नीमचमध्यप्रदेश

न्यूनतम वेतन एरियर के भुगतान हेतु सीटू ने दिया ज्ञापन

अल्ट्राटेक सीमेंट सिलवेल, ब्लू चिप, गोमाबाई नेत्रालय, परफेक्ट वायर, फिल्टर जैसे संस्थानों में अभी भी बड़ी हुई दर से वेतन नहीं दिये जाने से रोष


नीमच

सीटू के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष कामरेड शैलेंद्र सिंह ठाकुर ने जारी एक प्रेस नोट में आज बताया कि सेंटर ऑफ़ इंडियन ट्रेड यूनियन सीटू के प्रदेशव्यापी आव्हान के तारतम्य में आज नीमच के विभिन्न उद्योगों और शासकीय कार्यालय में कार्य करने वाले श्रमिक/ कर्मचारी ने न्यूनतम वेतन के एरियर के भुगतान और अन्य मांगों को लेकर एक ज्ञापन श्रमायुक्त के नाम डिप्टी कलेक्टर श्री राजेश शाह को सौंपा ।इसके पूर्व कलेक्टर कार्यालय स्थित हनुमान मंदिर से रैली बनाकर नारेबाजी करते हुए कलेक्टर कार्यालय के द्वार पर पहुंच कर श्रमिक एवं कर्मचारियों ने जोरदार नारेबाजी की। ज्ञापन का वचन सुनील शर्मा ने किया। ज्ञापन में उल्लेखित है कि पिछले न्यूनतम वेतन पुनरीक्षण की प्रक्रिया व परिणाम को देखने से स्पष्ट है कि उसमें प्रदेश के श्रमिकों के वैधानिक अधिकार पर कुठाराघात हुआ है । आपको भी विदित है कि न्यूनतम वेतन अधिनियम के तहत पांच वर्ष में न्यूनतम वेतन पुनरीक्षण के प्रावधान का पालन मध्यप्रदेश सरकार ने नहीं किया । यह भी आपकी जानकारी में है कि नवंबर 2019 से यह पुनरीक्षण किया गया लेकिन इसके हितलाभ 01 अप्रैल 2024 से दिए गए – इससे श्रमिकों को भारी क्षति पहुंचाई गई । इसी के साथ यह भी सर्वविदित है कि 01 अप्रैल 2024 से प्रभावशील इन पुनरीक्षित दरों को कानूनी लड़ाई में उलझा दिया गया, जिसका निराकरण माननीय म प्र उच्च न्यायालय के इंदौर खंडपीठ में 10 फरवरी 2025 की अंतिम सुनवाई के बाद 21 फरवरी को घोषित निर्णय के जरिए हुआ

आपके कार्यालय से 28 फरवरी 2025 को जारी परिपत्र से समूचे मध्यप्रदेश में 01 अप्रैल 2024 से पुनरीक्षित वेतन प्रभावशील हो गया । यह स्पष्ट है कि मार्च 2025 का वेतन, जिसका भुगतान अप्रैल 2025 में हुआ, बढ़ी दरों के साथ होने के साथ 01 अप्रैल 2024 से फरवरी 2025 तक एरियर्स का भुगतान होना था । मध्य प्रदेश के बड़े हिस्से में बढ़ी हुई दरों से वेतन भुगतान तो हुआ है लेकिन एरियर्स का भुगतान नहीं हुआ ।
स्पष्ट है कि न्यूनतम वेतन कानून के दायरे में आने वाले लाखों औद्योगिक एवं अन्य श्रमिक/कर्मचारी, ठेका, आउटसोर्सिंग, दैनिक वेतन भोगी एवं संविदा कर्मियों को वैधानिक रूप से देय राशि को हड़पा जा रहा है । यहां यह भी उल्लेख करना जरूरी है कि जहाँ जहाँ औद्योगिक एवं अन्य श्रमिक/कर्मचारी, ठेका, श्रमिक, आउटसोर्सिंग कर्मी, दैनिक वेतन भोगी एवं संविदा कर्मी बढ़ी हुई दरों से एरियर्स के भुगतान की मांग अपने-अपने नियोजकों से कर रहे हैं, वहां उन्हें न सिर्फ प्रताड़ित किया जा रहा है, बल्कि कई जगह तो उन्हें नौकरी से भी निकाला जा रहा है । ऐसी स्थिति में न सिर्फ आपके प्रभावी हस्तक्षेप की जरूरत है, बल्कि एरियर्स के भुगतान हेतु प्रभावी कदम उठाने की भी जरूरत है । इसलिए हमारी मांग है कि:-
1) 01 अप्रैल 2024 से बढ़ी दरों से वेतन के एरियर्स के भुगतान हेतु श्रम विभाग द्वारा विशेष अभियान चलाया जाए । इस संबंध में श्रम विभाग की ओर से कोई हेल्प लाइन नंबर जारी किया जाए जहां एरियर्स के भुगतान न होने की स्थिति में शिकायत दर्ज हो सके । इस हेतु श्रम विभाग के मैदानी अमले के लिए एक विशेष परिपत्र भी जारी किया जाए, जिसकी प्रति सभी केंद्रीय श्रमिक संगठनों को भी दी जाए ।2) तीन नए नियोजन जनवरी 2025 में बने हैं । यह न्यूनतम वेतन पुनरीक्षण नवंबर 2019 के आधार पर पांच वर्ष के लिए (अक्टूबर 2024 तक) हुआ । इस अवधि में टेक्स्टाइल संबंधी नियोजन पुराने अधिसूचित नियोजनों में शामिल थे । इसलिए इन नियोजनों में भी बढ़ी दरों के एरियर्स सहित विधिसम्मत भुगतान हेतु श्रम विभाग समुचित कदम उठाए ।3) चूंकि यह न्यूनतम वेतन पुनरीक्षण नवंबर 2019 से देय था अतः नवम्बर 2019 से मार्च 2024 तक के एरियर्स के भुगतान के लिए भी समुचित प्रक्रिया चलाई जाए । 4) चूँकि अक्टूबर 2024 में पूर्व के पुनरीक्षण के पांच वर्ष पूर्ण हो गए, इसलिए नए पुनरीक्षण की प्रक्रिया तुरंत प्रारंभ की जाए । इस पुनरीक्षण हेतु यह भी स्पष्ट निर्णय किया जावे की जब भी पुननिरीक्षण प्रक्रिया सम्पन्न हो, लेकिन भुगतान उसी दिनांक से हो, जिस दिनांक को पुनरीक्षण की अवधि (यानी पूर्व के पुनरीक्षण के पांच वर्ष पूर्ण हो) प्रारंभ हो जाती है । 5. नीमच जिला स्थित अल्ट्राटेक सीमेंट प्लांट, ब्लू चिप, सिलवेल, फिल्टर को, परफेक्ट वायर इंडस्ट्रीज, गोमाबाई नेत्रालय एवं अन्य कई बड़े संस्थानों में बड़ी हुई दर से न्यूनतम वेतन अभी तक नहीं दिया गया है। उचित कार्रवाई की जाए। बड़ी हुई दर से भुगतान न होने पर मजदूरों में असंतोष व रोष है।
हमें विश्वास है कि महोदया लाखों श्रमिकों व कर्मियो को वैधानिक रूप से देय एरियर्स तथा बढ़ी दरों से भुगतान सुनिश्चित कराने हेतु सक्षम कार्रवाई करेंगे । यदि ऐसा नहीं हुआ तो श्रमिकों-कर्मियों में बढ़ रहे असंतोष औद्योगिक शांति के लिए खतरा बन जावेगा, जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी प्रदेश के नियोजक वर्ग व श्रम विभाग की होगी । इस अवसर पर सूरज रियार , गोपाल बोरीवल, कपिल सैनी,संजय नामदेव,नरेंद्र कमलावा ,राजेश अहीर, नितिन मेहरा, दिलीप व्यास, चैन सिंह, जितेंद्र सिंह, उमाकांत सोलंकी, ललित घाने,अभय कुमार, सीटू के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष शैलेंद्र सिंह सहित नगर पालिका, कलेक्टर कार्यालय , श्रम विभाग ,खनिज विभाग,जिला पंचायत,विद्युत वितरण कंपनी, कृषि उपज मंडी एवं औद्योगिक क्षेत्र के कई श्रमिक कर्मचारी उपस्थित थे।

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