सुवासरा में पांच करोड़ के बस स्टैंड के निर्माण का मामला: ठेकेदार का आरोप, पोस्टर लगाने के बाद धमकाने के लिए लोगों को भेजा परिषद ने

– सीएमओ ने आरोप को नकारा, बोले हमने किसी को नहीं भेजा
पंकज बैरागी
सुवासरा में बस स्टैंड की दुकानों के निर्माण पर ठेकेदार द्वारा भुगतान नहीं होने के मामले ने तुल पकड़ लिया है। ना तो नगर परिषद ही भुगतान कर रही है और ना ही ठेकेदार का चालू करने को तैयार है। पिछले दिनों ठेकेदार ने भुगतान के अभाव में काम बंद करने का एक पोस्टर भी निर्माणाधीन दुकानों पर चस्पा कर दिया था। ठेकेदार के पोस्टर चस्पा करने के बाद नप के कर्मचारियों ने उसे उतार दिया। इस पर ठेकेदार ने फिर से पोस्टर चस्पा कर दिया। इस पर ठेकेदार का आरोप यह कि नप ने कुछ लोगों को उसके कर्मचारियों को धमकाने के लिए भी ीोजा था। हालांकि नप ने ठेकेदार के इस आरोप को सिरे से खारिज कर दिया है।
जानकारी के अनुसार सुवासरा के नए बस स्टैंड पर पांच करोड् की लागत से दुकानें सहित अन्य निर्माण चल रहा है। कुछ दिनों से इसका निर्माण बंद है। ठेकेदार ने परिषद द्वारा भुगतान नहीं होने के कारण ना केवल निर्माण बंद किया बल्की निमार्णाधीन दुकानों पर एक पोस्टर लगा दिया जिसमें उसने स्पष्ट लिखा कि भुगतान के अभाव में निर्माण बंद है। यह पोस्टर जब मीडिया की सुर्खिंया बना तो नगर परिषद के कर्मचारियों ने इस पोस्टर को वहां से हटा दिया। इस पर ठेकेदार ने फिर से दूसरा पोस्टर लगा दिया। जब यह पोस्टर दोबारा लगाया तो ठेकेदार का आरोप यह कि कुछ लोग उनके कर्मचारियों के पास पहुंचे थे और उनको धमका रहे थे कि जो काम ठेकेदार ने अब तक किया है उसकी जांच करवाई जाएगी।
सबकी अपनी-अपनी बातें –
इस मामले में सबकी अपनी-अपनी अलग-अलग बातें हैं।
नगर परिषद अध्यक्ष प्रतिनिधि डॉ. बालाराम परिहार की माने तो ठेकेदार का सारा भुगतान कर दिया है।
जबकि ठेकेदार राजवीरसिंह जादौन का कहना यह कि अब तक करीब डेढ करोड़ का काम किया जा चुका है लेकिन भुगतान आधे से भी कम हुआ है।
धमकाने वाली बात पर सीएमओ संजयसिंह राठौर का कहना यह कि उन्होंने किसी को भी धमकाने के लिए नहीं भेजा है। रही बात भुगतान की तो अब तक कितना भुगतान हुआ है यह देखकर ही बता पाएंगे। कारण जो भी हो यदि ठेकेदार ने काम बंद किया है और उसे पोस़्टर लगाने की नौबत आ गई तो कहीं कुछ तो गड़बड़ है।