लोगों की प्यास बुझाने वाली पेयजल टंकी सरपंच द्वारा भ्रष्टाचार की आग में 15 वर्षों से खुद प्यासी

सुवासरा विधायक हरदीप सिंह डंग के गृह क्षेत्र में
मंदसौर जिला मुख्यालय के समीपस्थ सुवासरा तहसील में विधायक निवास से कुछ ही दूरी पर बसा हुआ गांव किशोरपुरा है। इस गांव की सबसे दयनिय स्थिति यह है ,कि इस गांव में पीने के पानी की व्यवस्था को सुचारू बनाए रखने के लिए मध्य प्रदेश शासन द्वारा आज से,,15,, वर्ष पूर्व लाखों रुपए खर्च कर पानी की टंकी का निर्माण करवाया था, इस निर्माणाधीन पानी की टंकी को गांव की जनता की प्यास बुझाने के लिए बनवाया था लेकिन टंकी बेचारी क्या जाने कि वह खुद 15 साल से प्यासी है। इसकी सूझबूझ लेने वाला कोई नहीं, इस टंकी के अंदर पानी भरने के लिए मध्य प्रदेश शासन द्वारा 30 लाख रुपए पाइपलाइन के भी मंजूर किए गए थे लेकिन उन 30 लाख रूपयों के पाइप का आज तक पता नहीं चला कि यह पाइप कहां गए हैं। और इस किशोरपुरा गांव में बनी यह विशाल पेयजल टंकी आज तक सूखी पड़ी है। इसी गांव के ठाकुर साहब नरेंद्र सिंह पिता फतेह सिंह जाति राजपूत द्वारा बताया गया कि किशोरपुरा ग्राम पंचायत का पूर्व सरपंच राजेंद्र सिंह पिता शंभू सिंह द्वारा इस पाइपलाइन की राशि का दुरुपयोग किया गया है, और उनकी दादागिरी के चलते गांव के लोग कुछ बोलने को तैयार नहीं है। नरेंद्र सिंह जी का यह भी कहना है कि यहां पंचायत कार्यालय जिसके मेंन दरवाजे को अंदर से लॉक किया गया है, ताकि किसी अधिकारी को सामने से देखने पर पंचायत खुली हुई ऐसा प्रतीत हो, जबकि इस पंचायत कार्यालय के पीछे एक दरवाजा और भी है ।जो नरेंद्र सिंह द्वारा बताया जा रहा है उसपर ताला लगा हुआ है।जो तिज त्योहार पर ही खुलता है। और उनके द्वारा यह भी बताया गया कि इसी गांव के गोपाल पिता रामलाल जाति बागरी समाज के अत्यंत गरीब व्यक्ति हैं।उसकी पुत्री को 2 वर्ष पूर्व करंट से झूलसने से मृत्यु हो गई थी उसकी सहायता दिलवाना तो दूर उसे आज तक अंत्येष्टि राशि भी नहीं दी गई। जिसको लेकर गोपाल बागरी आज तक कलेक्टर कार्यालय एवं अन्य कार्यालयों की दर-दर ठोकरें खा रहा है। एवं नरेंद्र सिंह द्वारा बताया गया कि सुवासरा से लगी हुई करोड़ों रुपए की शासकीय भूमि पर पूर्व सरपंच द्वारा अवैध कब्जा करके एक मकान बना रखा है उसमे असामाजिक प्रवृत्ति के लोगों को रखा हुआ है, जो कोई इन पूर्व सरपंच साहब राजेंद्र सिंह पिता शंभू सिंह के खिलाफ आवाज उठाने का प्रयास करता है, उसे यह लोग सबक सिखाने का कार्य करते हैं ठाकुर नरेंद्र सिंह फतेह सिंह द्वारा बताया गया कि मैंने इस पेयजल टंकी का एवं शासकीय भूमि को लेकर शासन प्रशासन को कई बार अवगत कराने की कोशिश भी की तो उनके गुर्गों द्वारा मुझे भी जान से मारने की धमकियां दी गई, अब देखना यह है कि क्या नवनिर्मित पानी की टंकी की प्यास बुझ पाएगी या नहीं ,क्या इस गांव वाले पानी के लिए इसी तरह तरसते रहेंगे इस और शासन प्रशासन को ध्यान देने की महत् आवश्यकता है।
रिपोर्ट –बी एल चौधरी
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