आध्यात्मतालरतलाम

जिसका भाव अच्छा होता है ईश्वर की प्राप्ति उसी को होती है — रामजी महाराज

 

ताल ब्यूरो चीफ –शिवशक्ति शर्मा

श्री रामद्वारा ताल में चल रही श्रीमद् भागवत सप्ताह के दौरान हरसुख राम महाराज ने व्यास पीठ से समापन अवसर पर सुदामा चरित्र का वर्णन करते हुए कहा कि सुदामा ने जो चने खाए थे वो चोर कर नहीं खाए थे जब गुरु मां ने कृष्ण सुदामा जब जंगल में लकड़ी लेने जा रहे थे तो उन्होंने दो मुठ्ठी चने दिए कि जब भूख लगे तो दोनों मिलकर खा लेना उसी समय दुर्वासा ऋषि आश्रम में आए और उन्होंने कहा कि कुछ खाने को दे दो तो गुरु मां ने कहा कि जो था वो में कृष्ण सुदामा को दे दिए तो दुर्वासा ऋषि ने शाप दिया कि जो जो वो चने खाएगा वो दरिद्री हो जाएगा यह बात सुदामा ने सुन ली और उन्होंने सोचा कि अगर ये चने कृष्ण ने खा लिए तो मेरा मित्र भी दरिद्री हो जाएगा यही सोच कर सुदामा ने कृष्ण के हिस्से के चने भी खा लिए ।इस अवसर पर धर्म जागरण समिति द्वारकाधीश चौराहा ताल द्वारा राम जी महाराज का शाल श्री फल से सम्मान किया।

इस अवसर पर समिति के अध्यक्ष अरुण दुबे ,अभिषेक सकलेचा , योगेश मुखिया, नितेश सेठिया,जगदीश सोलंकी,हेमंत सेठिया मानस सोनी , सदस्य समिति एवं श्रोतागण उपस्थित थे। कथा समापन पर आरती पश्चात प्रसाद वितरण हुआ।

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