मंदसौरमध्यप्रदेश

कुटुम्ब न्यायालय में तलाक के लिए चल रहा था मामला, 02 माह से अलग रहे, फिर लोक अदालत में हुए एक

नेशनल लोक अदालत में कुल 800 प्रकरणों का निराकरण कर 5 करोड़ 94 लाख रूपये के अवार्ड पारित

 

मंदसौर 10 मई 25/ राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली एवं म.प्र. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जबलपुर द्वारा प्रसारित निर्देशानुसार व माननीय प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, मंदसौर कपिल मेहता के कुशल मार्गदर्शन में आज शनिवार को नेशनल लोक अदालत का आयोजन जिला न्यायालय मंदसौर एवं तहसील न्यायालय गरोठ, भानपुरा, नारायणगढ़, सीतामऊ में किया गया।

जिला न्यायालय परिसर स्थित ए.डी.आर. सेंटर भवन के सभागृह में माननीय प्रधान जिला न्यायाधीश कपिल मेहता द्वारा माँ सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जवलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। शुभारंभ कार्यक्रम में  प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, मंदसौर कपिल मेहता, विशेष न्यायाधीश (एट्रोसिटीज) अजय कुमार सिंह, जिला अभिभाषक संघ के अध्यक्ष रघुवीर सिंह पंवार ने सम्बोधित कर अपने विचार व्यक्त किये। शुभारंभ कार्यक्रम में आभार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, मंदसौर के सचिव सुधीर सिंह निगवाल द्वारा व्यक्त किया गया, तथा संचालन जिला विधिक सहायता अधिकारी अपर्णा लोधी द्वारा किया गया।

उक्त कार्यक्रम में  उच्च न्यायालय मध्यप्रदेश के सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति जी.डी. सक्सेना, सेवा निवृत्त न्यायाधीश रघुवीर सिंह चुण्डावत, कुटुम्ब न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश प्रिया शर्मा, जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश सिद्धार्थ तिवारी, आसिफ अब्दुल्लाह, शिल्पा तिवारी, विवेक बुखारिया, मंजू सिंह, आलोक प्रताप सिंह, मुनेन्द्र सिंह वर्मा, न्यायाधीशगण रोहिणी तिवारी, राजकुमार त्रिपाठी, चिराग अरोरा, प्राची पाण्डेय माटा, डॉ रूचि पटेरिया अरोरा, श्वेता सिंह, पूर्वी गुप्ता, काशिष माटा, अनुविभागीय अधिकारी शिवलाल शाक्य, नगर पुलिस अधीक्षक सतनाम सिंह, म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अधीक्षण यंत्री श्री राजेश जैन, अधिवक्ता संघ के पदाधिकारी एवं अधिवक्तागण, प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारीगण, न्यायिक कर्मचारीगण, विभिन्न बैंक, बीमा कम्पनियां, विद्युत विभाग एवं विभिन्न विभागों के अधिकारीगण, खण्डपीठ सदस्यगण इत्यादि उपस्थित रहे।

दिनांक 10 मई, 2025 की नेशनल लोक अदालत के सफल आयोजन हेतु जिले में कुल 23 न्यायिक खण्डपीठों का गठन किया गया। कार्यक्रम के शुभारंभ के पश्चात नेशनल लोक अदालत की कार्यवाही गठित खंडपीठों में शाम तक चली, जिसमें राजीनामे के माध्यम से 800 प्रकरणों का निराकरण किया गया।

उक्त लोक अदालत में कोर्ट में लंबित 808 मामले निराकरण के लिए रखे गए थे जिसमें से कुल 659 प्रकरणों का निराकरण किया गया, जिसमें कुल 5,64,29,392/-का अवार्ड पारित किया गया। इसी प्रकार कुल 4800 प्रीलिटिगेशन के रखे प्रकरण में से 141 प्रकरणों का निराकरण किया गया जिसमें 30,60,288/- राशि की वसूली की गई। मोटर दुर्घटना क्षतिपूर्ति दावा के 08 प्रकरण निराकृत किए गए, जिसमें कुल राशि 27,30,000/- का अवार्ड पारित किया गया। इस लोक अदालत में धारा 138 के अंतर्गत चैक बाउंस के 250 प्रकरण निराकृत किए गए जिसमें कुल राशि रू. 4,37,85,914/- का अवार्ड पारित किया गया।

नेशनल लोक अदालत में कुछ विशेष मामलों का निराकरण भी हुआ।

कुटुम्ब न्यायालय में तलाक के लिए चल रहा था मामला, 02 माह से अलग रहे, फिर लोक अदालत में हुए एक

एक मामलें में दंपत्ति के मध्य हिन्दू विवाह अधिनियम की धारा 13 के तहत विवाह विच्छेद का मामला कुटुम्ब न्यायालय चल रहा था। उक्त मामला जब नेशनल लोक अदालत के समक्ष सुनवाई में आया तो, खण्डपीठ क्र. 01 के पीठासीन अधिकारी श्रीमती प्रिया शर्मा की समझाईश पर पति-पत्नी पुनः साथ रहने को सहमत हुये और विगत 02 वर्ष से अलग रह रहे उक्त पति-पत्नी न्यायालय से ही साथ-साथ अपने घर गए। समझौते के दौरान दंपत्ति का 14 वर्ष का बेटा एवं 11 वर्ष की बेटी भी मौजूद रहे।

 

पारिवारिक विवाद के कारण मुस्लिम दंपत्ति करीब 02 वर्ष से अलग रह रहे थे, महिला द्वारा भरण-पोषण के लिए कुटुम्ब न्यायालय में पति के विरूद्ध वाद दायर किया गया, उक्त मामले में लोक अदालत में समझाईश पर एक साथ रहने को हुये सहमत

 

एक मामलें में मुस्लिम दंपत्ति में पारिवारिक विवाद के कारण पत्नी करीब 02 वर्ष से अपने पति से अलग रह रही थी, पत्नी ने पति के विरूद्ध भरण-पोषण की कार्यवाही हेतु कुटुम्ब न्यायालय में वाद दायर किया। उक्त मामला नेशनल लोक अदालत में सुनवाई में लिया गया, पीठासीन अधिकारी प्रिया शर्मा द्वारा पति व पत्नी के मध्य सुलह कार्यवाही करवाई और समझाने पर पत्नी अपने पति के साथ रहने को सहमत हुई।

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