
अटल पेंशन योजना (एपीवाई) ने प्राप्त की बड़ी उपलब्धि, कुल नामांकन 8 करोड़ के पार
भारत सरकार की एक प्रमुख सामाजिक सुरक्षा योजना, अटल पेंशन योजना (एपीवाई) जो पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) द्वारा प्रशासित है, ने चालू वित्त वर्ष (वित्त वर्ष 2025-26) में “39 लाख” नए अभिदाता को जोड़ने के साथ “8 करोड़” कुल सकल नामांकन को पार करके एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। यह उपलब्धि ऐसे समय पर हासिल हुई है जब यह योजना 9 मई 2015 से प्रारंभ होने के बाद अपनी 10वीं वर्षगांठ मना रही है।
अटल पेंशन योजना को भारत के सभी नागरिकों के लिए एक सार्वभौमिक सामाजिक सुरक्षा प्रणाली के निर्माण के उद्देश्य से शुरू किया गया था। यह एक स्वैच्छिक और अंशदायी पेंशन योजना है, जो विशेषतः गरीब, वंचित और असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों पर केंद्रित है। इसकी उल्लेखनीय सफलता सभी बैंकों, डाक विभाग (डीओपी) और राज्य-स्तरीय/केन्द्र-शासित प्रदेश-स्तरीय बैंकर समिति के समर्पित और अथक प्रयासों और भारत सरकार के निरंतर समर्थन का परिणाम है। पीएफआरडीए ने इस योजना के प्रचार-प्रसार के लिए विभिन्न माध्यमों जैसे कि जनसंपर्क कार्यक्रम, प्रशिक्षण सत्र, बहुभाषीय पुस्तिकाएँ, मीडिया अभियान, और नियमित समीक्षाओं के माध्यम से सक्रिय भूमिका निभाई है।
अटल पेंशन योजना को इस प्रकार से डिज़ाइन किया गया है कि यह ‘सम्पूर्ण सुरक्षा कवच’ प्रदान करे – यानी कि 60 वर्ष की आयु के बाद ₹1,000 से ₹5,000 तक की मासिक पेंशन की गारंटी, सदस्य की मृत्यु के पश्चात पति/पत्नी को वही (₹1,000 से ₹5,000 तक) पेंशन, और दोनों की मृत्यु के बाद संचित कोष का भुगतान नामांकित व्यक्ति को किया जाता है। यह योजना 18 से 40 वर्ष की आयु के बीच के सभी भारतीय नागरिकों के लिए खुली है, बशर्ते वे आयकरदाता न हों और न पहले रहे हों।
“एपीवाई का साथ है तो जीवन का सुरक्षा कवच साथ है।”
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