
विद्युत स्मार्ट मीटर के नाम पे ठेकेदार की मनमानी, नागरिकों ने भ्रष्टाचार पर जताया आक्रोश
बांदा। पुराने मीटर नहीं बदलने तो ठेकेदार को मनमाफिक सुविधा शुल्क अदा करना होगा। ये बात आपस में गपशप करने में विद्युत स्मार्ट मीटर लगाने वाली प्राइवेट कर्मी मशगूल रहे। ये वाक्या नगर के छोटी बाजार जैन धर्मशाला रोड और निकटवर्ती कमतू फाटक के भीतर का है। प्राइवेट कर्मियों का कथन रहा कि ठेकेदार को सुविधा शुल्क देने पर पुराने विद्युत मीटर नहीं लगाए जा रहे है। शीतला माता मंदिर के निकटवर्ती एक गली में एसीयुक्त तीन मकानों में स्मार्ट मीटर नहीं लगाए गए है। जैसा भी है ठेकेदारी भ्रष्टाचार को ये मनमानी पूर्ण कार्यप्रणाली उजागर करती है। आखिर इन तीन मकानों में एक माह गुजरने के बाद स्मार्ट मीटर क्यों नही लगे है।
उधर विद्युत विभाग के उप खंड अधिकारी आशीष सिंह ने इस बाबत कहा कि ठेकेदार को क्रमशः मकानों में मीटर लगाने चाहिए। एस डी ओ ने कहा कि इस संदर्भ ठेकेदार को मीटिंग में निर्देश दिए गए थे। गौरतलब हो कि एक माह से अधिक वक्त गुजर चुका इसके बावजूद स्मार्ट मीटर न लगाने की मोहलत ठेकेदार राकेश श्रीवास द्वारा कितने माह की दी गई है।
हिंदू एकता सेवा ट्रस्ट के जिले के वरिष्ठ उपाध्यक्ष राकेश चंदेल और जिला उपाध्यक्ष पंकज सिंह ने कहा कि विद्युत महकमे के जिम्मेदारों को भ्रष्टाचार के इस मामले में तत्काल कार्यवाही सुनिश्चित करनी चाहिए। आखिर किस सफेदपोश के संरक्षण और काली कारगुज़ारी से अनियमितता जारी है।