सिविल डिफेंस (नागरिक सुरक्षा) की mok ड्रिल जिला होमगार्ड लाइन में आयोजित की गई

मंदसौर। आज जिला होमगार्ड लाइन में जिला कलेक्टर श्रीमती अदिति गर्ग महोदय के निर्देशानुसार होमगार्ड लाइन मैं सिविल डिफेंस वॉलिंटियर्स मॉक ड्रिल अभ्यास कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें मॉक ड्रिल के दौरान अपर कलेक्टर एकता जायसवाल, जिला अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक गौतम सोलंकी, जिला होमगार्ड कमांडेंट धर्मराज सिंह वर्मा, सिविल डिफेंस जिलाधिकारी कैप्टन डॉ. विजय सिंह पुरावत, उप जिला अधिकारी लेफ्टीनेंट जितेंद्र कनौजिया, सब डिविजनल अधिकारी राकेश श्रीवास्तव, लोकेंद्र कुमार सामेरिया, के नेतृत्व में मंदसौर, मल्हारगढ़, दलोदा, सीतामऊ, सुवासरा, गरोठ, शामगढ़, भानपुरा, तहसील के 70 सिविल डिफेंस वॉलिंटियर्स ने इस कार्यशाला में भाग लिया । जिसमें इस प्रकार की मॉक ड्रिल के मुख्य उद्देश्य की जानकारी दी गई सिविल डिफेंस (नागरिक सुरक्षा) अलर्ट पर ध्यान देना सायरन, हूटर या अनाउंसमेंट सुनते ही सतर्क हो जाएँ अफवाहों पर ध्यान न दें, केवल आधिकारिक निर्देशों का पालन करें। तैयारियों को परखना — जैसे कि बमबारी या मिसाइल हमले की स्थिति में जनता को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाने की प्रक्रिया, आपातकालीन सेवाओं का परीक्षण — जैसे अस्पतालों की तैयारी, रक्तदान, घायलों की त्वरित चिकित्सा व्यवस्था, आपूर्ति शृंखला बनाए रखना आदि। जनता को अलर्ट और ट्रेनिंग देना — जैसे सायरन बजने पर क्या करना है, बंकरों या शेल्टरों में कैसे पहुँचना है, संचार माध्यमों से सही सूचना कैसे लेना है आदि। सैन्य और प्रशासनिक समन्वय का अभ्यास — सेना, पुलिस, प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग और आपदा प्रबंधन विभाग के बीच तालमेल को मजबूत करना। आर्थिक और बुनियादी ढाँचे की सुरक्षा तैयारियों की समीक्षा — जैसे कि बिजली, पानी, परिवहन और संचार सुविधाओं को सुरक्षित रखना। ऐसी स्थिति में किस प्रकार प्राथमिक चिकित्सा देना है , सीपीआर कैसे देना है, मॉक ड्रिल में भाग लेने वाले हर व्यक्ति — चाहे वह आम नागरिक हो, सरकारी कर्मचारी हो या आपदा प्रबंधन टीम का सदस्य — को कुछ विशेष काम करने होते हैं ताकि वास्तविक आपदा या हमले की स्थिति में सब कुछ सुचारू रूप से हो सके। इन सभी बात पर चर्चा करके वॉलिंटियर्स को प्रैक्टिस करवाई गई।