कटेगा 5,000 रुपये का चालान, फ्यूल टाइप स्टिकर नहीं लगाया तो, दिल्ली में गाड़ियों के लिए नया नियम

अगर आप दिल्ली में वाहन चला रहे हैं तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है। दिल्ली सरकार ने एक नया नियम लागू किया है, जिसके तहत अब हर गाड़ी पर फ्यूल टाइप (पेट्रोल, डीजल, CNG) बताने वाला रंगीन स्टीकर लगाना अनिवार्य हो गया है। अगर आपकी गाड़ी पर यह स्टीकर नहीं होगा तो ट्रैफिक पुलिस सीधे 5,000 रुपये का चालान काट सकती है। जानिए इस नियम की पूरी जानकारी और कैसे बच सकते हैं भारी जुर्माने से।
क्या है फ्यूल टाइप स्टिकर लगाने का नया नियम?
पर्यावरण संरक्षण और स्मॉग कंट्रोल को लेकर दिल्ली सरकार ने यह नया कदम उठाया है। अब से हर वाहन के विंडशील्ड या नंबर प्लेट के पास एक रंगीन स्टीकर लगाना अनिवार्य कर दिया गया है, जो उसके फ्यूल टाइप को दिखाएगा।
- पेट्रोल और CNG वाहनों के लिए हरा स्टीकर होगा।
- डीजल वाहनों के लिए नारंगी रंग का स्टीकर लगाना अनिवार्य होगा।
यह नियम BS-IV और BS-VI नॉर्म्स वाली गाड़ियों पर खासतौर से लागू होगा। पुराने वाहनों को भी यह स्टीकर लगवाना जरूरी है।
स्टीकर न लगाने पर क्या होगी सजा?
अगर आपकी गाड़ी पर यह फ्यूल टाइप स्टिकर नहीं पाया गया तो दिल्ली ट्रैफिक पुलिस मोटर व्हीकल एक्ट की धारा के तहत 5,000 रुपये तक का चालान काट सकती है। इसके अलावा कुछ मामलों में गाड़ी जब्त भी की जा सकती है।
स्टीकर कहां से मिलेगा और कैसे लगवाएं?
फ्यूल टाइप स्टिकर आपको अधिकृत वाहन डीलरशिप, आरटीओ ऑफिस, या फिर ऑनलाइन पोर्टल्स से मिल सकता है। गाड़ी का रजिस्ट्रेशन नंबर, इंजन नंबर और फ्यूल टाइप वेरिफाई करने के बाद ही स्टीकर जारी किया जाता है। इसे सही तरीके से गाड़ी की विंडशील्ड पर लगाना होगा ताकि ट्रैफिक पुलिस आसानी से देख सके।
क्यों जरूरी है यह फ्यूल टाइप स्टीकर?
दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए यह कदम उठाया गया है। गाड़ियों से निकलने वाले धुएं पर नियंत्रण रखने और वाहनों की पहचान आसान बनाने के लिए यह स्टीकर अनिवार्य किया गया है। इससे पेट्रोल, डीजल और CNG वाहनों को अलग-अलग वर्गीकृत कर उनके खिलाफ ज़रूरी ऐक्शन लेना आसान होगा, खासकर ऑड-ईवन जैसे नियम लागू होने के समय।
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