समस्यानीमचमध्यप्रदेश
खेल मैदान पर आयोजित प्रीतिभोज के बाद बची हुई सामग्री और कचरा बना सिरदर्द

नपा की अनदेखी, उपयोग करने वालों लापरवाह लोगांे पर कोई कार्यवाही नहीं
जागरूक लोगो ने श्रमदान करन किया गंदगी को साफ
नीमच। देखने में आया है किसी को कोई चीज, स्थान या अन्य कुछ भी किसी को भी निःशुल्क मिल जाये तो उसकी कोई कीमत नहीं रहती है। और ना हीं निःशुल्क रूप से उपयोग करने वाले को उसकी कद्र होती है। ऐसे ही हालात वार्ड नं. 08 के अंतर्गत आने वाले त्रिमूर्ति नगर, गणपति नगर व इन्दिरा नगर के बीच स्थित खेल मैदान के हो रहे है। यहां 7 मार्च को किसी व्यक्ति के यहां का मांगलिक आयोजन हुआ। अगले दिन वहां बची हुई भोजन सामग्री के साथ ही प्लास्टिक डिस्पोजल व चमकीली पन्नियां यहां वहां बिखरी पड़ी रही और तो और गायें उसको खा रही थी। कचरा पड़ा रहने का आलम 9 मार्च तक बना रहा। रविवार को इस खेल मैदान पर घूमने वाले लोगो ने स्थिति देखी तो वे स्वयं झाड़ू और तगारी लेकर श्रमदान करने लगे और करीब 1 घंटे से अधिम श्रमदान के बाद खेल मैदान में पड़े कचरे का साफ कर उसे जलाया गया।
बात करे शहर में स्थित खेल मैदान की तो अधिकतर क्षेत्रों में खेल मैदान का उपयोग मांगलिक कार्यक्रमों के लिये भी होता आ रहा है। यहां कई व्यक्ति उनके यहां मांगलिक आयोजन होने पर आशानुरूप अपने मकान के पास ही स्थित मांगलिक भवन को चुनता है यदि उसे मांगलिक भवन नहीं मिल पाता है या दूर होता है तो वह पास में स्थित खेल मैदान का उपयोग करता है। यहां तक तो ठीक है लेकिन उस खेल मैदान पर आयोजित होने वाले प्रीतिभोज के बाद अगले दिन जो हालात देखने को मिलते है वो देखकर लगता है कि निःशुल्क मिले स्थान की कोई कीमत नहीं होती है। यहां बात करे नगरपालिका के जिम्मेदारों की तो उनकी अनदेखी भी यहां सामने दिखती है। एक और स्वच्छता अभियान के नाम पर बड़ी बडी ढींगे फांकी जाती है जबकि जमीनी धरातल पर हालात खराब हो रहे है। जानकारी के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं करने से यह माना जा सकता है कि ऐसे हालातो के जिम्मेदार नपा में बैठे वो लोग है जो स्वच्छता के नाम पर सिर्फ बड़ी बड़ी बाते करते है।
जब दो दिन तक गंदगी और कचरा साफ नहीं हुआ तो रविवार को जनप्रतिनिधियों और जागरूक लोगो को आगे आना पड़ा। पार्षद प्रतिनिधि मुकेश पोरवाल, पार्षद दुर्गाशंकर भील, स्वच्छता अभियान के उमाकांत पुरोहित, बाबूलाल गौड़, शोकीन पामेचा, जीएल सिग्मा, निलेश जोशी, श्याम केमलिया आदि ने श्रमदान कर कचरे को साफ किया व उस जलाकर खेल मैदान को गंदगी से मुक्त किया।
वार्ड नं. 08 में स्थित उक्त खेल मैदान जहां का उपयोग सैकडो लोगो के द्वारा किया जाता है। इस खेल मैदान में हमेशा मांगलिक आयोजन के बाद गंदगी वाली स्थिति बनती है जिसको लेकर क्षेत्र की गणपति विकास समिति व युवा सांस्कृतिक समिति के मनीष चान्दना, केपीएस झाला, मिक्की सिसोदिया, नरेन्द्र शर्मा आदि ने कलेक्टर को पत्र लिखकर खेल मैदान की सुरक्षा एवं वहां स्वच्छता बनी रहे इस हेतु खेल मैदान को गोद लेने के लिए आवेदन दिया था लेकिन उस पर आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई। जिससे खेल मैदान अनाथों की तरह पड़ा रहता है जो भी आता है उसका उपयोग करते और गंदगी व कचरा करके छोड़ जाता है। नपा में बैठे जिम्मेदारो को कागजी कार्यवाही पूरी करने से फुुर्सत मिले तो तब जाकर उन्हें जमीनी धरातल गंदगी और कचरा नजर आयेगा। ऐसे हालातो से कैसे नीमच स्वच्छता की पायदान चढ़ पायेगा।
नपा में बैठे जिम्मेदारों को चाहिये कि खेल मैदान भी शासकीय सम्पत्ति है यदि वहां कोई आयोजन हो तो उस क्षेत्र के दरोगा को सफाई कर्मियों को निर्देशित करे ताकि वे आयोजनकर्ताओं को समझाईश दे सके और यदि आयोजनकर्ता मांगलिक आयोजन के बाद सफाई नहीं करवा सके तो उनसे सफाई के नाम पर कुछ शुल्क वसूला जाये। ताकि क्षेत्र में स्वच्छता बनी रहे। और ऐसे आयोजनकर्ता जो जानबूझकर गंदगी करे तो उस पर नियमानुसार कार्यवाही करे।

नीमच। देखने में आया है किसी को कोई चीज, स्थान या अन्य कुछ भी किसी को भी निःशुल्क मिल जाये तो उसकी कोई कीमत नहीं रहती है। और ना हीं निःशुल्क रूप से उपयोग करने वाले को उसकी कद्र होती है। ऐसे ही हालात वार्ड नं. 08 के अंतर्गत आने वाले त्रिमूर्ति नगर, गणपति नगर व इन्दिरा नगर के बीच स्थित खेल मैदान के हो रहे है। यहां 7 मार्च को किसी व्यक्ति के यहां का मांगलिक आयोजन हुआ। अगले दिन वहां बची हुई भोजन सामग्री के साथ ही प्लास्टिक डिस्पोजल व चमकीली पन्नियां यहां वहां बिखरी पड़ी रही और तो और गायें उसको खा रही थी। कचरा पड़ा रहने का आलम 9 मार्च तक बना रहा। रविवार को इस खेल मैदान पर घूमने वाले लोगो ने स्थिति देखी तो वे स्वयं झाड़ू और तगारी लेकर श्रमदान करने लगे और करीब 1 घंटे से अधिम श्रमदान के बाद खेल मैदान में पड़े कचरे का साफ कर उसे जलाया गया।
बात करे शहर में स्थित खेल मैदान की तो अधिकतर क्षेत्रों में खेल मैदान का उपयोग मांगलिक कार्यक्रमों के लिये भी होता आ रहा है। यहां कई व्यक्ति उनके यहां मांगलिक आयोजन होने पर आशानुरूप अपने मकान के पास ही स्थित मांगलिक भवन को चुनता है यदि उसे मांगलिक भवन नहीं मिल पाता है या दूर होता है तो वह पास में स्थित खेल मैदान का उपयोग करता है। यहां तक तो ठीक है लेकिन उस खेल मैदान पर आयोजित होने वाले प्रीतिभोज के बाद अगले दिन जो हालात देखने को मिलते है वो देखकर लगता है कि निःशुल्क मिले स्थान की कोई कीमत नहीं होती है। यहां बात करे नगरपालिका के जिम्मेदारों की तो उनकी अनदेखी भी यहां सामने दिखती है। एक और स्वच्छता अभियान के नाम पर बड़ी बडी ढींगे फांकी जाती है जबकि जमीनी धरातल पर हालात खराब हो रहे है। जानकारी के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं करने से यह माना जा सकता है कि ऐसे हालातो के जिम्मेदार नपा में बैठे वो लोग है जो स्वच्छता के नाम पर सिर्फ बड़ी बड़ी बाते करते है।
जब दो दिन तक गंदगी और कचरा साफ नहीं हुआ तो रविवार को जनप्रतिनिधियों और जागरूक लोगो को आगे आना पड़ा। पार्षद प्रतिनिधि मुकेश पोरवाल, पार्षद दुर्गाशंकर भील, स्वच्छता अभियान के उमाकांत पुरोहित, बाबूलाल गौड़, शोकीन पामेचा, जीएल सिग्मा, निलेश जोशी, श्याम केमलिया आदि ने श्रमदान कर कचरे को साफ किया व उस जलाकर खेल मैदान को गंदगी से मुक्त किया।
वार्ड नं. 08 में स्थित उक्त खेल मैदान जहां का उपयोग सैकडो लोगो के द्वारा किया जाता है। इस खेल मैदान में हमेशा मांगलिक आयोजन के बाद गंदगी वाली स्थिति बनती है जिसको लेकर क्षेत्र की गणपति विकास समिति व युवा सांस्कृतिक समिति के मनीष चान्दना, केपीएस झाला, मिक्की सिसोदिया, नरेन्द्र शर्मा आदि ने कलेक्टर को पत्र लिखकर खेल मैदान की सुरक्षा एवं वहां स्वच्छता बनी रहे इस हेतु खेल मैदान को गोद लेने के लिए आवेदन दिया था लेकिन उस पर आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई। जिससे खेल मैदान अनाथों की तरह पड़ा रहता है जो भी आता है उसका उपयोग करते और गंदगी व कचरा करके छोड़ जाता है। नपा में बैठे जिम्मेदारो को कागजी कार्यवाही पूरी करने से फुुर्सत मिले तो तब जाकर उन्हें जमीनी धरातल गंदगी और कचरा नजर आयेगा। ऐसे हालातो से कैसे नीमच स्वच्छता की पायदान चढ़ पायेगा।
नपा में बैठे जिम्मेदारों को चाहिये कि खेल मैदान भी शासकीय सम्पत्ति है यदि वहां कोई आयोजन हो तो उस क्षेत्र के दरोगा को सफाई कर्मियों को निर्देशित करे ताकि वे आयोजनकर्ताओं को समझाईश दे सके और यदि आयोजनकर्ता मांगलिक आयोजन के बाद सफाई नहीं करवा सके तो उनसे सफाई के नाम पर कुछ शुल्क वसूला जाये। ताकि क्षेत्र में स्वच्छता बनी रहे। और ऐसे आयोजनकर्ता जो जानबूझकर गंदगी करे तो उस पर नियमानुसार कार्यवाही करे।