सफलता की कहानी क्षेत्रिय कृषक राजेश कारपेन्टर की जुबानी

सफलता की कहानी क्षेत्रिय कृषक राजेश कारपेन्टर की जुबानी
मोहन सेन कछावा
मेरे लिए आज बड़ा हि खुशी का दिन व हर्ष का विषय रहा चार सप्ताह पुर्व हमारे एरिये से सोलिडायरीडाड संस्था मन्दसौर और रेतम किसान उत्पादक संगठन मल्हारगढ़ के माध्यम से अश्वगंधा के सेम्पल गुणवत्ता व जैविक है या नहीं इसमें दवाई व रसायनिक खाद का उपयोग तो नहीं हुआ टेस्ट के लिए भोपाल और बाहर गये थे, जिसमें मेरा सेम्पल पास हुआ है और सुबह पता चला कि जिस कम्पनी में आपका सेम्पल पास हुआ है वो देश कि अग्रणी इमामी लिमिटेड (बोरों प्लस निर्माता कम्पनी ) 13, बी.टी.रोड़ बेलघोटिया, कोलकाता 700056, 24 परगना ( उतर ) पश्चिम बंगाल के एक जी एम और हेड बी आर डी श्री महेश चन्द्र जोशी व अग्रणी कंपनी झंडु फाउंडेशन फॉर हेल्थ केयर ( ZFHC) अम्बाच, पारडी – 396145 जिला वलसाड़, गुजरात के प्रबंधक श्री मनीष पुरी गोस्वामी जी, व सोलिडायरीडाड संस्था मन्दसौर के जिला समन्वयक श्री अरविन्द पाटीदार जी व रेतम किसान उत्पादक संगठन मल्हारगढ़ के सिईऔ श्री राहुल जी राठौर व हमारे एफ पी औ मल्हारगढ़ के एरिया प्रबंधक श्री बद्रीलाल चौहान आप से मिलने आपके घर जलोदिया आ रहे हैं और आपसे अश्वगंधा सम्बन्धित सारी जानकारीयां लेंगे कैसे क्या किया, क्या डाला इत्यादि। जेसे ही मुझे खबर लगी मन बड़ा हि प्रफुल्लित हो उठा, बड़ी खुशी हुई, बड़ी प्रसन्नता हुई अच्छा लगा कि इस अंधाधुन किटनाशक व रसायनिक खाद के प्रयोग वाले एरिये मेंरी जैविक खेती सफल हो गई। दुसरी खुशी ये कि केमिकल व रसायन रहित उपज से मार्केट का डेढ़ गुना भाव ।
प्रेरणा :- मुझे जैविक व प्राकृतिक खैती कि प्रेरणा 2 साल पहले भोपाल के पास बरखैड़ा खरेट गांव में सोलिडायरीडाड के संस्थापक श्री निको रोजेन सर (निदर लेंड) से मिली बचपन में वो निदर लेंड से भारत आये और यहां से प्राकृतिक खैती, जैविक खेती को जाना, सिखा और फिर उनके वहां प्राकृतिक व जैविक खेती को प्रारम्भ किया। उन्हें अच्छा लगा, आज उनकी संस्था सोलिडायरीडाड करीब 76 देशों में काम कर रही है, और जब वो दुबारा भारत आये तो पाया कि यहां सबने रसायन , किटनाशक, फफुंदीनाशक, खरपतवार नाशक, आदी कई केमिकलों का जाल फैला दिया है, तो उन्हें बड़ा दुख हुआ और फिर उन्होंने दो वर्ष पूर्व बरखैड़ा खरेट में उनकी संस्था सोलिडायरीडाड कि स्थापना कि जहां जैविक व प्राकृतिक खैती सम्बंधित सभी जानकारीया, ट्रेनिंग, खाद व जैविक व प्राकृतिक खाद बनाने कि विधीयो आदि कई चिजे सिखाई जाती है। इस संस्था कि ओपनिंग का में भी साक्षी बना मेने निको रोजेन सर को अच्छे से सुना वो इंग्लिश में बोलते और सुरेश सर उनका हिंदी अनुवाद करते, उसी दिन से मैंने भी प्रेरणा लि ।
आगामी लक्ष्य :- क्यु न हम सब मिलकर 1 – 1 एकड़ में जैविक व प्राकृतिक खैती प्रारंभ करें। उसमें बिल्कुल भी रासायनिक दवाई व खाद का उपयोग ना करें और घर पर खाने कि जिन्से जैसे – गेहूं सब्जी आदि लगाये तो हो सकता है असमय जो सांसें रुक रही है वो बन्ध हो जाय व पशुऔ में बांझपन कि समस्या भी ना आये। यह जानकारी राजेश कुमार कारपेन्टर जलोदिया
बोर्ड आफ डारेक्टर रेतम किसान उत्पादक संगठन मल्हारगढ़ ने दी