नीमच

सड़क दुर्घटनाओं और सुरक्षित यातायात को लेकर सांसद गुप्ता ने लोकसभा में प्रश्न किया


केन्द्रीय मंत्री नितिन गड़करी ने कहा 2030 तक सड़क दुर्घटनाओं में 50 प्रतिशत की कमी लाने का लक्ष्य है

मंदसौर/नीमच – भारत 2030 तक सड़क यातायात के कारण होने वाली मौतों और चोटों की संख्या को 50ः तक कम करने के लिए प्रतिबद्ध है। उक्त बात सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन जयराम गडकरी ने सांसद गुप्ता के पूछे गए प्रश्न के जवाब में कही। प्रश्नकाल के दौरान सांसद सुधीर गुप्ता ने कहा कि  विगत दो वर्षों में प्रत्येक वर्ष तथा वर्तमान वर्ष के दौरान कुल कितनी सड़क दुर्घटनाएं हुई हैं, कितनी संसूचित मौतें हुई हैं और कितने लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं।
और सरकार द्वारा हाल ही में राजधानी में दो दिवसीय ग्लोबल रोड इंफ्राटेक शिखर सम्मेलन एवं एक्सपो का आयोजन किया गया था और उक्त एक्सपो का विषय क्या था। उन्होने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं से सकल घरेलू उत्पाद में तीन प्रतिशत की आर्थिक हानि होती है । उन्होने कहा कि सरकार द्वारा बेहतर सड़क सुरक्षा उपायों को लागू करने तथा नई प्रौद्योगिकियों तथा संधारणीय पुनर्चक्रणीय निर्माण सामग्री को अपनाकर सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए रणनीति विकसित करने के लिए कौन से कदम उठाए गए हैं।
केन्द्रीय मंत्री ने बताया कि सड़क सुरक्षा के लिए 6 से 7 मार्च, 2025 के दौरान नई दिल्ली में इंटरनेशनल रोड फेडरेशन (आईआरएफ), एक निजी संस्था द्वारा ग्लोबल रोड इंफ्रा समिट एंड एक्सपो (2025) का आयोजन किया गया। दिल्ली इंटेग्रेटेड मल्टी-मॉडल ट्रांजिट सिस्टम (डीआईएमटीएस) द्वारा आईआईटी दिल्ली के परिवहन अनुसंधान और चोट निवारण कार्यक्रम (टीआरआईपीपी) के सहयोग से तैयार की गई रिपोर्ट ष्भारत में सड़क दुर्घटनाओं की सामाजिक-आर्थिक लागत पर अध्ययनष् के अनुसार, देश में सड़क दुर्घटनाओं की सामाजिक-आर्थिक लागत राष्ट्र के सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 3.14ः है। भारत 2030 तक सड़क यातायात के कारण होने वाली मौतों और चोटों की संख्या को 50ः तक कम करने के लिए प्रतिबद्ध है। सरकार के सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय शिक्षा, इंजीनियरिंग (सड़क और वाहन दोनों), प्रवर्तन और आपातकालीन देखभाल के आधार पर सड़क सुरक्षा के मुद्दे को हल करने के लिए एक बहुआयामी रणनीति तैयार की है। गडकरी ने कहा कि इस देश में होने वाली अधिकांश सड़क दुर्घटनाएं सड़कों के डिजाइन, निर्माण एवं प्रबंधन में सिविल इंजीनियरिंग से संबंधित खराब कार्यप्रणालियों तथा अनुचित सड़क संकेत एवं मार्किंग प्रणालियों के कारण होती हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि इन दोषों को स्पेन, ऑस्ट्रिया एवं स्विटजरलैंड जैसे देशों में अपनाए जा रहे उपायों का अनुकरण करके दूर किया जा सकता है। भारत में पिछले चार वर्षो में कुल 4,80,000 सड़क दुर्घटनाएं हुई हैं, जिनमें 1,80,000 लोगों की मृत्यु हुई है और लगभग 4,00,000 लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं और इनसे अधिकतर दोपहिया वाहन चालक एवं पैदल यात्री प्रभावित हुए हैं। गडकरी ने कहा कि इन दुर्घटनाओं से सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 3 प्रतिशत की आर्थिक हानि होती है।
सड़कों की खराब योजना एवं डिजाइन के कारण सड़क दुर्घटनाओं में वृद्धि के लिए इंजीनियरों को मुख्य रूप से जिम्मेदार ठहराते हुए, केन्द्रीय मंत्री ने घटिया विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) की ओर भी इशारा किया। उन्होंने कहा कि सड़क सुरक्षा को सर्वाेच्च प्राथमिकता देते हुए सरकार का लक्ष्य 2030 तक दुर्घटना दर को 50 प्रतिशत तक कम करना है। सुरक्षित बुनियादी ढांचे के निर्माण में शिक्षा के महत्व और सुरक्षित ड्राइविंग से जुड़ी आदतों के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देने पर जोर देते हुए, गडकरी ने उद्योग जगत और सरकार से सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए समाधान खोजने में परस्पर सहयोग करने का आग्रह किया। उन्होंने कानून के सख्त प्रवर्तन और उत्तरदायी आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला।

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