आध्यात्ममंदसौर जिलासुवासरा

एक बाल हमारे मुंह में अंदर प्रवेश कर जाता तो हम थूक देत सोचो फिर हम जानबूझकर गलत चीजों का सेवन क्यों कर रहे हैं- पं. नागर जी 

एक बाल हमारे मुंह में अंदर प्रवेश कर जाता तो हम थूक देत सोचो फिर हम जानबूझकर गलत चीजों का सेवन क्यों कर रहे हैं- पं. नागर जी 

सुवासरा 20 जनवरी / किशोरपुरा की पावन धरती पर गणेश मगरा स्थित गोपाल कृष्ण गौशाला पर कथा के चौथे दिन कथा का रसपान करवाते हुए सरस्वती के व्रत पुत्र पंडित कमल किशोर जी नागर ने कथा के चौथे दिन भारत प्रचलित सिक्का का उदाहरण देते हुए बताया कि सिक्के पर तीन मुंह होते हैं ऊपर से अलग-अलग मुंह दिखाते परंतु नीचे एक होते हैं तीनों की भावना एक होती है इसी निर्मित से हमें कथा मिली है जिस परिवार में माता-पिता पुत्र एक मत, है वो भारत का सिक्का है

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