प्राइवेट होंगे मध्य प्रदेश के जिला अस्पताल, निजीकरण की राह पर मोहन यादव कैबिनेट

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प्राइवेट होंगे मध्य प्रदेश के जिला अस्पताल, निजीकरण की राह पर मोहन यादव कैबिनेट
भोपाल। मध्य प्रदेश में पीपीपी मोड पर मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए अब प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों को जिला अस्पतालों से संबद्धता को लेकर राज्य सरकार नई नीति लेकर आई है। डॉक्टर्स के विरोध के बावजूद राज्य सरकार ने तय किया है कि जिला अस्पतालों को निजी कॉलेजों से संबद्ध किया जाएगा इसके बाद जिला अस्पतालों का संचालन सरकारी और निजी हॉस्पिटल की समिति संयुक्त रूप से करेगी मुख्यमंत्री मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई उधर, सरकार के इस फैसले का विरोध भी शुरू हो गया है चिकित्सा महासंघ ने कहा है कि आखिर सरकार सरकारी अस्पतालों से संबद्धता देना ही क्यों चाहती हैं।उधर, निजी मेडिकल कॉलेजों से जिले के सरकारी अस्पताल को संबद्ध किया जाएगा. सरकारी डॉक्टर्स के विरोध के बाद अब सरकार ने निर्णय लिया है कि संबद्धता के बाद सरकारी हॉस्पिटल का संचालन सिविल सर्जन और निजी मेडिकल कॉलेज के डीन साथ मिलकर करेंगे. इसके लिए एक कमेटी गठित की जाएगी, इसमें हॉस्पिटल से जुड़े निर्णय लिए जाएंगे. इसमें 75 फीसदी मरीजों का इलाज पूर्व की तरह सरकारी दरों पर किया जाएगा. उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने सरकारी हॉस्पिटल से निजी मेडिकल कॉलेज की संबद्धता के फायदे गिनाते हुए कहा कि ” इससे सरकारी हॉस्पिटल की गुणवत्ता में सुधार होगा और आम आदमी को बेहतर तरीके से इलाज मिल सकेगा।चिकित्सा महासंघ ने सरकार के इस फैसले का विरोध किया है. चिकित्सा महासंघ के संयोजक डॉ. राकेश मालवीय ने कहा कि ” आखिर सरकार सरकारी जिला अस्पतालों से निजी मेडिकल कॉलेज को संबद्ध क्यों करना चाहती है?. सरकारी अस्पतालों में निजी मेडिकल कॉलेजों का किसी भी तरह से संबद्धता नहीं होनी चाहिए. यदि सरकार चाहती ही है तो जिस तरह नर्सिंग कॉलेजों के छात्र आकर सरकारी मेडिकल कॉलेजों में आकर प्रेक्टिस करते हैं, वैसी ही व्यवस्था की जानी चाहिए सरकारी अस्पतालों को स्वतंत्र रखा जाए।