समाचार मध्यप्रदेश मंदसौर 05 फरवरी 2025 बुधवार
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मंदसौर शाखा चैयरमेन सीए दिनेश जैन ने बताया कि मार्च 2025 से फरवरी 2029 तक प्रबंधन समिति में सीए राजेश मण्डवारिया, सीए विनय अग्रवाल, सीए नितेश भदादा, सीए अर्पित नागर, सीए अर्पित मेहता एवं सीए सिद्धार्थ अग्रवाल निर्वाचित हुये।
साधारण सभा में निर्वाचित सदस्यों का स्वागत सर्वश्री सीए वीरेन्द्र जैन, सीए दिनेश जैन, सीए विकास भण्डारी, सीए नयन जैन, सीए अर्पित नागदा, सीए चेतन गुप्ता, सीए आशीष जैन, सीए जमिला लोखण्डवाला, सीए अंकित श्रीमाल आदि ने किया।
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सीईओ जिला पंचायत श्री जैन द्वारा जिला स्तरीय जनसुनवाई के दौरान 53 आवेदकों की समस्याएं सुनी
मंदसौर 4 फरवरी 25/ जिला स्तरीय जनसुनवाई के दौरान सीईओ जिला पंचायत श्री राजेश कुमार जैन द्वारा सुशासन भवन सभाकक्ष में 53 आवेदकों की समस्याएं सुनी। अधिकारियों को जल्दी निराकरण करने के निर्देश दिए। जनसुनवाई में बीपीएल सूची में नाम जुड़वाने, प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत आवास मंजूर करने, निजी भूमि पर अवैध अतिक्रमण, भूमि विवाद, बीमारी सहायता आदि विषयों के आवेदन प्राप्त हुये। इस दौरान सभी जिला अधिकारी मौजूद थे।
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पीएचई विभाग द्वारा जल संरक्षण व स्थायित्व की कार्य योजना ग्राम लिंबावास में बनाई गई
मंदसौर 4 फरवरी 25/ भारत शासन के पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय द्वारा संचालित जल जीवन मिशन योजना के अंतर्गत जिले मे क्रियान्वित की गई नल जल प्रदाय योजनाओ से ग्राम वासियों को वर्ष भर शुद्ध व पर्याप्त पेयजल उपलब्ध हो सके, इसके लिए लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा समुदाय संचालित ग्राम जल सुरक्षा एवं संरक्षण कार्यक्रम की कार्य योजना तैयार की जा रही है।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के कार्यपालन यंत्री श्री प्रदीप गोगादे के निर्देशन में विभाग के जिला सलाहकार श्री मुकेश गुप्ता ने ग्राम लिंबावास में स्थापित पेयजल स्रोतों को रिचार्ज करने एवं ग्राम में समग्र स्वच्छता का वातावरण सुनिश्चित करने के उद्देश्य से पांच भागों में जिनमे समुदाय संचालित जल स्थायित्व कार्य योजना, पेयजल सुविधाओं का संचालन एवं रखरखाव की कार्य योजना, पेयजल गुणवत्ता प्रबंधन कार्य योजना, पर्यावरण स्वच्छता कार्यक्रम योजना एवं अपशिष्ट ठोस कचरा प्रबंधन की कार्य योजना ग्राम वासियों के सहयोग से तैयार की जा रही है।
पेयजल स्त्रोतो का जल स्तर बढ़ाने के लिए ग्राम में स्थित तालाब व तलाई का गहरीकरण, पेयजल कूप का गहरीकरण, पेयजल स्रोतों को स्वच्छ व सुरक्षित रखने उनका नियमित क्लोरिनेशन करने एवं स्रोतों से प्राप्त पानी का जल गुणवत्ता परीक्षण नियमित रूप से इसके साथ ही ग्राम की योजना में सम्पूर्ण ग्राम वासियों की जनसहभागीता सुनिश्चित करने, गांव के ठोस व तरल अपशिष्ट पदार्थों के निष्पादन करने ग्राम का जलस्तर बढ़ाने ने के लिए जल संरक्षण व संवर्धन की छोटी-छोटी वीधियो बोरी बंधान, रिचार्ज पीट, रूफ वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम, खेत तालाब के बारे में ग्राम वासियों को जानकारी दी। इस अवसर पर ग्राम के सरपंच श्री मांगीलाल पोरवाल, सचिव श्रीअमरसिंह चंदेल, आशा कार्यकर्त्ता, शिक्षक सहित ग्रामवासी उपस्थित थे ।
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किसानों को समर्थन मूल्य पर खरीदे गये गेहूँ पर मिलेगा 125 रूपये प्रति क्विंटल का बोनस
मंदसौर 4 फरवरी 25/ राज्य सरकार किसानों की खुशहाली और समृद्धि के लिये निरंतर कार्य कर रही है। समर्थन मूल्य पर गेहूँ उपार्जन के लिये प्रदेश के पंजीयन कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। पंजीयन की अंतिम तिथि 31 मार्च 2025 तक है। किसान ऐप के माध्यम से घर बैठे पंजीयन कर सकेंगे। पंजीयन के लिये ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत एवं तहसील कार्यालयों में स्थापित सुविधा केन्द्रों पर नि:शुल्क पंजीयन की व्यवस्था की गई है। गेहूँ उपार्जन के लिये समर्थन मूल्य 2425 रूपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है, जो गत वर्ष की तुलना में 150 रूपये प्रति क्विंटल अधिक है।
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म.प्र. मदरसा बोर्ड की कक्षा 10वीं-12वीं उर्दू माध्यम के परीक्षा आवेदन 31 मार्च तक
आवेदन की प्रक्रिया 20 जनवरी से हुई शुरू
मंदसौर 4 फरवरी 25/ म.प्र. मदरसा बोर्ड की सत्र 2025 में आयोजित होने वाली कक्षा 10वीं-12वीं उर्दू माध्यम की परीक्षाओं के आवेदन-पत्र भरने की सुविधा अधिकृत अध्ययन केन्द्रों के माध्यम से 20 जनवरी 2025 से 31 मार्च 2025 तक एम.पी. ऑनलाइन पोर्टल पर उपलब्ध रहेगी। आवेदन-पत्रों में त्रुटि सुधार 10 अप्रैल तक किया जा सकता है। ऑनलाइन आवेदन के पश्चात मूल दस्तावेज 15 अप्रैल 2025 तक भेजे जाना अनिवार्य है। इन परीक्षाओं को भारत सरकार एवं राज्य शासन से मान्यता एवं समकक्षता प्राप्त है। अधिकृत अध्ययन केन्द्रों एवं छात्रों को निर्देशित किया जाता है कि आवेदन-पत्र भरने से पूर्व बोर्ड द्वारा जारी दिशा निर्देशों का भलिभांति अवलोकन कर लें, जिससे की आवेदन-पत्रों में किसी प्रकार की त्रुटि न हो। दिशा-निर्देश मदरसा बोर्ड की वेबसाइट https://mpmb.org.in/ पर उपलब्ध हैं।
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एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड स्कीम में कृषकों को 3 प्रतिशत ब्याज की छूट
मंदसौर 4 फरवरी 25/एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड स्कीम केन्द्र सरकार द्वारा संचालित एक महत्वपूर्ण योजना है, जिसका उद्देश्य देश में कृषि अवसंरचना का विकास एवं विस्तार करना है। इस योजना के माध्यम से कृषक, कृषि अवसंरचना निर्माण के लिये बैंक से प्राप्त राशि रुपये 2 करोड़ तक के ऋण पर 3 प्रतिशत ब्याज छूट का लाभ सात वर्षों के लिए ले सकते है।
इस योजना के अंतर्गत वेयरहाउस, साइलोस, कस्टम हायरिंग सेंटर, कोल्ड स्टोरेज, सॉर्टिंग व ग्रेडिंग इकाई, प्राथमिक प्र-संस्करण इकाई, एयरोफोनिक फार्मिंग, हायड्रोफोनिक फार्मिंग, वर्टिकल कार्मिंग, मशरूम फार्मिंग, स्मार्ट प्रिसीजन फार्मिंग के लिये अवसंरचना निर्माण की जा सकती हैं।
योजनांतर्गत मध्यप्रदेश को वर्ष 2025-26 तक 7440 करोड़ रूपये का लक्ष्य दिया गया है। जिसके विरुद्ध 7,804 करोड़ रूपये के कुल 10.860 प्रकरण स्वीकृत किए जा चुके हैं, जो कि देश के सभी राज्यों में सर्वाधिक है। इसके अतिरिक्त कुल 10.047 प्रकरणों में 5978 करोड़ रूपये का डिसबर्समेंट किया जा चुका है जो अन्य राज्यों की अपेक्षा कहीं अधिक है।
केन्द्र सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2024-25 में मध्यप्रदेश को 500 करोड़ रूपये का लक्ष्य दिया गया था जिसके विरुद्ध 1240 करोड़ रूपये के कुल 2152 प्रकरण स्वीकृत किये जा चुके हैं जो कि आवंटित लक्ष्य का 248 प्रतिशत है। साथ ही कुल 1745 प्रकरणों में 721 करोड़ रूपये का डिसबर्समेंट किया जा चुका है। केन्द्र सरकार की इस महत्वाकांशी योजना का देश में सर्वोत्कृष्ट क्रियान्वयन के लिए मध्यप्रदेश को वर्ष 2021-22, 2022-23 एवं 2023-24 में “अवार्ड” से सम्मानित भी किया गया है।
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मध्यप्रदेश में विकसित हो रहा है फ्यूचर रेडी इंफ्रास्ट्रक्चर : मुख्यमंत्री डॉ. यादव
सड़क, रेल और हवाई सेवाओं का हो रहा है विस्तार
मंदसौर 4 फरवरी 25/ मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के वर्ष 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के विजन को मूर्त रूप दिए जाने के उद्देश्य से प्रदेश में तेज गति से कार्य किया जा रहा है। मध्यप्रदेश में फ्यूचर रेडी इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित किया जा रहा है, जिससे यहां अधिक से अधिक निवेश आएं, उद्योग धंधे स्थापित हों और बड़ी संख्या में रोजगार सृजित हो। मध्यप्रदेश में रेल, सड़क और हवाई सेवाओं का निरंतर विस्तार किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि राज्य के आंतरिक मार्गों के साथ ही राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क का भी विस्तार किया जा रहा है। प्रदेश के शहरों में सड़क यातायात के सुधार के लिए इंदौर, भोपाल, देवास, ग्वालियर, जबलपुर और सतना में एलिवेटेड कॉरिडोर बनाए जा रहे हैं। इनमें से इंदौर एलिवेटेड कॉरिडोर पर 350 करोड़, ग्वालियर में 1100 करोड़, जबलपुर में 660 करोड़ और भोपाल में 306 करोड़ रुपए की लागत आएगी। साथ ही राज्य सरकार ने 724 किमी लंबी 24 सड़क परियोजनाओं का लोकार्पण एवं भूमि-पूजन किया है, जिनकी कुल लागत 10 हजार करोड़ रूपये है। ये परियोजनाएं प्रदेश के शहरों की रोड-कनेक्टिविटी को बढ़ाएंगी, यात्रा समय को कम करेंगी और व्यापार को बढ़ावा देंगी।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में मजबूत राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का निर्माण और उन्नयन केन्द्र सरकार से मिले 3,500 करोड़ रुपए से किया जा रहा है। विशेष रूप से उज्जैन-जावरा 4-लेन ग्रीनफील्ड हाइ-वे परियोजना को 5 हजार करोड़ रूपये से अधिक के निवेश के साथ मंजूरी दी गई है। यह हाइ-वे उज्जैन, इंदौर और आस-पास के क्षेत्रों को मुंबई-दिल्ली इंडस्ट्रियल कॉरीडोर से जोड़ेगा।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव में बताया कि प्रदेश में ग्रामीण यातायात को सुगम करने के लिए मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना चलाई जा रही है, जिसका उद्देश्य 8,565 गांवों को 19,378 किमी लंबी सड़कों के नैटवर्क से जोड़ना है। यह पहल ग्रामीण कनेक्टिविटी को सुधारने के लिए महत्वपूर्ण है, जिससे गांवों को मुख्य सड़कों से जोड़ा जा सके और यात्री व वस्तुओं की आवाजाही सुगम हो सके। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत प्रदेश में 2024-25 के वित्तीय वर्ष के दौरान 1 हजार किमी नई सड़कों का निर्माण और लगभग 2 हजार किमी सड़कों की नवीनीकरण किया जाएगा ताकि ग्रामीण यातायात नेटवर्क को और भी मजबूत किया जा सके।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश के रेलवे नेटवर्क को आधुनिक बनाने के लिए महत्वपूर्ण परियोजनाएं शुरू की गई हैं। प्रदेश में 133 रेलवे ओवरब्रिज और अंडरपास का निर्माण किया गया है, इससे यातायात की गति में सुधार होगा एवं यात्रा सुगम और सुरक्षित होगी। वंदे भारत एक्सप्रेस का शुभारंभ मध्यप्रदेश में हाई-स्पीड ट्रेन की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। इसके अलावा, भोपाल में 100 करोड़ रुपए की लागत से एक नया कोच कॉम्प्लेक्स बन रहा है, जो राज्य की रेलवे सुविधाओं को और बेहतर बनाएगा और यात्रियों को बेहतर सेवाएं प्रदान करेगा।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश के अन्य राज्यों और विदेशों के साथ संपर्क में सुधार के लिए हवाई सेवाओं का विस्तार किया जा रहा है। रीवा में हवाई अड्डे का निर्माण और ग्वालियर में राजमाता विजयराजे सिंधिया हवाई अड्डे का विस्तार एवं आधुनिकीकरण राज्य की हवाई कनेक्टिविटी को बढ़ाने के महत्वपूर्ण कदम हैं। इनसे निवेशकों को सुविधाएं मिलेंगी और निवेश आकर्षित होगा। हवाई सेवाओं के विस्तार से मध्यप्रदेश में पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।
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प्रदेश के सामाजिक, आर्थिक विकास के साथ यात्री सुविधाओं में मील का पत्थर साबित होगा रेल बजट : मुख्यमंत्री डॉ. यादव
मध्य प्रदेश को रेल बजट में मिली अभूतपूर्व सौगातें
स्वतंत्रता के बाद मध्यप्रदेश को रेल सुविधाओं के लिए पहली बार हुआ बड़ी राशि का आवंटन
मंदसौर 4 फरवरी 25/मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने हाल ही में पेश केन्द्रीय बजट में मध्यप्रदेश के लिए रेलवे सुविधाओं के लिए 14 हजार 745 करोड़ रुपए के बजट आवंटन के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्रीय रेल मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव का आभार व्यक्त कर मध्यप्रदेश के नागरिकों की ओर से धन्यवाद दिया है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि स्वतंत्रता के बाद पहली बार मध्यप्रदेश को रेलवे से संबंधित विकास कार्यों के लिए इतनी अधिक राशि का अवंटन हुआ है। केन्द्रीय रेल मंत्री ने मध्यप्रदेश में शत-प्रतिशत रेल विद्युतिकरण पर प्रसन्नता व्यक्त की है। मध्यप्रदेश से रेल मंत्रालय को पूरा सहयोग मिल रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि गत वर्ष मध्यप्रदेश को इंदौर- मनमाड रेल लाइन और इंदौर से दाहोद गुजरात तक धार होकर जाने वाली रेल परियोजना की स्वीकृति के कार्य हुए हैं। मध्यप्रदेश के नागरिकों को सभी दिशाओं में रेल नेटवर्क, यात्रियों के लिए माल भाड़े से जुड़ी सुविधा, रेल्वे ब्रिज और स्टेशनों के विकास की सौगात निरंतर मिल रही है। यह उत्साहवर्धक है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा है रेल बजट 2025-26 प्रदेश के सामाजिक और आर्थिक विकास के साथ यात्री सुविधाओं के विस्तार में मील का पत्थर साबित होगा। इस वर्ष मध्य प्रदेश को रेलवे बजट में अभूतपूर्व सौगातें मिली हैं। इस बजट से न केवल रेलवे नेटवर्क का विस्तार होगा बल्कि राज्य में रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे। रेलवे के आधुनिकीकरण और यात्री सुविधाओं के विस्तार से मध्यप्रदेश के आर्थिक विकास को एक नई दिशा मिलेगी। इसके लिए प्रधानमंत्री श्री मोदी और केन्द्रीय रेल मंत्री श्री वैष्णव का मैं हृदय से धन्यवाद एवं आभार व्यक्त करता हूं।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश के लिए घोषित रेल बजट 2025-26 में राज्य को रेल अवसंरचना विकास के लिए अभूतपूर्व सौगातें दी गई हैं। इस बजट में 14,745 करोड़ रुपये का भारी भरकम बजटीय आवंटन किया गया है, जो राज्य के रेल नेटवर्क के विस्तार और आधुनिकीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि रेल बजट 2025-26 में 31 नई रेल परियोजनाओं को स्वीकृति दी गई है, जिनकी कुल लंबाई 5,869 किलोमीटर है और इन पर 1,04,987 करोड़ रुपये का निवेश प्रस्तावित है। इन परियोजनाओं के पूरा होने से राज्य के विभिन्न क्षेत्रों को बेहतर रेल कनेक्टिविटी मिलेगी और यात्री सुविधाओं में उल्लेखनीय सुधार होगा।
80 रेलवे स्टेशन विकसित होंगे अमृत स्टेशन के रूप में
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि यात्रियों की सुविधा के लिए मध्य प्रदेश के 80 स्टेशनों को ‘अमृत स्टेशन’ के रूप में विकसित किया जा रहा है, जिन पर 2,708 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इन स्टेशनों में अकौड़िया, आमला, अनुपपुर, अशोकनगर, बालाघाट, बनापुरा, बरगवां, ब्योहारी, बेरछा, बैतूल, भिंड, भोपाल, बिजुरी, बीना, ब्यावरा, छिंदवाड़ा, डबरा, दमोह, दतिया, देवास, गाडरवारा, गंजबासौदा, घोड़ाडोंगरी, गुना, ग्वालियर, हरदा, हरपालपुर, इंदौर जंक्शन, इटारसी जंक्शन, जबलपुर, जुन्नारदेव, करेली, कटनी जंक्शन, कटनी मुड़वारा, कटनी साउथ, खाचरोद, खजुराहो जंक्शन, खंडवा, खिरकिया, लक्ष्मीबाई नगर, मैहर, मक्सी जंक्शन, मंडला फोर्ट, मंदसौर, एमसीएस छतरपुर, मेघनगर, मुरैना, मुलताई, नागदा जंक्शन, नैनपुर जंक्शन, एमसीएस छतरपुर, मेघनगर, मुरैना, मुलताई, नागदा जंक्शन, नैनीपुर जंक्शन, नर्मदापुरम (होशंगाबाद), नरसिंहपुर, नेपनागर, नीमच, ओरछा, पांढुर्ना, पिपरिया, रतलाम, रीवा, रुथियाई, सांची, संत हिरदाराम नगर, सतना, सागर, सीहोर, सिवनी, शहडोल, शाजापुर, श्यामगढ़, श्योपुर कलां, शिवपुरी, श्रीधाम, शुजालपुर, सिहोरा रोड, सिंगरौली, टीकमगढ़, उज्जैन, उमरिया, विदिशा और विक्रमगढ़ आलोट स्टेशन शामिल हैं।
स्टेशन पुनर्विकास परियोजनाओं के तहत रानी कमलापति, ग्वालियर, खजुराहो, सतना, इंदौर, बीना और जबलपुर जैसे महत्वपूर्ण स्टेशनों के पुनर्विकास पर 1,950 करोड़ रुपये की लागत से कार्य किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि राज्य में रेलवे सुरक्षा की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण प्रगति हुई है। ‘कवच’ तकनीक के अंतर्गत 3,572 किलोमीटर रेल मार्ग पर सुरक्षा कार्य स्वीकृत किए गए हैं, जिनमें से 1,422 किलोमीटर पर कार्य प्रगति पर है। यह तकनीक ट्रेन संचालन के दौरान दुर्घटनाओं को रोकने में मदद करेगी और यात्रियों की सुरक्षा को और मजबूत बनाएगी। मध्यप्रदेश में विद्युतीकरण के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की गई है। राज्य में 2,808 किलोमीटर रेल मार्ग का विद्युतीकरण पूरा किया जा चुका है, जिससे मध्यप्रदेश 100 प्रतिशत विद्युतीकृत राज्य बन चुका है। इसके अलावा, राज्य में 2,456 किलोमीटर नई पटरियों का निर्माण किया गया है, जो डेनमार्क के पूरे रेल नेटवर्क के बराबर है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि यात्रियों के बेहतर अनुभव के लिए मध्यप्रदेश में 4 वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों का संचालन किया जा रहा है, जो राज्य के 14 जिलों को जोड़ती हैं और इन जिलों में 18 स्टॉपेज हैं। यात्रियों की सुविधा के लिए 69 लिफ्ट, 41 एस्केलेटर और 408 स्टेशनों पर वाई-फाई की सुविधा भी प्रदान की गई है।
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क्लीन-एंड-ग्रीन एनर्जी से बनेगा हरित मध्यप्रदेश : मुख्यमंत्री डॉ. यादव
मंदसौर 4 फरवरी 25/भारत का हृदय-प्रदेश मध्यप्रदेश, प्राकृतिक सौंदर्य, बहुरंगी पारिस्थितिकी तंत्र और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संजोये है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के विकासशील चिंतन के मार्गदर्शन में प्रदेश डॉ. मोहन यादव के कुशल और आत्मविश्वास से भरे नेतृत्व में विकास के पथ पर अग्रसर है। वर्ष 2025 में सरकार आर्थिक प्रगति और पर्यावरणीय स्थिरता के बीच संतुलन बना कर आगे बढ़ेगी। स्वच्छ और हरित मध्यप्रदेश मात्र विमर्श नहीं है, अपितु वर्तमान और भावी पीढ़ियों की महती आवश्यकता है।
स्वच्छ और हरित मध्यप्रदेश बनाए रखने के लिए सरकार, निजी क्षेत्र और जनभागीदारी के सामूहिक प्रयास आवश्यक हैं। नागरिकों में प्रकृति और पर्यावरण संरक्षण के प्रति जिम्मेदारी की भावना को बढ़ावा देने के लिए भी लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। सरकार इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए रोडमैप तैयार कर निरन्तर आगे बढ़ रही है।
नवकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देना
मध्यप्रदेश ने सौर और पवन ऊर्जा के उपयोग में महत्वपूर्ण प्रगति की है। रीवा में अल्ट्रा मेगा सोलर पावर प्रोजेक्ट नवकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में प्रदेश को देश के अन्य राज्यों के लिए रोल-मॉडल बनाने के लक्ष्य का प्रतीक है। इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए प्रदेश सरकार ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में सौर ऊर्जा के साथ ही पवन ऊर्जा परियोजनाओं का विस्तार करने पर भी फोकस कर रही है। नवकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं में सरकारी के साथ ही निजी निवेश को भी बढ़ावा दिये जाने की रणनीति बना रही है। प्रदेश के आम नागरिकों को उनकी आवश्यकताओं के लिए आत्मनिर्भर बनाने के प्रयासों के अंतर्गत घरों और व्यवसायिक संस्थानों के लिए रूफटॉप सोलर इंस्टॉलेशन को प्रोत्साहित किया जा रहा है। यहां तक कि प्रदेश के सबसे बड़े ऊर्जा उपभोक्ता अर्थात किसानों को भी सिंचाई के लिए सोलर-पंप जैसी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। प्रदेश सरकार के इन प्रयासों से नागरिक तो ऊर्जा के क्षेत्र में भी आत्मनिर्भर बनेंगे ही, उनका अतिरिक्त उत्पादन ग्रिड से जुड़ कर प्रदेश को विद्युत सर-प्लस राज्यों के शीर्ष पर बनाए रखने में सहयोगी होगा। इस तरह मध्यप्रदेश देश को क्लीन-एंड-ग्रीन एनर्जी सेक्टर में विश्व में अग्रणी बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दे सकेगा।
कचरा प्रबंधन प्रणाली में सुधार
प्रदेशवासियों के लिए गर्व का विषय है राज्य बीते कई वर्षों से लगातार देश के स्वच्छतम प्रदेशों में सम्मिलित बना हुआ है। इंदौर देश का स्वच्छतम शहर और भोपाल देश की स्वच्छतम राजधानी बनी हुई है। प्रदेश की इस क्लीन-एंड-ग्रीन लिगेसी को बनाए रखने के लिए पहले से सक्रिय कचरा-प्रबंधन प्रणाली को और प्रभावी बनाए जाने के लिए प्रदेश सरकार रणनीतिक स्तर पर काम कर रही है। स्थानीय निकायों में सूखा-गीला कचरा पृथक्करण के साथ ही इलेक्ट्रॉनिक कचरा, चिकित्सालयों एवं लेबोरेटरीज का कचरा और सीवेज-वेस्ट के पृथक्करण एवं निष्पादन के लिये हाईटेक प्रणालियां विकसित करने की रणनीति पर काम कर रही है। इसके अंतर्गत प्रदेश की स्मार्ट-सिटी परियोजना में सम्मिलित शहरों के साथ ही दूसरे शहरों में भी आधुनिक री-साइक्लिंग प्लांट स्थापित किए जाने की योजना है। गांवों और कस्बों में जैविक कचरे की कंपोस्टिंग को प्रोत्साहित किया जा रहा है। साथ ही सिंगल-यूज प्लास्टिक के उपयोग को कम करने के लिए भी आम नागरिकों को जागरूक बनाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।
जनभागीदारी से बढ़ाई जायेगी शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में ग्रीनरी
सबसे अधिक वनावरण और वृक्षावरण के साथ प्रदेश लगातार देश में प्रथम स्थान पर बना हुआ है। इस तरह हम जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों को कम करने की दिशा में सबसे आगे हैं। इससे हमारी जैव-विविधता में भी सुधार हो रहा है। हम इससे संतुष्ट होकर नहीं बैठे है प्रदेश की इस परंपरा को आने वाले वर्षों में भी बनाये रखने के लिए सरकार सामुदायिक भागीदारी के साथ बड़े पैमाने पर वनीकरण अभियान चलाती रहेगी। इसके साथ ही शहरों में ग्रीन-बेल्ट और पार्कों का विकास किया जा रहा है। विकास कार्यों के कारण वन भूमि को संभावित क्षति के दृष्टिगत उसकी सुरक्षा और पुनर्स्थापना के लिए भी योजनाबद्ध रूप से सरकार काम कर रही है। किसानों के बीच भी कृषि वानिकी की परंपरा बनाए रखने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।
वर्ष 2025 में मिले उपहार प्रदेश को बनाएं जल-समृद्ध
कृषि, उद्योग और घरेलू आवश्यकताओं के लिए सतत जल प्रबंधन महत्वपूर्ण है। इसके लिए मध्यप्रदेश को वर्ष के आरंभ में ही प्रधानमंत्री श्री मोदी की ओर से पार्वती-कालीसिंध-चंबल नदी लिंक और केन-बेतवा नदी लिंक परियोजनाओं का उपहार मिला है। ये परियोजनाएं प्रदेश की सिंचाई आवश्यकताओं के साथ ही नागरिकों के लिए पेयजल और उद्योगों को उनकी जरूरतों के लिए पर्याप्त पानी उपलब्ध कराएंगी। इसके साथ ही प्रदेश सरकार भूगर्भ में संचित जल स्तर को बढ़ाने के लिए शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में रेन-वाटर हार्वेस्टिंग प्रणालियों का विस्तार कर रही है, पारंपरिक जल-निकायों (कुएं, बावड़ी एवं तालाब) और नदियों को पुनर्जीवित किए जाने की योजनाओं पर भी काम कर रही है। खेती में पानी की बर्बादी को रोकने के लिए स्प्रिंकलर-सिस्टम और ड्रिप-इरिगेशन जैसी माइक्रो-इरिगेशन तकनीकों को बढ़ावा दिया जा रहा है।
एकीकृत कृषि के साथ ही जैविक खेती को बढ़ावा, अर्थव्यवस्था बनेगी मजबूत पर्यावरण भी रहेगा संरक्षित
देश के साथ ही मध्यप्रदेश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ माने जाने वाली कृषि के क्षेत्र में भी उत्पादन बढ़ाने के लिए इस तरह की तकनीकों पर जोर दिया जा रहा है जो पर्यावरण के अनुकूल हों। इसके अंतर्गत जैविक खेती को प्रोत्साहित किया जा रहा है। इससे किसान रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशक के रूप में रसायनों का प्रयोग कम से कम करने के लिए प्रोत्साहित होंगे और खेतों की मिट्टी भी उर्वर एवं शस्य-श्यामला बनी रहेगी। इसके लिए किसानों को गांवों में पर्यावरण संरक्षण और प्रिसिजन फार्मिंग संबंधी प्रशिक्षण दिये जाएंगे। किसानों को समृद्ध बनाने की रणनीति के अंतर्गत बाजारों की जरूरतों के अनुरूप फसल विविधीकरण, उद्यानिकी और पशुपालन से एकीकृत खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है।
वाहन-जनित प्रदूषण कम करने की रणनीतियों पर फोकस
वर्ष 2025 में मध्यप्रदेश सरकार यातायात के साधनों की पर्याप्तता बनाए रखते हुए पर्यावरण प्रदूषण को कम करने के लिए विशेष नीतियों पर काम कर रही है। इसके लिए सार्वजनिक परिवहन प्रणालियों का विस्तार किया जा रहा है। सार्वजनिक परिवहन के लिए मध्यप्रदेश परिवहन निगम को पुनर्जीवित किया जा रहा है। प्रदेश में इंटर-सिटी कनेक्टिविटी और शहरी सार्वजनिक परिवहन के लिए इलेक्ट्रिक बसें प्रारंभ की जा रही हैं। साथ ही राजधानी भोपाल और इंदौर में मेट्रो ट्रेन शुरू की जा रही हैं। निजी परिवहन में ईवी (इलेक्ट्रिक वाहन) के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए इनकी खरीद पर अनुदान का प्रावधान किया गया है, साथ ही चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर भी बढ़ाया जा रहा है। शहरों में साइकलिंग ट्रैक और पैदल यात्री मार्ग भी बनाए जा रहे हैं।
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सभी सब्जी व्यापारियों को सब्जी प्लाट बांटे गए
सीतामऊ-नगर परिषद सीतामऊ के अधिकारी श्री माथुर और नगर पालिका टीम की दिन भर की मेहनत से सभी सब्जी व्यापारियों को सब्जी प्लाट बांटे गए मुख्य बात तो ये रही कि आखिर किसको कहा प्लाट दिया जाए इस परेशानी को नगर पालिका अधिकारी श्री माथुर सा ने पारदर्शिता रखते हुवे सभी के नाम लिख कर टोकन ड्रा सिस्टम) से नंबर निकाल कर प्लाटो का वितरण किया गया इस को लेकर सभी सब्जी व्यापारियों ने नगर पालिका अधिकारी को शांति पूर्वक निपटाने पर प्रसन्नता व्यक्त की।
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भानपुरा में 01 व्यक्ति द्वारा फांसी लगाकर आत्महत्या की
भानपुरा में किसी व्यक्ति द्वारा फांसी लगाकर जीवन लीला समाप्त करने की जानकारी अनुसार रूपचंद पिता केसरीलाल माली उम्र_30 वर्ष निवासी वार्ड नंबर 15 छत्री रोड भानपुरा ने अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
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