
थाना प्रभारी का वेतन बंद करने का आदेश।
बिहार औरंगाबाद से धर्मेन्द्र गुप्ता
व्यवहार न्यायालय औरंगाबाद में न्यायकर्ता ने इजराय वाद संख्या -05/15 में सुनवाई करते हुए न्यायिक आदेश के अवहेलना करने पर फेसर थानाध्यक्ष के वेतन भुगतान पर रोक लगाने का आदेश दिया है।
अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि यह इजराय वाद हकीकत वाद -09/12 का भाग है, डिक्रीदार राजाराम यादव और राजू यादव के पक्ष में डिक्री की गई जमीन पर डिक्रीदार को कब्जे दिलाने के पश्चात निर्णित ऋणीगंण द्वारा डिक्रीदार के जमीन कब्जे से बेदखल कर अवैध कब्जा और खेती की जाने लगी, न्यायालय द्वारा इस मामले को गम्भीरता लेते हुए सभी दसों निर्णित ऋणीगंण पर वारंट 06/02/23 को जारी किया गया और पुलिस द्वारा स्थलीय निरीक्षण कराया गया,पुलिस द्वारा एक निर्णित ऋणी को गिरफ्तार कर बाकी 09 निर्णित ऋणीगंण का वारंट फरार दिखाते हुए न्यायालय में 30/01/24 को समर्पित किया गया और कब्जा निर्णित ऋणीगंण का बताया गया, न्यायालय ने कहा कि यदि निर्णित ऋणीगंण फरार है तो उनका कब्जा केसे है,27/05/25 को न्यायालय ने डिक्रीदार को कब्जा दिलाने को आदेश पुलिस को दिया और कहा कि प्रतिवेदन 15 दिन के अंदर समर्पित करें,17/06/25 को स्मारपत्र भेजा, आदेश के अनुपालन न होते देखकर न्यायालय ने थाना प्रभारी फेसर को शोकोज किया, डिक्रीदार के अधिवक्ता ने उचीत निर्णय लेने का निवेदन न्यायालय में किया, जिसके पश्चात न्यायालय ने ऐसा आदेश दिया, जिसकी प्रतिलिपि थाना प्रभारी फेसर, कोषागार पदाधिकारी और पुलिस अधीक्षक औरंगाबाद को भेजी गई है, थानाध्यक्ष फेसर का वेतन न्यायालय के आदेश के अनुपालन न होने तक बंद रहेंगे।