वर्ष का कठोर कारावास और 1000/- रू अर्थदण्ड , भादवि की धारा 376(2) (एन) में 10 वर्ष का कठोर कारावास और 500 रू अर्थदण्ड, धारा 376(3) में 20 वर्ष का कठोर कारावास और एक लाख रू अर्थदण्ड, धारा 366 में 05 वर्ष का कठोर कारावास और 500 रू अर्थदण्ड से दण्डित किया गया । जुर्माने की राशि जमा होने पर अपील अवधि पश्चात पीड़िता को उसके चिकित्सकीय व्ययों एवं पुनर्वास के प्रयोजन के लिए अदा करने के आदेश भी दिए। साथ ही जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को पीडित प्रतिकर योजना के अंतर्गत पीडिता को अपराध के परिणामस्वरूप हुई हानि/ क्षति व पुनर्वास के लिए पृथक से एक लाख रूपये की राशि पीडिता को अदा की जाने की अनुशंसा की गई।
अतिरिक्त जिला लोक अभियोजन अधिकारी श्री रमेश सोलंकी जिला शाजापुर ने बताया कि, दिनांक 30/09/2023 को पीड़िता के पिता ने थाने पर मौखिक रिपोर्ट की कि , उसकी बडी लडकी कल दिनांक 29-09-2023 के प्रात: 10:00 बजे घर से स्कूल जाने का बोलकर गयी थी, जो शाम तक घर नहीं आई। आसपास तलाश किया लेकिन कोई पता नहीं चला। उसको शंक है कि उसकी नाबलिग लडकी को आरोपी सोनू बहलाफुसलाकर ले गया है। पुलिस द्वारा रिपोर्ट दर्ज कर विवेचना प्रारंभ की गई। पुलिस द्वारा अभियोक्त्री को आरोपी सोनू के कब्जे से गुजरात से दस्तयाब किया गया। पीडिता ने अपने कथन में बताया कि सोनू को पहले से पहचानती है। आरेापी सोनू ने अपना हाथ काटकर धमकी दी कि वह उसे शादी नहीं करेगा तो वह नस काट के मर जायेगा। आरोपी सोनू उसे बहलाफुसलाकर मौरवी गुजरात ले गया जहां उसने शारीरिक संबंध बनाये। सम्पूर्ण अनुसंधान पश्चात आरोपी के विरूद्ध अभियोग पत्र सक्षम न्यायालय में पेश किया गया।
प्रकरण में अभियोजन की ओर से पैरवी श्री रमेश सोलंकी अतिरिक्त जिला लोक अभियोजन अधिकारी जिला शाजापुर द्वारा की गई,उनका सहयोग श्री सचिन रायकवार विशेष लोक अभियोजक शाजापुर द्वारा किया गया। माननीय न्यायालय ने अभियोजन के द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य एवं तर्कों से सहमत होते हुये आरोपी को दण्डित किया।