चली जो बदलाव की हवा इसे अब रुकने न देंगे सर कटे तो भले ही कट जाए पर जान से प्यारे तिंरंगे को झुकने न देंगे

कवि सम्मेलन,,,,
चली जो बदलाव की हवा इसे अब रुकने न देंगे सर कटे तो भले ही कट जाए पर जान से प्यारे तिंरंगे को झुकने न देंगे
नगरी। राजकुमार जैन।
प्रति वर्ष अनुसार इस वर्ष भी नगर पंचायत द्वारा नगराज भेरुजी मेले का आयोजन किया जा रहा है जिसमें मेले के चोथे दिन अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया।
जिसमें देश के ख्याति प्राप्त कवियों ने भाग लिया।कवि सम्मेलन की शुरुआत गणेश वंदना से की गई।समय-समय पर कवियों ने श्रोताओं को खूब हंसा हंसा कर लोटपोट कर दिया और खूब तालियां बटोरी ।इस पर कवि संदीप जैन ने कविता पाठ करते हुए कहा कि वक्त नहीं है रखें शांतिसहनशीलता त्यागेंजीसरेआम लाशों की मंडीआखिर अब जागो जी,उसके बाद आई कवित्री प्रियांशी पाटीदार ने भी लोगों को खूब हंसाया इन्होंने अपनी कविता पाठ करते हुए कहा किमोहब्बत के गीत गुनगुनाने लगी हूंइश्क की बातें सुनाने लगी हूंमेरी उम्र से मेरे हुनर का अंदाजा मत लगानामें एक छोटी सी उम्र में कमाने लगी हूं ।इसके साथ ही गोपाल धुरंधर ने बेटी बचाओ के ऊपर कविता पाठ की।
कवि सम्मेलन देर रात तक चला श्रोताओं की देर रात तक उपस्थिति रही और देर रात तक कवि सम्मेलन का लुफ्त उठाया।
इन्होंने किया स्वागत-नगराज भेरुजी की चित्र पर माल्यार्पण करने के पश्चात नगर परिषद अध्यक्ष संगीता बगड़, मैला सभापति अंजू भैरूलाल बग्गड़, उपाध्याय घनश्याम अटोलिया, मुख्य नगर पालिका अधिकारी धर्मचंद जैन, मेला अधिकारी भूषण ताम्रकार, पाषर्दगण राजू मुकेश चचावद, मंजू नरेंद्र वाकतरिया ,राजेश जैन राज गोपाल टेलर पीरु सरगरा, मांगीलाल मालवीय भागीरथ, रमेश अटोलिया, ने स्वागत किया।