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भारतीय शोध प्रकाशन के परिदृश्य एवं शोध प्रविधि पर मंथन एक संगोष्ठी : डॉ नम्रता जैन

भारतीय शोध प्रकाशन के परिदृश्य एवं शोध प्रविधि पर मंथन एक संगोष्ठी : डॉ नम्रता जैन

मोरादाबाद, उत्तर प्रदेश

सीकेएनकेएच हिंदी साहित्य समिति (चलो कुछ न्यारा करते हैं फाउंडेशन) के तत्वावधान में “UGC-CARE सूची के बाद भारतीय शोध प्रकाशन का परिदृश्य” एवं “शोध प्रविधि के विविध आयाम” विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन 11 अप्रैल 2025 को ऑनलाइन माध्यम से किया जाएगा। इस संगोष्ठी का नेतृत्व डॉ. नम्रता जैन कर रही हैं, जो शोध के क्षेत्र में नवीन दिशाओं को तलाशने और भारतीय उच्च शिक्षा में अनुसंधान की गुणवत्ता को सुदृढ़ करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।डॉ. जैन ने कहा, “यह संगोष्ठी शोध प्रकाशन के क्षेत्र में नए मापदंड स्थापित करने और भारतीय उच्च शिक्षा में अनुसंधान को एक नई दिशा देने में सहायक होगी।” उन्होंने सभी शिक्षाविदों और शोधार्थियों से इसमें सक्रिय भागीदारी का आह्वान किया और कहा कि “शोध और प्रकाशन की गुणवत्ता को बनाए रखना आज के समय की सबसे बड़ी चुनौती है। यह संगोष्ठी न केवल शोधार्थियों को नई प्रविधियों से अवगत कराएगी, बल्कि उन्हें उच्च गुणवत्ता वाले शोध पत्र तैयार करने के लिए आवश्यक मार्गदर्शन भी देगी इस संगोष्ठी में देशभर के प्रतिष्ठित विद्वान अपने शोध पत्र प्रस्तुत करेंगे। प्रमुख वक्ताओं में शामिल हैं: डॉ. ज्योत्सना,प्रा. डॉ. सतीश दत्तात्रय पाटील (महाराष्ट्र),श्रीमती वंदना जैन (जबलपुर), डॉ. स्मृति कुमारी सिंह (मुंबई),डॉ. संतोष कुमार (पीलीभीत), सांची विश्वविद्यालय, रायसेन से अरविंद अहिरवार, कुमारी शिखा, दिग्विलास दिनकर भाई कनाडिया, ट्रान मुनह तुआन, डॉ. वंदना सिंह (काशीपुर), डॉ. अबुल कासिम अब्बासी (लखनऊ),सुलेखा, पवन कुमार ठाकुर दरभंगा , रोशनी सिंह, प्रकाश कुमार अहिरवार, संगीता ठाकुर मुंबई, सुधा शाक्य नरसिंहपुर इस संगोष्ठी में सभी वक्ता अपने शोध पत्रों को प्रस्तुत करेंगे और शोध प्रकाशन के क्षेत्र में नए अवसरों की संभावनाओं को तलाश करेंगे।

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