भक्ति/ आस्थामंदसौर जिलासीतामऊ

खेताखेड़ा में कलश यात्रा निकाली , मंदिर में श्री राम प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव शुरू

21 लाख के जन सहयोग से श्री राम जानकी मंदिर निर्माण कार्य पूर्ण

खेताखेड़ा ।सोमवार को सीतामऊ तहसील के गांव खेताखेड़ा में श्री राम शिव महापुराण कथा एवं पंच कुंडात्मक महायज्ञ शुरू हुआ खेताखेड़ा में श्री राम जानकी मंदिर निर्माण समिति एवं समस्त ग्राम वासियों के सहयोग से 21 लाख रुपए की राशि से राम जानकी मंदिर का कार्य पूर्ण होकर मंदिर में मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव का आयोजन एवं पंच कुंडात्मक महायज्ञ का आयोजन सोमवार को कलश यात्रा के साथ शुरू हुआ ।

उक्त आयोजन में सोमवार को सुबह से ही नगर में कलश यात्रा निकाली गई कलश यात्रा बस स्टैंड स्थित भगवान लक्ष्मी नारायण मंदिर के यहां से शुरू होकर गांव के प्रमुख मार्गो से होते हुए कथा स्थल तक पहुंची कलश यात्रा में भारी संख्या में ग्राम वासियों ने भाग लिया कथा प्रारंभ 12 मई से शुरू हुई जो की 18 मई 2025 रविवार तक आयोजित की जाएगी कथा का समय दोपहर 12:00 से 3:00 तक निर्धारित किया गया।

कथावाचक पंडित ओम जी व्यास ने श्री राम शिव महापुराण कथा के प्रथम दिवस व्यास पीठ से कहा कि श्री राम एवं शिव महापुराण दोनों ही तत्व एक हैं जिसने राम को जाना है उसने शिव को पाया है राम मानव मात्र के जीवन का आधार बिंदु है जिसमें सृष्टि के प्रत्येक मानव अपनी जीवन शैली जीने की कला सिखाते हैं राम मानव मात्र को जीने की कला सिखाते हैं शिव तत्व प्रत्येक मानव मात्र के भक्ति का आधार बिंदु है जिससे मानव मात्र में भक्ति जागृत होकर शिव तत्व मोक्ष और मुक्ति का आधार है जो प्राणी शिव तत्व को समझ लेता है उसे संसार में वापस जन्म नहीं लेना होता है अजय अमर अविनाशी शिव ही सशक्त मोक्ष द्वार है

पंडित ओम जी व्यास ने बताया कि श्री राम ने राष्ट्रभक्ति के लिए वनवास को चुना श्री राम ने राष्ट्रभक्ति का संदेश चराचर जगत में सभी को दिया है राष्ट्रभक्ति से बढ़कर और कोई दूसरी भक्ति नहीं है राम भक्ति से बढ़कर भी राष्ट्रभक्ति हैं क्योंकि देश का सैनिक वेतन के लिए नहीं वतन के लिए कार्य करता है रावण ने अपने अभिमान के कारण अपने साम्राज्य को विनाश मैं डुबोया है

किसी भी व्यक्ति को किसी भी प्रकार का अभिमान नहीं करना चाहिए क्योंकि अभिमान से व्यक्ति की निंदा होती अभिमान व्यक्ति को विनाश की ओर ले जाता है

सनातन धर्म सदियों से चला आ रहा है प्रत्येक मानव के कल्याण की कामना करता है अपने मन से कर्म से वचन से किसी को कष्ट ना हो सनातन धर्म यही सिखाता है जो मानव दूसरों पर दया करें निर्बलों की रक्षा करें व ब्राह्मणों की रक्षा करें सदा अपने राष्ट्रभक्ति के प्रति सहानुभूति रखें सनातन धर्म प्रत्येक मानव मात्र की एकता से बंधा हुआ माता-पिता और गुरु आज्ञा का पालन करना तथा प्रत्येक जीव पर दया करना सनातन धर्म है सनातन धर्म से ऊंचा दर्जा किसी और का नहीं है धर्म ही जीवन धर्म ही मृत्यु है बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर पंडित ओम जी व्यास ने बताया कि भगवान गौतम बुद्ध ने हमें शांति का मार्ग बताया है उनकी बताई हुई शिक्षा पर चलकर हम अपने जीवन को सार्थक बना सकते हैं घर परिवार में कुल रक्षक में इसे बुद्ध पूर्णिमा को भैरव पूनम भी कहा जाता है

कथा के प्रथम दिवस श्री राम जानकी मंदिर निर्माण समिति के सभी सदस्य एवं सभी ग्रामवासी उपस्थित रहे ।

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