समाचार मध्यप्रदेश रतलाम 14 मई 2025 बुधवार

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जनसुनवाई में आए 83 आवेदनों पर हुई सुनवाई


जनसुनवाई में ग्राम ठिकरिया निवासी मदनसिंह ने बताया कि प्रार्थी की कृषि भूमि ग्राम ठिकरिया में ही स्थित है। शासन द्वारा किसानों को किसान सम्मान निधि का लाभ प्रदान किया जा रहा है। प्रार्थी को भी उक्त योजना का लाभ प्राप्त हुआ परन्तु विगत कुछ समय से उक्त योजना का लाभ प्रार्थी को नहीं मिल पा रहा है। इस सम्बन्ध में उचित कार्रवाई कर प्रार्थी को योजना का लाभ प्रदान किया जाए।
पिपलौदा तहसील के ग्राम सोहनगढ निवासी भरतलाल ने जनसुनवाई के दौरान बताया कि प्रार्थी की कृषि भूमि ग्राम में ही स्थित है जिस पर आने-जाने का रास्ता सरकारी भूमि पर बना हुआ है। ग्राम के ही एक निवासी द्वारा मेडबंदी कर उक्त रास्ते को बंद कर दिया गया है जिससे प्रार्थी विगत 6 माह से अपने खेत पर नहीं जा पा रहा है। पटवारी तथा गिरदावर से भी बात की परन्तु कोई ध्यान नहीं दे रहा है। बारिश का मौसम समीप है तथा प्रार्थी को अपनी कृशि भूमि पर खेत हांकना है। कृपया खेत पर आने-जाने हेतु रास्ते का शीघ्र निराकरण करवाएं।
खातीपुरा रतलाम निवासी रेखा पंवार ने अपने आवेदन में बताया कि प्रार्थिया अपनी माता के साथ एक कच्चे मकान में निवासरत है तथा पति का भी देहांत हो चुका है। नगर निगम द्वारा कच्चे मकान का सम्पत्ति कर करीब 18 हजार रुपए बताया है। प्रार्थिया विधवा होकर जैसे-तैसे अपने परिवार का भरण पोषण करती है तथा इतना रुपया भी नहीं है कि मकान का टैक्स भर सके। निगम द्वारा दिए गए टैक्स की राशि कम करने का आदेश प्रदान करें।
ग्राम मेवासा निवासी प्रभु बागरी ने जनसुनवाई के दौरान बताया कि मुझ प्रार्थी के पुत्र की दुर्घटना में आकस्मिक मौत हो चुकी है। परिवार के भरण-पोषण की जिम्मेदारी मेरे एक मात्र पुत्र पर ही थी। प्रार्थी की तबियत ठीक नहीं होने से मजदूरी भी नहीं मिल पा रही है। साथ ही पुत्रवधु के साथ परिवार का पालन-पोषण करने में काफी दिक्कतो का सामना करना पड रहा है। पुत्र की मृत्यु पश्चात किसी भी प्रकार की आर्थिक सहायता नहीं मिली है। कृपया आर्थिक सहायता प्रदान की जाए।
मोतीनगर रतलाम निवासी शारदाबाई मकवाना ने अपने आवेदन में बताया कि प्रार्थिया गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन कर रही है। विद्युत मण्डल द्वारा विद्युत बिल की राशि 2300 का बिल दे दिया है जबकि प्रार्थियां के निवास पर विद्युत बल्ब के अलावा अन्य कोई इलेक्ट्रानिक सामान नहीं है। कृपया विद्युत बिल की राशि कम करवाई जाए।
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जंगली हाथियों के प्रबंधन के लिए 47 करोड़ 11 लाख रुपये से अधिक की योजना की स्वीकृति
हाथी मित्र दल के गठन की मंजूरी
मुख्यमंत्री डॉ. यादव की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद के निर्णय
रतलाम 13 मई 2025/ मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद की बैठक मंगलवार को मंत्रालय में सम्पन्न हुई। मंत्रि-परिषद द्वारा प्रदेश में मानव-हाथी द्वंद को कम करने और जंगली हाथियों के प्रबंधन के लिए वित्तीय वर्ष 2025-26 और वर्ष 2026-27 अर्थात आगामी 2 वर्षों सहित कुल 4 वर्षों (वर्ष 2023-24 से 2026-27 तक) के लिए राशि 47 करोड़ 11 लाख 69 हजार रुपये की योजना क्रमांक 9854 की सैद्धातिंक स्वीकृति दी गयी है।
योजना अंतर्गत हाथियों की सुरक्षा एवं अनुश्रवण के लिए वित्तीय वर्ष 2023-24 एवं वर्ष 2024-25 में कुल राशि रूपये एक करोड़ 52 लाख 54 हजार रूपये व्यय की गयी है। निर्णय अनुसार वित्तीय वर्ष 2025-26 में योजना में राशि 20 करोड़ रूपये और वर्ष 2026-27 में 25 करोड़ 59 लाख 15 हजार रूपये का प्रावधान किया गया। इस तरह आगामी 2 वर्षों सहित कुल 4 वर्षों (वर्ष 2023-24 से 2026-27 तक) के लिए योजना का आकार राशि 47 करोड़ 11 लाख 69 हजार रुपये निर्धारित किया गया है।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश के ऐसे संरक्षित क्षेत्र जहाँ हाथियों का आवागमन या उपस्थिति है उनमें एवं संरक्षित क्षेत्रों के बाहर जंगली हाथियों की सुरक्षा एवं अनुश्रवण, रहवास प्रबंधन तथा विकास के लिए योजना बनाई गयी है। जंगली हाथियों की निगरानी के लिए कंट्रोल रूम, वन्यजीव मानव द्वंद को रोकने के लिए विभिन्न संरचनाएं बनाई जाएंगी। ई-आई सर्विलेंस की स्थापना और संचालन किया जाएगा। वन्य-प्राणियों के रेस्क्यू और पुनर्वास के लिए कार्य किया जाएगा।
योजना अंतर्गत प्रभावित क्षेत्रों में मानव-हाथी द्वंद से निपटने के लिए ग्रामीणों, वन विभाग और अन्य विभाग के अधिकारियों/कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। विभिन्न प्रकार की फेसिंग कार्य किया जाएगा, जिसमें सोलर फेंसिंग भी शामिल है। मानव-हाथी द्वंद के लिए रैपिड रिस्पांस टीम का गठन किया जाएगा और आवश्यक उपकरण क्रय किए जाएंगे। निगरानी और ट्रेकिंग कार्य के लिए पेट्रोलिंग वाहन और रेडियो कॉलर क्रय किए जाएंगे। साथ ही हाथी मित्र दल का गठन किया जाएगा।
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