एक बेहतर स्वास्थ्य के लिए सिर्फ भाग दौड़ ही नहीं बल्कि एक स्वस्थ्य नींद भी आवश्यक

वर्ल्ड स्लीपिंग डे विशेष –
सोना कितना सोना है….!!!
रोजमर्रा की आपाधापी में जिस तरह की जीवन शैली आम आदमी चाहे-अनचाहे अपनाता जा रहा है वो उसके लिए सुखद नहीं है।
अनेक प्रकार की व्यक्तिगत आदतें और कार्यशैली, व्यक्ति की मानसिक स्थिति को प्रभावित करती है और उसी स्थिति को प्रभावित करने वाला सबसे बड़ा एक कारण है अनिद्रा अर्थात नींद की कमी का होना।
अंतरराष्ट्रीय स्लीप फाउंडेशन के मुताबिक, 4 से 12 महीने के बच्चे को कम से 12 से 16 घंटा सोना जरूरी होता है जबकि 1 से 2 साल के बच्चे के लिए 11 से 14 घंटे सोना जरूरी है, जब बच्चा प्रीनर्सरी में जाने लगता है यानी 3 से 5 साल की उम्र में होता है तो उसे 11 से 14 घंटे सोना जरूरी है जबकि 6 से 12 साल के बच्चे को 9 से 12 घंटे, जब बच्चे टीन एज में आ जाते हैं तो उन्हें 8 से 10 घंटा सोना चाहिए, जबकि 18 साल के बाद कम से कम 7 घंटा सोना जरूरी होता है. जबकि 60 साल से अधिक उम्र के लोगों को भी 7 से 8 घंटा सोना जरूरी है।
वर्तमान समय में नींद की कमी के कारण मानसिक तनाव, एंजाइटी, चिड़चिड़ापन, व्यवहारिक परिवर्तन आदि लक्षण स्वत: दिखने लगते है, जिसके कारण से किसी भी व्यक्ति का मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित होता है।
अधिकांश युवा जो किसी काल सेंटर में रात के समय काम करते है उनकी बायलॉजिकल क्लॉक प्रभावित होती है, और दिमागी सोच में परिवर्तन होने लगता है। जो लोग लेट नाइट पार्टी के आदि होते है वो लोग भी कम नींद के शिकार होते है।
साथ ही ऐसे लोग जो ज्यादा मात्रा में शराब , सिगरेट, कॉफी या किसी अन्य मादक प्रदार्थ का सेवन करते है ऐसे लोग बड़ी जल्दी इन्सोम्निया बीमारी का शिकार बनते है। बराबर नींद ना लेने से कई बार लोग वाहन चलाते हुए झपकी लेने लगते है जो भीषण दुर्घटना को आमंत्रण होता है और सिर्फ एक झपकी में सब कुछ बदल जाता है।
अधिकांश लोगों को नींद लेने के लिए कई बार दवाइयां भी दी जाती है ताकि तो बिना किसी अवरोध के एक आराम दायक नींद ले सके किंतु यह तरीका हमेशा कारगर नहीं होता बल्कि इसकी भी कभी कभी एक आदत सी हो जाती है और व्यक्ति इसका आदि हो जाता है।
आज वैश्विक स्तर पर आपको बेहतर नींद आ जाए इसके लिए आरामदायक बिस्तर, नर्म तकिए, म्यूज़िकल गैजेट, मोबाइल ऐप ट्रेकर, स्मार्ट वाच ट्रेकर, स्लीपिंग बॉक्स और भी काफी चीजें बिकती है। इस तरह की भौतिक वस्तुओं का मार्किट लगभग 48 लाख करोड़ का है। जो कि यह बताता है कि आपकी नींद भी लाखों करोड़ों का सौदा है।
बेहतर नींद के लिए क्या करें।
सोने से पहले ज्यादा मात्रा में पेय पदार्थ ना ले।
बिस्तर पर लेटने के बाद किसी भी गैजेट का प्रयोग ना करें विशेषकर मोबाइल का।
किसी पसंदीदा पुस्तक को पढ़ने की आदत डालिए।
मनपसंद संगीत को सुनिए।
कमरे की रोशनी को मद्धम हल्की रखिए।
अनावश्यक शोर या तेज आवाज से बचिए।
याद रखे कि एक बेहतर स्वास्थ्य के लिए सिर्फ भाग दौड़ ही नहीं बल्कि एक स्वस्थ्य नींद भी आवश्यक है।
डॉ हिमांशु यजुर्वेदी
मनोचिकित्सक, मेंटर अपराध विश्लेषक