समाचार मध्यप्रदेश रतलाम 10 अप्रैल 2025 शुक्रवार

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जिले में नरवाई प्रबंधन हेतु विभिन्न दलों का गठन
प्रचार प्रसार हेतु रथ को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया गया
रतलाम 09 अप्रैल 2025/ कलेक्टर श्री राजेश बाथम के निर्देश पर अपर कलेक्टर डा. शालिनी श्रीवास्तव ने नरवाई प्रबंधन हेतु निगरानी दल का गठन किया है। अपर कलेक्टर डा. श्रीवास्तव द्वारा जिले में नरवाई प्रबंधन प्रचार प्रसार हेतु रथ को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया गया।
जारी आदेश के अनुसार नरवाई प्रबंधन हेतु समुचित मात्रा में प्रत्येक विकासखण्ड में हैप्पी सीडर/सुपर सीडर की स्वीकृति, उपलब्धता सहायक कृषि यंत्री सुनिश्चित करेंगे। गठित निगरानी दल में संबंधित क्षेत्र के नायब तहसीलदार, कृषि विस्तार अधिकारी तथा थाना प्रभारी, पटवारी तथा कोटवार को शामिल किया गया है। सेटेलाइट से प्राप्त प्रतिदिन की घटनाएं उपसंचालक कृषि के माध्यम से उपलब्ध कराई जाएगी। जानकारी प्राप्त होने के 48 घंटे के भीतर निगरानी दल द्वारा स्थल पर पहुंचकर पंचनामा तैयार कर तहसील कार्यालय को प्रस्तुत किया जाएगा तथा तहसीलदार संबंधित अपचारी कृषकों को युक्तियुक्त अवसर प्रदान कर एवं सुनवाई कर 15 दिवस के अन्दर अर्थदण्ड अधिरोपित करेंगे।
उक्त आदेश का पालन कराए जाने तथा उल्लंघन की स्थिति निर्मित न हो, इस हेतु पर्यवेक्षण दल का भी गठन किया गया है जिसमें संबंधित क्षेत्र के अनुविभागीय अधिकारी, अनुविभागीय कृषि अधिकारी तथा वरिष्ठ विकास अधिकारी को जिम्मेदारी सौंपी गई है। गठित दल द्वारा नरवाई में आग लगाने के दोषी कृषको के विरुद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।
जिला स्तरीय मानिटरिंग दल में पर्यवेक्षक दल के सदस्य, अपर कलेक्टर एवं अपर जिला मजिस्ट्रेट अध्यक्ष, उपसंचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास सदस्य, सहायक कृषि यंत्री किसान कल्याण तथा कृषि विकास सदस्य मनोनीत किए गए हैं।
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आइस फैक्ट्री में अमोनिया गैस रिसाव के बाद अब स्थिति नियंत्रण में
रतलाम 09 अप्रैल 2025/ जिले के जावरा में औद्योगिक क्षेत्र स्थित पोरवाल आइस फैक्ट्री में अमोनिया गैस रिसाव के बाद अब स्थिति नियंत्रण में एवं सामान्य है। घटना में कोई जनहानि अथवा किसी प्रकार का नुकसान नहीं हुआ है।
मंगलवार की रात्रि लगभग 10:15 बजे गैस रिसाव शुरू हुआ था। एसडीएम जावरा श्री त्रिलोचन गौड ने बताया कि स्थानीय प्रशासन को खबर मिलने पर तत्काल एसडीएम, सीएसपी, तहसीलदार, नगर पालिका अधिकारी आदि प्रशासनिक अमला मौके पर पहुंचा। फैक्ट्री के अंदर सेफ्टी किट पहनकर कर्मचारियों को भेजा गया जिनके द्वारा रिसाव बंद किया गया। फायर ब्रिगेड वाहनों द्वारा प्रभावित क्षेत्र में तत्काल वाटर स्प्रे करवाया गया जिससे गैस का विपरीत प्रभाव खत्म हो गया। एसडीएम ने बताया कि इस घटना में कोई जनहानि नहीं हुई है, किसी को भी कोई विशेष स्वास्थ्य संबंधी समस्या परिलक्षित नहीं हुई है अब स्थिति नियंत्रण में एवं सामान्य है।
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जिले में संचालित शासकीय, अशासकीय स्कूलों के समय में परिवर्तन
रतलाम 09 अप्रैल 2025/ कलेक्टर श्री राजेश बाथम के निर्देशानुसार अपर कलेक्टर डा. शालिनी श्रीवास्तव ने भीषण गर्मी एवं तापमान में वृद्धि के दृष्टिगत जिले के अन्तर्गत संचालित समस्त शासकीय, अशासकीय, सीबीएसई, आईसीएसई, माध्यम शिक्षा मण्डल एवं समस्त बोर्ड से सम्बद्ध विद्यालयों का कक्षा नर्सरी से 12 वीं तक के विद्यार्थियों हेतु संचालन का समय प्रातः 7.00 बजे से दोपहर 12.00 बजे तक नियत किया गया है।
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जिला पंचायत सामान्य सभा की बैठक 16 अप्रैल को
रतलाम 09 अप्रैल 2025/ सीईओ जिला पंचायत श्री श्रृंगार श्रीवास्तव ने बताया कि जिला पंचायत सामान्य सभा की बैठक 16 अप्रैल को दोपहर 3.00 बजे जिला पंचायत सभाकक्ष में आयोजित की जाएगी।
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आधुनिक सुविधाओं से विस्तारित हुआ जावरा चिकित्सालय विधायक डॉ. राजेंद्र पाण्डेय के प्रयास रंग लाये
रतलाम 09 अप्रैल 2025/ कहा जाता है स्वस्थ तन तो स्वस्थ मन। इसी वाक्य को चरितार्थ करते हुए जावरा में सिविल हॉस्पिटल में विभिन्न सुविधाओं का विस्तार करते हुए आमजन को स्वस्थ रखने का सफल प्रयास जारी है। एक वर्ष में यहां एक लाख मरीजो का उपचार किया गया।
उल्लेखनीय है कि विधायक डॉ. राजेंद्र पाण्डेय के प्रयासों से सिविल हॉस्पिटल जावरा का स्वास्थ्य सेवाओं का निरंतर कायाकल्प हो रहा है। नई मेटरनिटी विंग एवं बच्चों के एनआरसी तथा एनबीएसयू वार्ड, न्यूओपीडी ब्लॉक के साथ साथ डायलिसिस सेंटर, डिजिटल एक्सरे, आधुनिक लेब सेंटर, दो ऑक्सीजन प्लांट की सुविधाएं रोगियों को निरन्तर मिल रही है। साथ पुराने सिविल हॉस्पिटल जावरा के भवन तथा वार्डो का भी विधायक डॉ. पाण्डेय ने कायाकल्प करवाकर आम जनता को सुविधा उपलब्ध कराई है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. संध्या बेलसरे के मार्गदर्शन में एवं सिविल हॉस्पिटल जावरा प्रभारी डॉ. दीपक पालड़िया के निर्देशन में सिविल हॉस्पिटल जावरा की ओपीडी में एक अप्रैल 24 से 31 मार्च 25 तक 106415 रोगियों ने उपचार करवाया है। साथ ही 13079 रोगियों को भर्ती रहने के दौरान भोजन, दवाईयां,परिवहन की सुविधा निःशुल्क मिली है। सिविल हॉस्पिटल जावरा की अत्याधुनिक लेब में 193671 रोगियों की निःशुल्क जांच की गई है । वर्तमान में लेब सेंटर पर 134 प्रकार की जांच की जा रही है।
विधायक निधि से प्रदत डिजिटल एक्सरे मशीन से 12303 एक्सरे किया गया तथा 2283 किडनी पेशेंट की डायलिसिस की गई है। 1008 रोगियों की निःशुल्क ईसीजी की गई है।विधायक डॉ. पाण्डेय के प्रयासों से मिली नई मेटरनिटी विंग में 3802 डिलेवरी संपादित की गई, जिसमें से 420 डिलेवरी वाली महिलाओं के सिजेरियन ऑपरेशन निःशुल्क किए गए, 9044 गर्भवती महिलाओं की जांच कर उपचार किया गया। साथ परिवार कल्याण कार्यक्रम के अंतर्गत 1137 नसबंदी ऑपरेशन डॉ. दीपक पालड़िया, डॉ. अतुल मंडवारिया द्वारा किए गए। महिला व बाल चिकित्सालय में न्यू एनआरसी वार्ड में 337 बच्चों को एवं एनबीएसयू वार्ड में 556 नवजात शिशुओं को भर्ती कर डॉ. घनश्याम पाटीदार ने उनका उपचार किया। इसके अलावा पूरे वर्ष में 1622 लोगों को डॉग बाइट इंजेक्शन लगाए गए।
एनसीडी कार्यक्रम के अंतर्गत डॉ. विजय पाटीदार ने 9427 लोगों को ब्लड प्रेशर की जांच कर तथा 1348 लोगो को शुगर की दवाइयां दी गई। ब्लाक के मीडिया प्रभारी श्री शैलेन्द्र कुमार दवे ने बताया कि विधायक डॉ. पाण्डेय के प्रयासों से सिविल हॉस्पिटल में आलोट, ताल, पिपलौदा, खाचरोद, नामली एवं जावरा तहसील के लोगों को सारी स्वास्थ्य सुविधाएं सिविल हॉस्पिटल जावरा में मिलने से अब इधर उधर भटकना नहीं पड़ रहा है तथा आयुष्मान योजना का लाभ भी मरीजों को निरन्तर मिल रहा है। सिविल हॉस्पिटल जावरा में हड्डी रोग से संबंधित जटिल सर्जरी भी डॉ. अजय सिंह राठौर द्वारा की जा रही है। इन स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार से जावरा विधानसभा क्षेत्र के अलावा आसपास के क्षेत्र के आमजन भी लाभ ले रहे है।
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ग्रीष्म ऋतु में लू (तापघात) के प्रकोप से बचाव हेतु आवश्यक सुझाव
रतलाम 09 अप्रैल 2025/ जिले में बढ़ते तापमान को देखते हुये ग्रीष्म ऋतु में लू (तापघात) के प्रकोप से बचाव हेतु एडवायजरी जारी की गई है। लू (तापघात) से बचाव एवं उपचार हेतु जारी एडवायजरी में दिये गये सुझावों का पालन करें।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. संध्या बेलसरे ने नागरिकों से अपील की है कि लू (तापघात) के लक्षण दिखाई देते ही निकट के अस्पताल में संपर्क कर आवश्यक दवा का उपयोग सुनिश्चित करें। लू (तापघात) के प्रकोप से बचाव के उपाय करें। उन्होंने बताया कि ग्रीष्म ऋतु में लू लगने से गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती है। वृद्ध, बच्चे, खिलाड़ी, धूप में काम करने वाले श्रमिक सर्वाधिक खतरे में रहते हैं। पसीना न आना, गर्म-लाल एवं शुष्क त्वचा, मतली, सिरदर्द, थकान, चक्कर आना, उल्टियां होना, बेहोश हो जाना एवं पुतलियां छोटी हो जाना लू (तापघात) के प्रमुख लक्षण एवं संकेत हैं।
गर्मी व लू से बचाव के लिए गर्मी व तापघात से बचाव के लिए खूब पानी पीये व खाली पेट न रहें, शराब व चाय-कॉफी के अधिक सेवन से बचें, ठण्डे पानी से नहाएं, सर ढके व हल्के रंग के ढीले व पूरी बांह के कपड़े पहने, बच्चों को बंद वाहनों में अकेला न छोड़े, दिन में 12 से 04 के मध्य बाहर जाने से बचें, धूप में नंगे पाँव न चलें, बहुत अधिक भारी कार्य न करें। बाहर निकलना आवश्यक हो तो छतरी व धूप के चश्मे का उपयोग करें, धूप में निकलने से पहले कम से कम दो गिलास पानी अवश्य पीये, बुखार व लू लगने पर निकट के अस्पताल में संपर्क कर आवश्यक दवा का उपयोग सुनिश्चित करें। ओ.आर.एस. का घोल, नारियल पानी, छाछ, नींबू पानी, फलों का रस इत्यादि का सेवन लाभदायक होता है। इनका सभी उपायों का उपयोग कर गर्मी के प्रभाव से बचा जा सकता हैं।
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खाद्य सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन
रतलाम 09 अप्रैल 2025/ मध्यप्रदेश में विभिन्न स्थानों पर विक्रय किए जाने वाले जंक फूड, स्ट्रीट फूड एवं फास्ट फूड की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से आयुक्त खाद्य सुरक्षा श्री संदीप यादव के निर्देशानुसार एक माह तक व्यापक स्तर पर निरीक्षण, जाँच, प्रशिक्षण एवं जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। चौपाटी दो बत्ती रतलाम स्थित स्ट्रीट फूड वेंडर्स के लिए खाद्य सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया।
इस अवसर पर चौपाटी स्थित प्रतिष्ठानों के संचालकों को खाद्य सुरक्षा के विभिन्न पहलुओं पर प्रशिक्षण दिया गया, जिनमें प्रमुख बिंदु शामिल थे – साफ-सफाई: परिसर की स्वच्छता सुनिश्चित करना। उचित भंडारण: खाद्य पदार्थों को ढककर रखना एवं जल्दी खराब होने वाले खाद्य पदार्थों को 4 डिग्री से कम तापमान पर संरक्षित करना। सुरक्षित सामग्री का उपयोग: मोनोसोडियम ग्लूटामेट, अजीनोमोटो, खाद्य रंग, फ्लेवर एवं आर्टिफिशियल स्वीटनर का सीमित एवं सुरक्षित उपयोग। कच्चे माल एवं तैयार खाद्य पदार्थों की समय-समय पर जाँच। उपभोक्ता संतुष्टि: ग्राहकों की शिकायतों एवं सुझावों पर त्वरित कार्रवाई। जंक फूड एवं खाद्य एडिटिव्स के अधिक उपयोग के नुकसान।
विशेषज्ञों द्वारा बताया गया कि जंक फूड एवं फास्ट फूड में अत्यधिक फूड एडिटिव्स, आर्टिफिशियल फ्लेवर एवं प्रिज़र्वेटिव्स का अनियंत्रित उपयोग स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। इनमें MSG, सिंथेटिक रंग, आर्टिफिशियल स्वीटनर एवं ट्रांस फैट शामिल होते हैं, जो मोटापा एवं हृदय रोग को बढ़ावा देते हैं। पाचन तंत्र को प्रभावित कर सकते हैं और गैस्ट्रिक समस्याएँ पैदा कर सकते हैं। एलर्जी एवं हाइपरएक्टिविटी जैसी समस्याओं का कारण बन सकते हैं, विशेषकर बच्चों में। लंबे समय तक अत्यधिक सेवन से कैंसर एवं अन्य गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है।
प्रशिक्षण प्रीति मंडोरिया एवं ज्योति बघेल खाद्य सुरक्षा अधिकारी द्वारा दिया गया। उपस्थित सभी खाद्य प्रतिष्ठान संचालकों ने खाद्य सुरक्षा नियमों का पालन करने का संकल्प लिया। 9 अप्रैल को श्री देव नारायण दुध डेयरी दो बत्ती रतलाम से गाय के दूध, पनीर के नमूने लिए गए।
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