8 मार्च महिला दिवस पर विशेष- हौसलों की उड़ान में एक नाम शुमार : डॉ . श्रुति बटवाल

8 मार्च महिला दिवस पर विशेष- हौसलों की उड़ान में एक नाम शुमार : डॉ . श्रुति बटवाल
शहर की एक ऐसी शख्सियत जो गृहणी होते हुए शिक्षा के क्षेत्र में भी अपने नये आयाम स्थापित करने मे अपने बलबूते पर सफल हुई है
नाम है डाक्टर श्रुति बटवाल।
विवाह के पहले सपना संजोए बटवाल परिवार में अभिषेक से विवाह की डोर में बंधी जब भीलवाड़ा से मंदसौर डॉ घनश्याम बटवाल के घर बहू बनकर आई तब श्रुति ने स्नातकोत्तर शिक्षा ग्रहण की हुई थी। परिवार ने बेटी की तरह लाड़ प्यार दिया और आगे सदैव पढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया ।मंदसौर के कई प्रतिष्ठित स्कूलों मे श्रुति ने बच्चों को तन्मय होकर पढ़ाया। इसी दौरान बी. एड. जैन शिक्षा महाविद्यालय से किया। अपने जीवन साथी अभिषेक को अपने सपने के बारे में जब बताया की वे नौंनिहालों के उज्जवल भविष्य को निखारने के लिए एक प्ले स्कूल खोलना चाहती है । अभिषेक ने कंधे से कंधा मिलाकर विबोध प्ले स्कूल की आधारशीला रखी । वर्ष 2022 में स्कूल की बिल्डिंग तैयार होकर गणमान्य नागरिकों की उपस्थिति में नन्हें मुन्नों की प्रारम्भिक शिक्षा के लिए विबोध प्ले स्कूल लोकार्पित हुआ। स्कूल में सारी सुविधाएं नये नये शैक्षणिक प्रयोग नित नूतन करने के साथ साथ श्रुति अपनी पी. एच .डी .शोध कार्य में भी निरन्तर जी जान से जुटी रही । मंदसौर यूनिवर्सिटी के जीव विज्ञान विभाग में अध्यनरत रहते हुए शोधार्थी श्रुति डाक्टर आफ फिलासाफी ( पी. एच .डी ) की उपाधि से विभूषित हुई । परिवार में कई बाधाएं आई लेकिन श्रुति महिला सशक्तिकरण की एक मिसाल बनकर समाज के सामने आई । घर गृहस्थी सम्हालने के साथ साथ अपने प्ले स्कूल को ऊंचाईयों पर पहुंचाया। ।
डॉ श्रुति को बेस्ट स्टूडेंट , बेस्ट टीचर और नेशनल सेमिनार में बेस्ट रिसर्च पेपर अवॉर्ड भी मिला है ।
डाक्टर श्रुति ने मंदसौर यूनिवर्सिटी के गाइड एंव डीन आफ लाइफ साइंस तथा यूनिवर्सिटी के डीन आफ एकेडमिक अफेयर्स प्रोफेसर (डॉ ) अरूणवा दास के निर्देशन में ‘मालिक्युलर कैरेक्टराइजेशन आफ कैंडिडेट्स,लिबेरिबेक्टर एसीएयाटिक्स फ्राम मालवा रीजन आफ मध्यप्रदेश एंड इन सिलिको डग डिजाइनिंग अगेंस्ट इट्स वाइटल प्रोटीन्स’विषय में शोध करते हुए थीसिस पूर्ण की ।
कल की श्रुति आज की डाक्टर श्रुति बटवाल अपने दृढ़ संकल्पों इरादों के साथ साथ अपने सपनों को पंख देने वाली बहुत ही मृदुभाषी और प्रतिभाशाली है। डाक्टर श्रुति ने विवाह के बाद ससुराल में शिक्षा के क्षेत्र में जो भी उपलब्धियां पाई है उसका श्रेय माता पिता व समाजसेवी एवं वरिष्ठ पत्रकार डॉ घनश्याम बटवाल व श्रीमती संध्या बटवाल को देना चाहती है जिन्होने बेटी की तरह हर कदम साथ देते हुए उनके संजोए सपने को साकार किया।
अपनी पी. एच. डी. को लेकर इस बात से बहुत आशान्वित हैं कि उनके शोध कार्य से विज्ञान, कृषि, एवं समाज भविष्य में लाभान्वित होगा । वे कहती हैं हर महिला को अपनी ख्वाहिशों को पूरा करने के साथ आसमां छूने का अधिकार स्वत:प्राप्त है। बस नेकनियत और कड़ी मेहनत से जो भी सोचा है उसे हासिल किया जा सकता है।
डाक्टर श्रुति एक कुशल वक्ता के साथ साथ अच्छी मंच संचालक , लेखक कवियत्री भी है। सामाजिक सरोकारों को लेकर शीर्ष पत्र पत्रिकाओं में भी रचनाएं प्रमुखता से प्रकाशित होती रहती है। भविष्य में अपने स्कूल के विस्तार के लिए निरन्तर प्रयत्नशील रहती है ।आज अपने बुलंद इरादों के साथ अपने प्ले स्कूल विबोध की फाउंडर प्रिंसिपल है। बायो इंफोमेट्रिक्स में स्नातकोत्तर एंव बी. एड .उपाधि प्राप्त डाक्टर श्रुति उन तमाम बहुओं के लिए एक प्रेरणा ही नहीं प्रखर दीप ज्योति है जो ससुराल में रहकर शिक्षा के माध्यम से नन्हे मुन्ने बच्चों के जीवन में उजाला फैलाने का नेक काम बड़ी मुस्तैदी और समर्पित भाव से शहर में कर रही है।
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०लाल बहादुर श्रीवास्तव , मंदसौर