
पीएमएवाई-जी के तहत भूमिहीन परिवारों को भूमि का आवंटन
प्रधानमंत्री आवास योजना – ग्रामीण (पीएमएवाई-जी) के अंतर्गत भूमिहीन लाभार्थियों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाती है। भूमिहीन पीएमएवाई-जी लाभार्थियों को भूमि उपलब्ध कराना अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि वे पीएमएवाई-जी की स्थायी प्रतीक्षा सूची में सबसे योग्य लाभार्थियों में से हैं। पीएमएवाई-जी के अंतर्गत, योजना के प्रावधानों के अनुसार, राज्य/केंद्र शासित प्रदेश यह सुनिश्चित करेंगे कि भूमिहीन लाभार्थी को सरकारी भूमि या सार्वजनिक भूमि (पंचायत की साझा भूमि, सामुदायिक भूमि या अन्य स्थानीय प्राधिकरणों की भूमि) सहित किसी अन्य भूमि से भूमि उपलब्ध कराई जाए। चयनित भूमि के लिए, राज्य/केंद्र शासित प्रदेश सरकार द्वारा पर्याप्त अवसंरचना, जैसे बिजली, सड़क संपर्क और पेयजल की उपलब्धता, ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन सुविधाएँ सुनिश्चित की जा सकती हैं।
चूँकि भूमि राज्य का विषय है, इसलिए मंत्रालय इस मामले पर कोई नीति बनाने की स्थिति में नहीं है। हालाँकि, मंत्रालय ने वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों से संबंधित मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक टास्क फोर्स गठित करने का अनुरोध किया है, जिसमें सचिव (राजस्व) और पीएमएवाई-जी से संबंधित विभाग के प्रभारी सचिव शामिल होंगे।
बिहार, ओडिशा, महाराष्ट्र और तमिलनाडु की राज्य सरकारें पीएमएवाई-जी के अंतर्गत भूमिहीन लाभार्थियों के लिए योजनाएं क्रियान्वित कर रही हैं, जो इस प्रकार हैं:-
- बिहार राज्य में “मुख्यमंत्री आवास स्थल क्रय सहायता योजना” लागू की गई है। इस योजना के तहत पात्र लाभार्थियों को अपना घर बनाने हेतु भूमि खरीदने हेतु 60,000 रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
- ओडिशा राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई “वसुंधरा योजना” का उद्देश्य ओडिशा में भूमिहीन गरीबों, झुग्गीवासियों और कमजोर समूहों को भूमि अधिकार और आवास लाभ प्रदान करना है।
- महाराष्ट्र राज्य सरकार की “पंडित दीन दयाल उपाध्याय घरकूल जग खरीददारी अर्थसहाय योजना” पीएमएवाई-जी के तहत मकान निर्माण के लिए 500 वर्ग फीट भूमि की खरीद के लिए भूमिहीन लाभार्थियों को 1,00,000 रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान कर रही है।
- तमिलनाडु राज्य सरकार पीएमएवाई-जी के अंतर्गत भूमिहीन लाभार्थियों को मकान निर्माण के लिए निःशुल्क भूमि उपलब्ध करा रही है।
पीएमएवाई-जी के वर्तमान चरण (2024-29) में मंत्रालय सभी भूमिहीन लाभार्थियों को भूमि उपलब्ध कराने की निरंतर निगरानी कर रहा है।
आज तक, आवास सॉफ्ट पर विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा की गई डेटा प्रविष्टियों के अनुसार, पीएमएवाई-जी के तहत कुल 2,68,480 भूमिहीन लाभार्थियों को मकान स्वीकृत किए गए हैं।
बिहार में भूमिहीन लाभार्थियों का जिलावार विवरण तथा भूमि आवंटित लाभार्थियों की संख्या अनुलग्नक में दी गई है।
अनुलग्नक
बिहार में भूमिहीन लाभार्थियों का जिलावार विवरण
क्र.सं. | ज़िला | भूमिहीन लाभार्थियों की संख्या | राज्य द्वारा भूमि आवंटित लाभार्थियों की संख्या | शेष भूमिहीन |
1 | अररिया | 122 | 62 | 60 |
2 | अरवल | 2 | 2 | 0 |
3 | औरंगाबाद | 461 | 406 | 55 |
4 | बांका | 871 | 568 | 303 |
5 | बेगूसराय | 772 | 535 | 237 |
6 | भागलपुर | 1,446 | 1,141 | 305 |
7 | भोजपुर | 123 | 79 | 44 |
8 | बक्सर | 499 | 150 | 349 |
9 | दरभंगा | 11 | 2 | 9 |
10 | गया | 213 | 197 | 16 |
11 | गोपालगंज | 228 | 44 | 184 |
12 | जमुई | 28 | 25 | 3 |
13 | जहानाबाद | 49 | 49 | 0 |
14 | कैमूर (भभुआ) | 537 | 266 | 271 |
15 | कटिहार | 2,348 | 1,373 | 975 |
16 | खगरिया | 542 | 208 | 334 |
17 | किशनगंज | 33 | 29 | 4 |
18 | लखीसराय | 352 | 10 | 342 |
19 | मधेपुरा | 143 | 67 | 76 |
20 | मधुबनी | 432 | 107 | 325 |
21 | मुंगेर | 299 | 290 | 9 |
22 | मुजफ्फरपुर | 1,240 | 716 | 524 |
23 | नालंदा | 174 | 139 | 35 |
24 | नवादा | 185 | 161 | 24 |
25 | पश्चिम चंपारण | 2,605 | 1597 | 1,008 |
26 | पटना | 1277 | 89 | 1,188 |
27 | पूर्वी चंपारण | 95 | 57 | 38 |
28 | पूर्णिया | 368 | 310 | 58 |
29 | रोहतास | 2,147 | 1324 | 823 |
30 | सहरसा | 20 | 17 | 3 |
31 | समस्तीपुर | 949 | 809 | 140 |
32 | सरन | 3,204 | 1 | 3,203 |
33 | शेखपुरा | 39 | 30 | 9 |
34 | शिवहर | 29 | 21 | 8 |
35 | सीतामढ़ी | 262 | 222 | 40 |
36 | सिवान | 40 | 14 | 26 |
37 | सुपौल | 539 | 537 | 2 |
38 | वैशाली | 330 | 75 | 255 |
कुल | 23,014 | 11,729 | 11,285 |
यह जानकारी ग्रामीण विकास राज्य मंत्री डॉ. चंद्रशेखर पेम्मासानी ने आज राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में दी।
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