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व्यापमं महाघोटाला: PMT 2009 में फर्जीवाड़े के जिम्मेदार 12 लोगों को सजा

व्यापमं महाघोटाला: PMT 2009 में फर्जीवाड़े के जिम्मेदार 12 लोगों को सजा

 

भोपाल। मध्य प्रदेश के व्यापमं द्वारा साल 2009 में आयोजित पीएमटी में धांधली करने के मामले में 12 लोग दोषी साबित हुए हैं। भोपाल की सीबीआई स्पेशल कोर्ट ने इस मामले में 12 लोगों को सजा सुनाई है। बता दें कि व्यापमं महाघोटाले में कई लोगों की जिंदगियां तबाह हो चुकी हैं। कई लोगों को सजा सुनाई गई है। कई मामले में अभी भी न्यायालयों में चल रहे हैं।

 

*भोपाल सीबीआई स्पेशल कोर्ट ने सुनाई सजा*

भोपाल के जिला न्यायालय में सीबीआई कोर्ट के विशेष न्यायाधीश सचिन कुमार घोष की अदालत ने पीएमटी 2009 में गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ भोपाल के कोहेफिजा पुलिस थाने में 2012 एफआईआर दर्ज कराई थी इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर सीबीआई ने जांच की थी सीबीआई ने विशेष न्यायालय में साल 2015 में चालान प्रस्तुत किया था, सीबीआई की तरफ से सुशील कुमार पांडे ने इस मामले की पैरवी की।

 

*पीएमटी 2009 में 5 स्टूडेंट की जगह दूसरे लोग बैठे*

मामले के अनुसार पीएमटी में 5 छात्र विकास सिंह, दिलीप चौहान, प्रवीण कुमार, कपिल परस्ते, रवि सोलंकी ने अपने स्थान पर दूसरे लोगों से परीक्षा दिलवाई. इन 5 लोगों की जगह पर अवधेश कुमार, रमेश कुमार, रितेश सिंह, नागेंद्र कुमार, शिवकरण साहू ने परीक्षा दी थी अभ्यर्थियों के स्थान पर दूसरों को परीक्षा में बैठने के लिए दलाल सत्येंद्र सिंह और ज्ञानेंद्र त्रिपाठी की भी भूमिका थी जांच में ये भी तथ्य सामने आया था कि पैसों का लेनदेन कर इन फर्जी लोगों द्वारा परीक्षा दिलवाई गई इससे सभी अभ्यर्थियों का चयन हो गया। सीबीआई के विशेष न्यायालय द्वारा ने सभी आरोपियों को 3-3 साल की जेल के साथ प्रत्येक पर 16 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।

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