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मुख्यमंत्री कन्यादान में 24 जोड़ों का विवाह संपन्न,कुछ ने नहीं लिए फेरे, तो कुछ के आगे अग्नि भी नहीं जलाई ओर हो गया विवाह

सीतामऊ में आयोजित मुख्यमंत्री कन्यादान में बहुत बड़ा हुआ खेल, 92 में से 62 जोड़े निकले फर्जी

 

सीतामऊ। अक्षय तृतीया के अवसर पर सीतामऊ के कृषि उपज मंडी में मुख्यमंत्री कन्यादान विवाह निकाह कार्यक्रम आयोजित किया जाना तय हुआ। इसी आयोजन को लेकर जनपद पंचायत सीतामऊ द्वारा 20 अप्रैल से मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में नियमानुसार योग्य लड़के लड़कियों के विवाह निकाह को लेकर दोनों पक्षों की ओर से आवेदन लेना प्रारंभ हुई जो 25 अप्रैल 2025 शाम 5 बजे तक ले गए। इसमें अन्य आवेदन भी प्राप्त हुए जो कुल आवेदन 92 वर-वधू जोड़े के प्राप्त हुए।

इन आवेदनों के दस्तावेजों कि जब गहराई से जांच की गई तो पता चला की 62 आवेदन फर्जी निकले इससे यह साबित होता है। निरस्त हुए आवेदनों में आवेदकों द्वारा पहले ही विवाह कर लिया था या किसी ने लव मैरिज यहां तक की एक दो मामलों में पूर्व विवाह व तलाक केस कोर्ट में लंबित वाले भी सम्मिलित थे कि मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में 49 हजार रुपए की राशि का लाभ लेने के लिए बहुत बड़ा खेल किया जा रहा था।

इस संबंध में जनपद अध्यक्ष प्रतिनिधि रोडमल वर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री कन्यादान योजना अंतर्गत 100 से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं। आवेदन तो अधिक आए हैं पर जांच में बड़ी संख्या में आवेदन निरस्त भी हो गए हैं।

इधर सामाजिक कार्यकर्ताओं और ग्रामीण जनों ने कहा कि मुख्यमंत्री विवाह सम्मेलन में विवाह निकाह के प्राप्त दस्तावेज कि ग्राम पंचायत सरपंच सचिव रोजगार सहायक आदि के हस्ताक्षर निरीक्षण उपरांत फॉर्म जमा किए जाते हैं। जिनमें बड़ी संख्या में फर्जी आवेदन मिले फिर इतनी बड़ी गड़बड़ी कैसे हो गई।यही नहीं सीतामऊ जनपद क्षेत्र से अन्य क्षेत्र आदि के जोड़े के आवेदन भी जांच यह जांच का विषय है।

24 जोड़ों का विवाह संपन्न हुआ

वही आज बुधवार को सीतामऊ मंडी प्रांगण में आयोजित मुख्यमंत्री कन्यादान विवाह का कार्यक्रम में 24 जोड़े परिणय बंधन में बंधे। जिनमें 22 जोडे़ समय पर पहुंच गए वहीं 02जोडे देरी से पहुंचे इस प्रकार 24 जोड़ों का विवाह संपन्न हुआ।

जन चर्चाओं और जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री कन्यादान विवाह योजना में लाख प्रयासों के बावजूद भी फर्जीवाड़ा देखने को मिला कई जोड़े ने विवाह के दौरान नहीं लिए फेरे,कुछ के आगे तो अग्नि भी नहीं जलाई ओर हो गया विवाह,सिर्फ शासन की योजना का लाभ लेने के लिए फर्जी तरीके से वर-वधू बिठाए गए थे। उल्लेखनीय है कि 92 में से 62 जोड़े पहले ही जांच सत्यापन के दौरान पाए फर्जी गए थे।उसके बावजूद भी अधिकारियों की उपस्थिति में फर्जी विवाह हो गए ?

वही मामले को लेकर जनपद पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी बोले हमने सत्यापन के सभी प्रयास किए फिर भी जिनका विवाह पूर्व में हुआ हे उनको नहीं मिलेगा प्रोत्साहन राशि का भुगतान,पुनः जांच करवाई जाएगी।

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