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मृत्यु सत्य है शरीर नश्वर है फिर भी अपनों के जाने का दुःख-बलराम राठौर

श्री कृणानंद गुजराती सेन समाज संस्थान ने पांच गांव मे शोक संवेदना तस्वीर की भेंट


मंदसौर। मृत्यु सत्य है शरीर नश्वर है फिर भी अपनों के जाने का दुःख होता है यह बात बलराम राठौर अध्यक्ष श्री कृणानंद गुजराती सेन समाज संस्थान मंदसौर ने अलग अलग पांच गांव मे सामाजिक परिवारों मे हुई गमी के बाद पगड़ी आयोजन मे शोक संवेदना तस्वीर की भेंट करते समय कही। श्री राठौर ने कहा की सामाजिक क्षेत्र मे कार्य करना यह कोई राजनैनिक नही है मौके मौके पर विगत दिनों सामाजिक परिवारों अपनों के बीच मे पहॅचकर उनके सुख दुःख मे सहभागता करना ही समाजसेवा जैसा कार्य है जिसमे आप हम सब को एकजुअ होकर नव युवाओं कें सहयोग से समाज के विकास मे शिक्षा को बढ़ावा देना ही मुख्य उद्धेश्य है। सामाजिक कुरूतियों पर आज के युवा स्वयं विचार करे और उन पर प्रतिबंध लगावे। शोक संवेदना मे बालागंज के नंन्दकिशार राठौर के सुपुत्र के देवलोग गमन, छोटी गड़भेली, रिच्छा बच्चा, नाहरगढ़, खेड़ा सीतामउ, मुदेंड़ी मे सौलंकी परिवार मे शोक संवदना पत्र स्वरूप तस्वीरें भेंट की गई। इस अवसर पर सचिव अशोक परमार, हरीप्रसाद गेहलोद पिपिल्यामंडी, अंतिम देवड़ा मंदसौर, भुवानीराम सविता नाहरगढ़, नागुलाल सेन प्रतापगढ़, श्यामलाल सोंलंकी छायन, रमेश चंन्द बुढ़ा, महेश चंन्द्र सेन लुनाहेड़ा, कैलाश चंन्द्र भाटी, देवेश भाटी सीतामउ, विनोद सोंलकी, संजय डॉबी अनिल सैंलकी आदी मौजुद थे।

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