
नरवाई जलाने वाले किसानों पर 25 सौ से 15 हजार रूपए तक के भारी अर्थदंड का है प्रावधान – कलेक्टर
ताल ब्यूरो चीफ –शिवशक्ति शर्मा
जिले के किसानों द्वारा नरवाई में आग लगाने के कारण विगत समय में गंभीर दुर्घटनाएं घटित हुई है जिसके कारण मकानों में आग लगने से, समीप खेतों में खड़ी फसल भी आग के कारण जलकर नष्ट हुई है जिस कारण जन, धन एवं पशु हानि हुई है। म.प्र. में वायु (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम 1981 की धारा 19 (5) के तहत नरवाई जलाना तत्समय से तत्काल प्रतिबंधित किया गया है जो कि वर्तमान में निरंतर है। पर्यावरण संरक्षण एवं अन्य अग्निजनीत दुर्घटनाओं को रोकने के लिए कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी रतलाम द्वारा नरवाई जलाने पर प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किए गए हैं। कृषि विभाग द्वारा किसानों को नरवाई नहीं जलाने के लिए समय-समय पर निरन्तर समझाइश भी दी जा रही है।
कलेक्टर द्वारा जिले में ब्लाक स्तरीय एवं ग्रामीण स्तरीय निगरानी दलों का गठन भी किया गया है जो कि पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए नरवाई जलाने वाले किसानों पर निगरानी रखे हुए है एवं किसानों को नरवाई नहीं जलाने के लिए निरंतर समझाइश दे रहे है। सरकार द्वारा सेटेलाइट के माध्यम से नरवाई जलाने वाले किसानों की लोकेशन ट्रेस की जा रही है जिसकी रिपोर्ट प्रतिदिन विकासखण्डवार, तहसीलवार, जिला कार्यालय को प्राप्त हो रही है।
प्राप्त रिपोर्ट के आधार पर नरवाई जलाने संबंधित घटनाओं को नियंत्रण हेतु कृषकों के विरूद्ध राजस्व एवं कृषि विभाग के मैदानी अमले के अधिकारियों के माध्यम से पंचनामे तैयार किये जाकर नरवाई जलाने वाले कृषकों के विरूद्ध अर्थदण्ड की कार्यवाही की जा रही है। रतलाम जिला अंतर्गत रतलाम ग्रामीण, रतलाम शहर, सैलाना, बाजना, पिपलौदा, जावरा, ताल तथा आलोट में 48 प्रकरण तैयार किये जाकर 1 लाख 12 हजार रुपए अर्थदंड की वसूली की गई। साथ ही जनसुनवाई के दौरान एक पीड़ित आवेदक के आवेदन पर नरवाई जलाने वाले संबंधित कृषकों के विरुद्ध भी एफआईआर की कार्यवाही की गई है।
पर्यावरण विभाग द्वारा उक्त अधिसूचना अन्तर्गत नरवाई में आग लगाने वालों के विरुद्ध पर्यावरण क्षतिपूर्ति हेतु दो एकड़ तक के कृषकों को 2500 रुपए का अर्थदंड, प्रति दंड प्रति घटना, 2 से 5 एकड़ के कृषकों को 5000 रुपए का अर्थदंड प्रति घटना तथा 5 एकड़ से बडे किसानों को 15 हजार रुपए का अर्थदंड प्रति घटना दण्ड का प्रावधान किया गया है। अतः किसान भारी अर्थदंड से बचने के लिए नरवाई न जलाएं।