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पंचकल्याणक महोत्सव में राज्यपाल डॉ गेहलोत और कैबिनेट मंत्री श्री काश्यप हुए सम्मिलित

पंचकल्याणक महोत्सव में राज्यपाल डॉ गेहलोत और कैबिनेट मंत्री श्री काश्यप हुए सम्मिलित

किशनगढ़ ताल
ठाकुर शंभू सिंह तंवर

श्री आदिनाथ दिगंबर जैन मंदिर परमार्थिक समिति द्वारा सागोद रोड स्थित ऋषभ धाम में आयोजित पंचकल्याणक महोत्सव के जन्म कल्याण महोत्सव में कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गेहलोत, कैबिनेट मंत्री चैतन्य काश्यप भी सम्मिलित हुए।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज्यपाल गेहलोत ने कहा कि पंचकल्याणक महोत्सव जैन धर्म में एक विशेष धार्मिक अनुष्ठान और उत्सव है जो तीर्थंकर भगवान के जीवन के पांच महत्वपूर्ण चरणों के माध्यम से हमें धर्म और मोक्ष के पथ पर चलने की प्रेरणा देता है। यह महोत्सव हमें भगवान की शिक्षाओं को आत्मसात करने, आत्मा की दिव्यता को पहचानने और धर्म, करुणा, अहिंसा और संयम के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है। उन्होंने कहा कि जैन धर्म के 22 वे तीर्थंकर भगवान नेमिनाथ का जीवन करुणा, अहिंसा, त्याग और सत्य का आदर्श उदाहरण है। आपने सभी जीवो के प्रति प्रेम और अहिंसा का संदेश दिया और लोगों को पंचशील सिद्धांत (अहिंसा, सत्य, ब्रह्मचर्य, अपरिग्रह) पर चलने की शिक्षा दी। उनके विचार आज भी मानवता के लिए प्रेरणादायक है।

गेहलोत ने कहा कि उच्च शिक्षा प्राप्त करने के बाद बने भगवंत आचार्य एवं साधु- साध्वी चाहते तो व्यापार-व्यवसाय करके वैभवपूर्ण जीवन जी सकते थे लेकिन इन्होंने वैभवपूर्ण जीवन जीने के बजाय दीक्षा प्राप्त करके सत्य, अहिंसा, तप और धर्म के मार्ग पर चलकर परोपकारी कार्य करते हुए समाज में नैतिक और मानवीय मूल्यों को स्थापित करके एवं जैन धर्म के आदर्शों को प्रचारित करने तथा सनातन संस्कृति एवं धर्म के प्रचार का पुण्य कार्य करके सदमार्ग मार्ग पर चलने की प्रेरणा दी है।

मंत्री काश्यप ने कहा कि हमारी सांस्कृतिक परंपरा अतिप्राचीन है जो वसुदेव कुटुंबकम के दर्शन और ध्यान पर केंद्रित होकर सर्वे भवंतु सुखिनो सर्वे संतु निरामया एवं जियो और जीने दो की भावना से प्रेरित है। भारतीय संस्कृति में पर्यावरण संरक्षण की प्राचीन परंपरा है। हम वृक्ष, जल, भूमि और जीव-जंतुओं की पूजा करते हैं। प्रकृति और पर्यावरण की रक्षा करना हर व्यक्ति का कर्तव्य है।

रविवार को आयोजन में महोत्सव समिति द्वारा राज्यपाल गेहलोत व केबीनेट मंत्री काश्यप को अध्यक्ष राजकुमार अजमेरा, सचिव जिनेंद्र जैन, सुशील अजमेरा, गौरव अजमेरा, मुकेश मोठिया, श्री कीर्ति बड़जात्या, श्री महेंद्र अजमेरा आदि ने स्मृति चिन्ह प्रदान किया। इस अवसर पर कलेक्टर राजेश बाथम का भी सम्मान किया गया। डीआईजी एसपी मौजूद थे।

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