
मोदी सरकार का ऐतिहासिक फैसला:
मूल जनगणना के साथ कराई जाएगी जातिगत जनगणना, कैबिनेट बैठक में दी मंजूरी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट बैठक में एक ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए सरकार ने जातिगत जनगणना को मूल जनगणना प्रक्रिया में शामिल करने की मंजूरी दे दी है। यह निर्णय देश में सामाजिक न्याय और समावेशी नीति निर्धारण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि 1947 के बाद से देश में जातिगत जनगणना नहीं हुई है। अब यह प्रक्रिया 2025 की प्रस्तावित जनगणना के साथ ही पूरी की जाएगी। इस निर्णय से न केवल सामाजिक ढांचे की स्पष्ट तस्वीर सामने आएगी, बल्कि नीतियों के प्रभावी क्रियान्वयन में भी मदद मिलेगी।कैबिनेट बैठक में अन्य निर्णयों में मेघालय और असम को जोड़ने वाले शिलॉन्ग-सिलचर हाईस्पीड कॉरिडोर को भी मंजूरी दी गई, जिसकी अनुमानित लागत 22,864 रु. करोड़ रुपये है।नीतिगत विश्लेषकों का मानना है कि यह फैसला सामाजिक समूहों की भागीदारी और प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने के लिए मील का पत्थर साबित हो सकता है। विपक्षी दलों की लंबे समय से चली आ रही मांग को भी यह फैसला संतुष्ट करता है।