मंदसौर-नीमच जिले में एक भी खेत नहीं रहेगा सिंचाई से वंचित : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

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नीमच जिले के जावद में किया सांदीपनि विद्यालय भवन का लोकार्पण
मेधावी विद्यार्थियों को दिये लैपटाप
किसानों को सोलर पम्प देकर दिलाएंगे बिजली बिल से मुक्ति
सुखानंद को बनायेंगे धार्मिक पर्यटन केन्द्र
जावद के स्वास्थ्य केन्द्र का 100 बिस्तरीय अस्पताल में होगा उन्नयन
जावद में सुविधि रेयॉन्स की इकाई से सृजित होंगे 2 हजार रोजगार
मुख्यमंत्री ने 785 करोड़ लागत के विकास कार्यों का किया लोकार्पण और भूमि-पूजन
मन्दसौर 20 अप्रैल 2025 / मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मंदसौर और नीमच जिले के हर खेत को सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा प्रदेश को दी गई दो बड़ी राष्ट्रीय नदी जोड़ों परियोजना से पूरा मालवा क्षेत्र भी लाभान्वित होगा। किसानों को सोलर पम्प देकर उन्हें बिजली बिल से मुक्ति दिलाई जायेगी। किसान अब खुद सोलर प्लांट से बिजली उत्पादन करेंगे। अधिक बिजली उत्पादन होने की स्थिति में किसानों से सरकार बिजली भी खरीदेगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव रविवार को नीमच जिले के जावद में महर्षि सांदीपनि विद्यालय का लोकार्पण कर कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने 785 करोड़ रूपये की लागत के विकास कार्यों का लोकार्पण एवं भूमि-पूजन भी किया। साथ ही मेधावी विद्यार्थियों को लैपटॉप वितरित किये।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जावद में बने महर्षि सांदीपनि विद्यालय का भवन बहुत ही अद्भुत और सर्व सुविधा युक्त हैं। सांदीपनि विद्यालय परियोजना मध्यप्रदेश शासन की एक महत्वाकांक्षी पहल है, जो गरीब वर्ग के विद्यार्थियों को भी विश्व-स्तरीय गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के प्रधानमंत्री श्री मोदी के विज़न के साथ प्रारंभ की गई है। सांदीपनि विद्यालयों में सर्व संसाधन युक्त अधोसंरचना विकसित की गई है। इस विद्यालय में 1 कि.मी. से 15 कि.मी. दूरी से आने वाले बच्चों के लिए परिवहन सुविधा भी उपलब्ध करवाई गई है। विद्यार्थियों के समग्र विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से विषयवार शिक्षकों के साथ-साथ संगीत शिक्षक, नृत्य शिक्षक, कम्प्यूटर शिक्षक, खेल शिक्षक, मनोवैज्ञानिक, कॅरियर काउंसलर आदि भी नियुक्त किये गये है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने किया सुविधि रेयॉन्स प्राइवेट लिमिटेड यूनिट मोरवन, का भूमि-पूजन
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सुविधि रेयॉन्स प्राइवेट लिमिटेड का भूमि-पूजन किया। इस परियोजना से नीमच को राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर टेक्सटाइल हब के रूप में स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी। यह परियोजना 31 हेक्टेयर क्षेत्र में 350 करोड़ रुपये के निवेश से विकसित की जाएगी, जिससे लगभग 2000 प्रत्यक्ष रोजगार सृजित होंगे। यह इकाई “फार्म टू फैशन” की अवधारणा को रूप देगी, जिसमें कच्चे माल की खरीद किसानों से लेकर फिनिश्ड फैब्रिक तक की संपूर्ण प्रक्रिया स्थानीय स्तर पर संपन्न होगी। यह एक पूर्णतः एकीकृत टेक्सटाइल पार्क होगा, जिसमें 168 आधुनिक लूम्स, 30,000 स्पिंडल्स और तीन प्रोसेसिंग हाउस स्थापित किए जाएंगे। नीमच अब टेक्सटाइल क्षेत्र में नया इतिहास लिखने को तैयार है, जो मध्यप्रदेश को आत्मनिर्भर भारत के सपने की ओर अग्रसर करेगा।”
मुख्यमंत्री ने की कई महत्वपूर्ण घोषणाएं
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने घोषणा करते हुए कहा कि सुखानंद तीर्थ स्थल को धार्मिक पर्यटन का केंद्र बनाया जाएगा। थड़ोद स्थित हाई स्कूल को हायर सेकेंडरी स्कूल में उन्नयन किया जाएगा। सिंगोली स्थित स्वास्थ्य केंद्र का परीक्षण कर उन्नयन की कार्यवाही होगी। जावद में स्थित स्वास्थ्य केंद्र को 100 बिस्तरीय कर दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि एशिया में चीते प्रोजेक्ट की शुरुआत हुई है। मध्यप्रदेश ने इस प्रोजेक्ट में एक नया रिकॉर्ड बनाया है। प्राणियों के लिए भी सरकार ने चिंता की है। चीते की मध्यप्रदेश में अच्छी ग्रोथ देखने को मिली है। गांधीसागर में वन्य प्राणियों से लोगों को रोजगार मिलेगा। पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। इको सिस्टम अच्छा बनेगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कार्यक्रम में 10वीं और 12वीं कक्षा के मेधावी विद्यार्थियों को लैपटॉप प्रदान किए।
सांसद श्री सुधीर गुप्ता ने कहा कि मध्यप्रदेश नई दिशा की तरफ आगे बढ़ रहा है। प्रत्येक सप्ताह कुछ न कुछ नया देखने को मिल रहा है। आज नागरिकों के लिए बहुत ही खुशियों का अवसर है। शिक्षा के क्षेत्र में भारी बदलाव हुए हैं। सनातन संस्कृति, कृषि, उद्योग, शिक्षा के लिए सरकार ने काम किया है। साइबर तहसील के माध्यम से सारे काम ऑनलाइन हो रहे हैं। मध्यप्रदेश में रीजनल कॉन्क्लेव आयोजित किये गये। इसके साथ ही चीता आने से गांधी सागर अभयारण्य में पर्यटन की संभावना को नए पंख लगे हैं। पर्यटन का खजुराहो एक मार्ग था, अब दूसरा मार्ग नीमच से शुरू हुआ है।
जवाद विधायक श्री ओमप्रकाश ने कहा कि जावद की विकास परंपरा हमेशा आगे बढ़ने की रही है। आज जीवन में सबसे बड़ी खुशी का अवसर है। नीमच में उद्योग के निवेश से रोजगार की अपार संभावनाएं बढ़ेगी। और यह सब सरकार की प्रयासों संभव हुआ है। इस अवसर पर पूर्व केन्द्रीय मंत्री श्री सत्यनारायण जटिया, विधायक श्री दिलीप सिंह परिहार सहित जनप्रतिनिधि, प्रशासनिक अधिकारी, विद्यार्थी और बड़ी संख्या में नागरिक मौजूद रहे।.
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अत्यधिक गर्मी एवं लू से बचने के लिए नागरिक अपनायें सावधानियाँ
मंदसौर 20 अप्रैल 25/ कलेक्टर श्रीमती अदिती गर्ग ने बढ़ती गर्मी और लू की गंभीरता को देखते हुए नागरिकों से अपील की है कि वे सतर्क रहें और स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी निर्देशों का पूरी तरह पालन करें। उन्होंने कहा कि ग्रीष्मकाल के समय में सभी नागरिकों, विशेष रूप से बच्चों, बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं और बीमार व्यक्तियों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है। सरकार और प्रशासन पूरी तरह सतर्क और तैयार हैं। उन्होंने अपील की है कि सभी नागरिक सावधानियों का अवश्य पालन करें।
हाइड्रेटेड रहना है जरूरी
गर्मी के मौसम में शरीर में पानी की कमी होना आम समस्या है। इससे गंभीर बीमारियां उत्पन्न हो सकती हैं। नागरिक दिनभर पर्याप्त मात्रा में पानी पीते रहें, भले ही प्यास न लगे। यात्रा करते समय पानी अवश्य साथ रखें। ओआरएस, नींबू पानी, लस्सी, छाछ, फलों के रस (थोड़ा नमक मिलाकर) जैसे घरेलू पेय का सेवन लाभकारी होता है। तरबूज, खरबूजा, संतरा, अंगूर, अनानास, खीरा जैसी मौसमी फल-सब्ज़ियों का सेवन शरीर में तरलता बनाए रखने में सहायक होता है।
शरीर को ढँककर रखें
धूप में निकलते समय शरीर को पूरी तरह ढँकना बेहद जरूरी है। हल्के रंग के, सूती और ढीले कपड़े पहनें ताकि गर्मी से राहत मिल सके। सिर को टोपी, छतरी, गमछा या पारंपरिक उपायों से ढकना चाहिए। नंगे पांव धूप में जाना भी हानिकारक हो सकता है, इसलिए चप्पल या जूते पहनना अनिवार्य है।
घर को ठंडा और सुरक्षित बनाएँ
जहाँ तक हो सके, दोपहर के समय घर के अंदर या छांव में रहें। घर में ठंडी हवा का संचार बना रहे, इसके लिए दिन में खिड़कियां और पर्दे बंद रखें और रात में उन्हें खोल दें। बाहर जाना जरूरी हो, तो सुबह या शाम के ठंडे समय में ही जाएं। गर्मी के समय बाहरी गतिविधियों को सीमित करना आवश्यक है। घर में ठंडक बनाए रखने के लिए पर्दे, शटर या सनशेड का उपयोग करें। दिन में निचली मंजिल पर रहना ज्यादा सुरक्षित होता है। शरीर को ठंडा रखने के लिए पंखा, ठंडा पानी, गीले कपड़े, या 20°C के पानी में पैरों को डुबोना सहायक होता है।
विशेष ध्यान देने योग्य संवेदनशील वर्ग
छोटे बच्चे, बुजुर्ग, गर्भवती महिलाएं, मानसिक या शारीरिक बीमारियों से ग्रसित व्यक्ति और बाहर कार्य करने वाले लोग अधिक संवेदनशील होते हैं। इन लोगों को अतिरिक्त सुरक्षा और देखरेख की आवश्यकता होती है। ठंडे प्रदेश से गर्म प्रदेश में आने वाले लोगों को अपने शरीर को नई जलवायु के अनुसार ढालने के लिए समय देना चाहिए।
मौसम की जानकारी रखें
रेडियो, टीवी, समाचार पत्रों या भारत मौसम विज्ञान विभाग की वेबसाइट (https://mausam.imd.gov.in) से मौसम की ताज़ा जानकारी लेते रहें। मौसम की पूर्व चेतावनियों को गंभीरता से लें और उसी अनुसार अपने कार्यक्रम बनाएं।
बचाव के लिए ये गलतियां न करें
दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक बाहर न निकलें। इस समय गर्मी अपने चरम पर होती है। भारी कामकाज या शारीरिक मेहनत भी टालें। नंगे पांव बाहर न निकलें। गर्मी में खाना पकाते समय रसोई में वेंटिलेशन रखें। शराब, चाय, कॉफी, सॉफ्ट ड्रिंक्स या अधिक मीठे पेयों से बचें, ये शरीर से तरलता कम करते हैं। बासी और भारी प्रोटीन युक्त भोजन न करें। किसी भी परिस्थिति में बच्चों या पालतू जानवरों को बंद वाहन में न छोड़ें।
श्रमिकों और नियोक्ताओं के लिए विशेष निर्देश
काम की जगह पर ठंडा पेयजल उपलब्ध कराना अनिवार्य है और हर 20 मिनट में पानी पीने की सलाह दी जाए। काम को सुबह-शाम के समय शेड्यूल करें। छांव की व्यवस्था करें और कार्य के बीच पर्याप्त आराम दें। नए श्रमिकों के लिए कार्य का समय धीरे-धीरे बढ़ाएं ताकि वे मौसम के अनुसार ढल सकें। श्रमिकों को गर्मी से संबंधित लक्षणों की पहचान और प्राथमिक उपचार की ट्रेनिंग दें। ‘बडी सिस्टम’ अपनाएं और प्रशिक्षित फर्स्ट एड कर्मियों की व्यवस्था करें। गर्भवती या बीमार श्रमिकों के लिए डॉक्टर से परामर्श आवश्यक है।
भीड़-भाड़ वाले आयोजनों में सावधानी
खेलों या धार्मिक आयोजनों जैसे भीड़-भाड़ वाले आयोजनों में अत्यधिक गर्मी और पसीने के कारण हीट रिले़टेड इलनेस (एचआरआई) की संभावना बढ़ जाती है। ऐसे आयोजनों में पर्याप्त पानी, छांव और प्राथमिक उपचार की व्यवस्था अनिवार्य है। उपस्थित लोगों को लक्षणों की जानकारी होनी चाहिए।
गर्मी से होने वाली बीमारियां और लक्षण
अत्यधिक गर्मी से शरीर का तापमान ऊपर जा सकता है, जिससे हीट स्ट्रेस, हीट रैश, हाथ-पांव सूजना, मांसपेशियों की ऐंठन, चक्कर आना, हीट एक्सहॉशन और हीट स्ट्रोक जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इससे दिल, फेफड़े, किडनी जैसी पुरानी बीमारियां भी बढ़ सकती हैं। लक्षणों में चक्कर, बेहोशी, उल्टी, सिरदर्द, बहुत ज्यादा प्यास, गाढ़ा पेशाब, तेज़ सांस और दिल की धड़कन शामिल हैं। मांसपेशियों की ऐंठन होने पर तुरंत ठंडे स्थान पर आराम करें और ओआरएस पिएं। एक घंटे से अधिक ऐंठन रहने पर डॉक्टर से परामर्श लें।
हीट स्ट्रोक: जानलेवा स्थिति
हीट स्ट्रोक एक मेडिकल इमरजेंसी है। इसमें शरीर का तापमान 40°C से ऊपर हो सकता है और व्यक्ति बेहोश, भ्रमित या चिड़चिड़ा हो सकता है। त्वचा लाल, गर्म और सूखी हो जाती है। बच्चों में संकेत: दूध न पीना, चिड़चिड़ापन, पेशाब कम होना, आंखों का धंसना, सुस्ती या झटका आना, शरीर से खून आना आदि।
तुरंत क्या करें
108 या 102 पर कॉल करें। व्यक्ति को ठंडी जगह ले जाएं। ठंडा पानी लगाएं, पंखा करें। चिकित्सा सहायता आने तक ठंडा करते रहें।
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अलग अलग स्थानों पर लगाए गए प्याऊ सहित अन्य स्थानों से पर्याप्त पानी पीए
नींबू पानी, आम की केरी का पना, शिकंजी या मट्ठा अधिक से अधिक पियें
मंदसौर 20 अप्रैल 25 / वर्तमान में ग्रीष्म ऋतु के मौसम के दौरान बढ़ती धूप की तपन (लू) से सावधानी एवं शरीर को मौसमी बीमारी से बचाव हेतु आमजन को निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना आवश्यक है।
क्या करें-
घर से बाहर निकलने से पहले भरपेट पानी अवश्य पियें। धूप में जाते समय सूती कपड़े पहने और सिर और कान को सूती कपड़े से ढक कर रखें l धूप में घूमने वाले व्यक्ति नमक, शक्करयुक्त कोई तरल पदार्थ या ओ.आर.एस. घोल का अधिक सेवन करें। नींबू पानी, आम की केरी का पना, शिकंजी या मट्ठा अधिक से अधिक पियें। भरपेट भोजन करके ही बाहर निकलें। हमेशा ताजा भोजन, फल और सब्जियों खायें। यथा संभव धूप में अधिक न निकले।
क्या न करें
धूप में खाली पेट न निकलें। शरीर में पानी की कमी न होने दें। बुखार में शरीर का तापमान न बढ़ने दें, ठंडे पानी की पट्टी रखें। कूलर या कंडीशनर से धूप में एकदम न निकलें। मिर्च-मसाले युक्त भोजन न करें। बासी भोजन, बासी फल, बासी सलाद न खायें।
लू लगने पर
व्यक्ति को फौरन छायादार जगह में लिटायें l व्यक्ति के कपड़े ढील करें। उसे पेय पदार्थ, जीवन रक्षक घोल (ओ.आर.एस.), कच्चें आम का पानी पिलायें। ताप घटाने के लिये, व्यक्ति के सिर पर ठंडे पानी की पट्टी रखें। लू लगने पर नजदीकि स्वास्थ्य संस्था मे चिकित्सक से उपचार प्राप्त करे।
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अत्यधिक गर्मी के दृष्टिगत जिले में शाला संचालन हेतु दिशा निर्देश जारी
मन्दसौर 20 अप्रेल 25/ कलेक्टर श्रीमती अदिती गर्ग के निर्देशानुसार जिला शिक्षा अधिकारी मन्दसौर ने अत्यधिक गर्मी के दृष्टिगत शाला संचालन हेतु दिशा निर्देश जारी किए है। समस्त शासकीय / अशासकीय शालाओं में पालन किया जाना सुनिश्चित करें एवं प्रदत्त दिशा निर्देशों के अनुरूप शाला संचालन किये जाने की मॉनिटरिंग करें। शाला संचालन का समय पुनः निर्धारित करते हुऐ इसे प्रातः कालीन पाली में किया जावे एवं प्रातः 07:30 से 12:30 तक अध्यापन कार्य कराया जावे। यदि दोपहर पाली में शाला संचालन करना आवश्यक हो तो, प्रार्थना सभा (असेम्बली) का समय प्रातः 11:00 बजे के पश्चात नहीं रखा जावे। शालाओं में बच्चों एवं स्टाफ हेतु शुद्ध शीतल पेयजल की समुचित व्यवस्था की जावे, इसके लिए आवश्यक होने पर मटकों का क्रय किया जावे। सभी शालाओं में बच्चों हेतु पंखो की व्यवस्था की जावे एवं पंखे चालू हालत में रखे जावे। पंखो की फिटिंग्स की भी जांच कर ली जावे, इसके कारण होने वाले किसी भी प्रकार के हादसे से बचा जा सके। बच्चों एवं स्टाफ सदस्यों को तेज धूप में निकलते समय कपड़े टोपी की सहायता से सिर ढकने हेतु निर्देशित किया जावे ताकि उन्हें लू लगना, माइग्रेन जैसी समस्याओं से बचाया जा सके। शालाओं में स्टाफ, बच्चों को गर्मी जनित बीमारियों जैसे लू लगना, डिहाइड्रेशन आदि से बचाव हेतु प्राथमिक चिकित्सा की सामग्री की व्यवस्था भी नजदीकी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, ANM की सहायता से शाला में व्यवस्था रखी जावे ताकि किसी भी प्रकार की आकस्मिकता की स्थिति में इसका उपयोग किया जा सके। शाला का संचालन यथा सम्भव स्वच्छ, हवादार एवं ठण्डे स्थान पर ही किया जावे। इसके अतिरिक्त गर्मी के समय पर विद्युत शार्ट सर्किट एवं अन्य कारणों से आगजनी जैसी घटनाएँ भी होती है, इसके लिए पर्याप्त सावधानी एवं सुरक्षा के प्रबन्ध किये जावे।
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ग्रीष्म ऋतु में पशुओं का हीट स्ट्रोक से बचाव
मंदसौर 20 अप्रैल 25/ उपसंचालक पशुपालन विभाग द्वारा बताया गया है कि ग्रीष्म ऋतु में माह अप्रैल, मई जुन में अत्यधिक तापमान होने से पशुओं पर इसका सीधा असर होता है। हीट स्ट्रोक होने पर पशु सुस्त हो जाते है, पशु सिर नीचे रखते हुये मुँह खोल कर साँस लेते है। पशु के शरीर का तापमान बढ जाता है पशु के मुँह से लार गिरती है श्वांस गति बढ़ जाती है एवं नाक व नथुने सुख जाते है। पशु का दुग्ध उत्पादन अचानक कम हो जाता है। हीट स्ट्रोक से बचाव हेतु पशुओं को चारा दाना सुबह जल्दी एवं देर शाम को दे क्योंकि इनके पाचन से शरीर में उष्मा पैदा होती हैं। दिन में पशुओं को हरा चारा देवे इससे आवश्यक खनिज तत्व एव पानी की पूर्ति होगी। पशुओं को स्वच्छ ठंडा जल दिन में चार से पांच बार पिलाये । पशुओं को रखने का स्थान साफ एवं खुला हवादार होना चाहिये। पशुशाला में टाट बोरिया आदि भिगोकर लगा सकते है। पशुशाला में पखे एवं पानी के फव्वारे भी उपयोग कर सकते हैं। पशुओं को सुबह शाम ठंडे पानी से नहलाये ।
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कलेक्टर श्रीमती गर्ग ने चारा एवं भूसे के निर्यात पर 30 जून तक प्रतिबंध लगाया
उल्लंघन पर म.प्र. पशु चारा निर्यात नियंत्रण प्रावधानों के तहत होगी दण्डात्मक कार्यवाही
मन्दसौर 20 अप्रेल 25/ कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी श्रीमती अदिती गर्ग ने जिले में चारा एवं भूसे के निर्यात को रोकने के लिए पर 30 जून तक प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया है। मंदसौर जिला अंतर्गत चारा/भुसा के निर्यात होने व अन्य कारणों से पशुओं के भुसा एवं चारा आदि की कमी होने की आशंका है। जिले मे उत्पादित भुसा एवं चारे को पशुओं हेतु पर्याप्त मात्रा में आपूर्ति एवं संग्रहण करना आवश्यक है।
म०प्र० पशु चारा (निर्यात नियंत्रण) आदेश 2000 के निहित प्रावधानों के अधीन प्रदत्त
शक्तियों को प्रयोग करते हुए पशुओं के आहार में आने वाले सभी प्रकार के चारा, भुसा, घास, ज्वार आदि पशु चारे का उपयोग ईंट भट्टे में जलाने, फैक्ट्रियों में जलाने एवं जिले की सीमा से बाहर निर्यात को तत्काल प्रभाव से 30 जून 2025 तक के लिए प्रतिबन्ध लगाया गया है। समस्त प्रकार के भुसा, चारा, घास, कड़वी आदि को कोई भी कृषक, व्यापारी, व्यक्ति या निर्यातक संस्था किसी भी प्रकार के वाहन, नाव, मोटर-ट्रक, बैलगाड़ी एवं रेल्वे अथवा अन्य साधन द्वारा जिले के बाहर बिना कार्यपालिक मजिस्ट्रेट की लिखित अनुमति के निर्यात नहीं करेगें। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। उक्त आदेश का उल्लंघन होने पर म.प्र. पशु चारा
(निर्यात नियंत्रण) आदेश 2000 के निहित प्रावधानों के तहत दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी।
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वाहन रैली के लिए ऑरेंज, चल समारोह के लिए लाल रंग की पोशाक तय- ब्राहमण मातृशक्ति का निर्णय
सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा कन्या पूजन एवं भण्डारे के साथ सम्पन्न
गवान श्री कृष्ण और सुदामा की मित्रता की झांकी ने सबको भावविभोर किया
मन्दसौर । स्थानीय स्नेह नगर स्थित द्वादश ज्योतिर्लिंग मंदिर परिसर में आयोजित सात दिवसीय संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा की विश्रांति रविवार को हुई। कथा के सातवें दिन भगवान श्री कृष्ण और सुदामा की मित्रता की झांकी प्रस्तुत की गई। कथा के पश्चात् हवन का आयोजन हुआ। तत्पश्चात् कन्या पूजन से महाप्रसादी प्रारंभ हुई जो देर शाम तक चलती रही जिसमें हजारों की संख्या में भक्तों ने उपस्थित होकर प्रसाद ग्रहण किया।
कथा वाचक पं. श्री सत्यनारायणजी शर्मा प्रतापगढ़ वाले ने भगवान श्री कृष्ण और उनके परम मित्र सुदामा के प्रसंग का वर्णन किया, जिससे श्रद्धालु भाव-विभोर हो गए।
कथा वाचक ने बताया कि सुदामा जी भगवान श्री कृष्ण के परम भक्त थे और उनकी भक्ति में लीन रहते हुए भी दरिद्रता का सामना कर रहे थे। एक दिन उनकी पत्नी ने उन्हें द्वारका जाने और श्री कृष्ण से सहायता लेने की सलाह दी। सुदामा जी द्वारका पहुंचे, जहां भगवान श्री कृष्ण ने उन्हें पहचानकर उन्हें गले लगाया और उनका सम्मान किया। भगवान ने सुदामा जी को अपार धन और सुख प्रदान किया, जिससे उनकी दरिद्रता समाप्त हो गई।
कथा के समापन अवसर पर कन्या पूजन और भण्डारे का आयोजन किया गया। कन्या पूजन में क्षेत्रवासियों, महिला भक्त मंडल और उपस्थित श्रद्धालुओं ने भाग लिया। भण्डारे में हजारों भक्तों ने महाप्रसाद ग्रहण किया और पुण्य के भागीदार बने।
इस आयोजन में कथा आयोजक ए.पी. शर्मा, धीरज पाठक, हंसराज रौंदवाल (एमपीईबी), महिला भक्त मंडल और अन्य श्रद्धालुओं का विशेष योगदान रहा।
यह जानकारी मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी किरण शर्मा ने दी।
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मंदसौर। जिला कलेक्टर के निदेर्शानुसार खाद्य सुरक्षा प्रशासन द्वारा दलौदा क्षेत्र में नायब तहसीलदार पुष्पेन्द्र हटिला के साथ तीन संस्थाओंं का औचक निरीक्षण किया गया एवं सेम्पल जब्त किये गये।
खाद्य सुरक्षा अधिकारी बी एस जामोद ने बताया कि गुणवत्ता स्तर की जांच वास्ते कलेक्टर के निर्देश पर दलौदा नायब तहसीलदार के साथ दिनांक 20 अप्रैल रविवार को कृष्णा फैमिली रेस्टोरेन्ट एवं ढाबा दलौदा महू – नीमच रोड से लस्सी, आर.डी. होटल महू – नीमच रोड दलौदा से पनीर और राजस्थानी अपना ढाबा एवं रेस्टोरेन्ट महू – नीमच रोड दलौदा से ग्रेवी के नमुने लिये गये। जो जांच वास्ते राज्य खाद्य प्रयोगशाला भोपाल भेजे गये । जांच रिपोर्ट आने पर आगामी कार्यवाही की जायेंगी। सभी होटल, ढाबा, रेस्टोरेन्ट संचालकों को उचित साफ – सफाई के साथ व्यवसाय करने के निर्देश दिये गये। गर्मी को ध्यान में रखते हुए मिल्क उत्पादों का उचित डीप फ्रीज में रख कर व्यवसाय करने के निर्देश दिये गये है। कार्यवाही लगातार जारी रहेगी।