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आपका मानसिक स्वास्थ्य ही सब कुछ है – इसे प्राथमिकता दें -डॉ.स्‍वाति वधवा

//आलेख//

विश्‍व मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य दिवस पर विशेष

आपका मानसिक स्वास्थ्य ही सब कुछ है – इसे प्राथमिकता दें -डॉ.स्‍वाति वधवा

नीमच 9 अक्‍टूबर 2024 , आज चाहे हमारा देश, हमारा समाज बहुत तेजी से प्रगति कर रहा है लेकिन फिर भी समाज का एक बड़ा हिस्सा मानसिक रोग को अभिशाप या कलंक समझता है। हम में से कई लोग अपने मानसिक पूर्वाग्रह को समझने और दूसरों के बारे में समझने में हिचकिचाते हैं। मनुष्य के रूप में, हमारी प्रवती उन चीज़ों से डरने की होती है जिन्हें हम समझ नहीं पाते। हम इसे दूसरों से और खुद से भी छिपाने की पूरी कोशिश करते हैं। लोग सामने आने से डरते हैं कि कहीं उन पर पागलपन का ठप्पा ना लग जाए। शारीरिक कमजोरी या बीमारी की तरह, मानसिक बीमारियों का इलाज किया जाना चाहिए और उसी स्तर पर ध्यान दिया जाना चाहिए ।

आज हर आयु वर्ग के व्यक्ति में मानसिक रोग देखने को मिल रहे हैं, कोई भी उमर नहीं है। 5 साल के बच्चे में भी मोबाइल की लत, छोटी छोटी बातों पर गुस्सा आना आम बात है। युवाओ में भी इंटरनेट, खासकर के सोशल मिडिया, डिपरेशन का कारण बना हुआ है, वे असली दुनिया से परे होकर काल्पनिक दुनिया में रहने लगे है। जिससे जिंदगी की छोटी छोटी विफलता भी बहुत उदासी की तरफ धकेल देती है। लगभग रोज, अखबार में आत्महत्या के मामले पढ़ते को मिलते हैं। जिंदगी में हम सभी को समस्याओं का सामना करना पड़ता है, उतार-चढ़ाव तो आते रहते हैं, लेकिन हम उन्हें बीमारी नहीं कहते। बीमारी हम तब कहते हैं, जब ये भावनायें खत्म नहीं होती, और हमारी जिंदगी को प्रभावित करने लगती है।

हर वर्ष 10 अक्टूबर को विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है। इस दिवस के जरिये हमारी कोशिश रहती है कि हम लोगों को मानसिक रोगो के बारे में जानकर दे सके, साथ ही मानसिक रूप से स्वस्थ कैसे रहा जा सकता है, बता सके ताकी व्यक्ति समय अपनी समस्याओ का निराकरण कर सके, मदद ले सके। मानसिक स्वास्थ्य का मतलब यह नहीं है कि आप कभी दुखी या उदास नहीं होंगे। इसका मतलब यह है कि आप अपनी भावनाओं को नियंत्रित कर सकते हैं और उनसे आगे बढ़ सकते हैं ।मानसिक स्वास्थ्य के लिए मदद लेना मजबूती का संकेत है। आपके मानसिक स्वास्थ्य को मजबूत बनाने के लिए मध्य प्रदेश सरकार द्वारा भी कई कोशिश की जा रही है। प्रदेश के हर जिले मे जिला हॉस्पिटल मे मनकक्ष बनाया गया है, जहा आप मानसिक रोग विशेषज्ञ से परामर्श कर सकते है, अपने मन की बात कर सकते है। हमारे जिले मे भी ट्रॉमा सेंटर मे मनकक्ष है जहा हम अपनी सेवाए देते है। मनकक्ष नीमच द्वारा राष्ट्रीय मानसिक स्वाथ कार्यक्रम के अंतर्गत जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रो मे भी सप्ताह मे एक दिन सेवाए दी जाती है, जहा मनोरोग विशेषज्ञ जाते है और परामर्श कर दवाई भी हाथो हाथ उपलब्‍ध कराते है।

इसके अलावा हम स्कूल, कॉलेज मे भी मानसिक स्वास्‍थ्‍य के बारे मे जागरूकता लाने के लिए सेमिनार करते है। साथ ही ग्रामीण क्षेत्र मे आशा वर्कर्स की सभाए भी लेते है, जिससे वो भी अपने क्षेत्र के लोगो की मदद कर सके, मागदर्शन कर सके। हमारी कोशिश रहती है कि कोई भी वर्ग इस सुविधा से वंचित न रहे। हम जिले के चाइल्ड केयर इंस्टीट्यूशन जैसे की किलकारी, शिशुग्रह भी महीने मे एक बार जाते है, वहा के बच्चो के मानसिक स्वास्‍थ्‍य का परिक्षण करते है।जिला जेल मे रह रहे कैदियो के भी महीने मे एक बार जाकर परीक्षण किया जाता है व जरूरी दवाये उपलब्ध कराई जाती है।

नेशनल हेल्थ मिशन, मध्य प्रदेश द्वारा इस साल एक एप भी लॉन्च की गई है, “मनहित” जिसके द्वारा आप अपना मानसिक स्वास्थ के बारे में खुद पता लगा सकते है, इस एप में आप अपनी स्क्रीनिंग कर सकते है, वीडियोज के जरिए मानसिक रोगो की सही जानकरी प्राप्त कर सकते है, साथ ही नजदीक के मनकक्ष की जानकरी भी ले सकते है। अपने मन को कैसे स्वस्थ रखा जा सकता है इसके बारे मे भी इस एप से जानकरी ले सकते है। साथ ही एक हेल्पलाइन भी जारी की गई है, जिसे नाम दिया है, टेलीमानस। जैसा कि नाम बताता है, आप टेलीफोन के जरिये अपनी मानसिक समस्यायों का निराकरण प्राप्त कर सकते है। इसका नंबर है, 14416 और 1800-891-4416। कई बार हम चाह कर भी समय नहीं निकाल पाते या हिम्मत नहीं जुटा पाते मदद लेने के लिए, ऐसे समय में ये हेल्पलाइन बहुत अच्छी रहती है, इस पर 24 घंटे आप कभी भी कॉल कर सकते है, मदद ले सकते है। हाल ही में एक गेटकीपर कार्यक्रम की शुरुआत की गई है, जिस्मे स्कूल,कॉलेज के बच्चो को, आशा कार्यकर्ताओ को ट्रेनिंग दी जाएगी गेटकीपर बनने की ताकी वो उन लोगो की पहचान कर सके जो आत्महत्या करने की रिस्क में आते है, और उन्हे समय पर काउंसलिंग करके, हमारे पास भेजकर इलाज शुरु करके रोका जा सके।

(लेखक – डॉ. स्‍वाति वधवा, शासकीय जिला चिकित्‍सालय नीमच में मनोरोग चिकित्‍सा विशेषज्ञ है)

 

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