मध्य प्रदेश में नए शैक्षणिक सत्र से लागू होगा निजी स्कूलों के लिए संशोधित फीस नियंत्रण कानून, इन स्कूलों को छूट

मध्य प्रदेश में नए शैक्षणिक सत्र से लागू होगा निजी स्कूलों के लिए संशोधित फीस नियंत्रण कानून, इन स्कूलों को छूट
भोपाल। स्कूलों का शैक्षणिक सत्र एक अप्रैल से शुरू होने जा रहा है। राज्य सरकार निजी स्कूलों की फीस नियंत्रण को लेकर संशोधित कानून को विस्तृत नियम बनाकर इसी बार से लागू करने जा रही है। स्कूल शिक्षा विभाग ने 11 मार्च को नियमों का प्रारूप जारी कर संबंधित पक्षों से 30 दिन के भीतर आपत्ति एवं सुझाव मांगे हैं। इसके आधार पर परीक्षण कर नियमों को अंतिम रूप देकर लागू कर दिया जाएगा।
इसमें यह प्रावधान किया गया है कि ऐसे निजी स्कूल जिनका वार्षिक शुल्क 25 हजार रुपये से कम है, वे इस कानून के दायरे में नहीं आएंगे।
इसके लिए सरकार मध्य प्रदेश निजी विद्यालय (फीस तथा संबंधित विषयों का विनियमन)-2020 के नियम में संशोधन करने जा रही है।
स्कूल शिक्षा विभाग के उपसचिव ओएल मंडलोई ने अधिसूचना जारी करते हुए उल्लेखित किया है कि 30 दिन बाद जो आपत्तियां या सुझाव आएंगे, उन पर विचार कर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
जो स्कूल इस नियम के दायरे में नहीं आएंगे, उन्हें नोटरीकृत शपथ पत्र पोर्टल पर अपलोड करना होगा।
राज्य स्तरीय समिति 45 दिन में करेगी मामले का निपटारासंशोधित फीस नियंत्रण कानून का पालन करवाने के लिए जिला स्तर पर बनी विभागीय समिति की निगरानी राज्य स्तरीय समिति करेगी। इसके अध्यक्ष विभागीय मंत्री होंगे।
राज्य स्तरीय समिति विभागीय समिति द्वारा लगाए जाने वाले दंड को घटा, बढ़ा या फिर निरस्त कर सकेगी। राज्य स्तरीय समिति को 45 दिन के भीतर आपत्तियों का निपटारा करना होगा।
किसी भी निजी स्कूल द्वारा 15 प्रतिशत से अधिक की फीस वृद्धि संबंधी निर्णय के अतिरिक्त सभी मामलों में राज्य स्तरीय विभागीय समिति का निर्णय अंतिम होगा। यही अपील की सुनवाई करेगी और उसका निर्णय अंतिम एवं बंधनकारी होगा।
निजी स्कूलों पर ऐसे होगा नियंत्रण – बस फीस वार्षिक शुल्क में जुड़ेगी। 10 प्रतिशत से अधिक फीस नहीं बढ़ा पाएंगे।