भोपालमध्यप्रदेश

सावधान… फोटो डाउनलोड करते ही स्कैमर ऑपरेट करेगा आपका फोन

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सावधान… फोटो डाउनलोड करते ही स्कैमर ऑपरेट करेगा आपका फोन

भोपाल। फोटो-वीडियो डाउनलोड करने के शौकीन साइबर अपराध का शिकार बन सकते हैं। अपराधी अब धोखाधड़ी के लिए स्टेगनोग्राफी तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं। धोखाधड़ी की घटनाओं को देखते हुए अपराध शाखा ने एडवाइजरी जारी की है।

भारत-पाकिस्तान में तनाव के दौरान पाकिस्तानी स्कैमर के सक्रिय होने की आशंका भी जताई गई है। साइबर अपराधियों के लिए इंटरनेट मीडिया (वॉट्सएप-इंस्टाग्राम) ठगी का सबसे आसान अड्डा है। वाट्सएप यूजर्स बगैर सोचे-समझे अनजान नंबरों से आने वाले फोटो और वीडियो डाउनलोड कर लेते हैं। ऐसी लापरवाही अब बैंक खाता खाली करवा रही है।

इसे स्टेगनोग्राफी कहते हैं

एडिशनल डीसीपी (अपराध) राजेश दंडोतिया के मुताबिक इस तकनीक को स्टेगनोग्राफी कहा जाता है। आसान भाषा में हम एपीके फाइल का एडवांस वर्सन बता सकते हैं। इसमें साइबर अपराधी और स्कैमर वॉट्सएप पर ब्लर फोटो और वीडियो भेजता है। यूजर जैसे ही उस पर क्लिक करता है, उसका फोन हैक हो जाता और बैंक की निजी जानकारी और उसका डेटा स्कैमर के पास चला जाता है।

एडीसीपी के मुताबिक केंद्र सरकार द्वारा भी इस फ्राड से बचने की चेतावनी जारी की गई है। उन्होंने बताया कि स्टेगनोग्राफी तकनीक का इस्तेमाल देश विरोधी गतिविधियों में होने की आशंका है। विशेषकर भारत-पाक युद्ध के दौरान पाकिस्तानी स्कैमर द्वारा फ्राड किया जा सकता है।

देवी-देवताओं के फोटो भेजकर फोन हैक कर सकते हैं

स्कैमर वॉट्सएप पर भारतीय सेना और हिंदू देवी-देवताओं के फोटो और वीडियो भेज कर फोन हैक कर सकते हैं। दरअसल स्कैमर द्वारा फोटो (फाइल) के साथ में हिडन मेलवेयर छिपा रहता है, जो फाइल पर क्लिक करते ही सक्रिय हो जाता है और यूजर के फोन का एक्सेस उसके हाथ में चला जाता है। एडीसीपी के मुताबिक इस फ्राड से बचने के लिए यूजर को वाट्सप पर मीडिया विजिबिलिटी ऑप्शन ऑफ कर लेना चाहिए। इससे ऑटो डाउनलोडिंग बंद हो जाती है।

बगैर ओटीपी खाली हो गया बैंक का खाता

एडीसीपी के अनुसार हाल में मिली शिकायतों में पीड़ितों ने बताया कि उनके खाते से रुपये निकल रहे हैं। उन्होंने न ओटीपी बताया न किसी से जानकारी साझा की। जांच में पता चला उनके द्वारा अनजान नंबर से आई फोटो डाउनलोड की गई थी। इस कारण उनके फोन में ओटीपी तक नहीं आया।

स्कैमर ने उसका फोन हैक कर लिया था। इस कारण ओटीपी भी स्कैमर के पास पहुंच रहा था। राज्य साइबर सेल के एसपी सव्यसाची सराफ के मुताबिक स्टेगनोग्राफी का पता लगाना बहुत कठिन है।

 

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