आलोट सिविल हॉस्पिटल वेंटिलेटर पर ? ,डॉक्टर्स से लेकर स्टाफ की कमी केंद्र से लेकर राज्य तथा नगर भाजपा सरकार के बावजूद बदहाल व्यवस्था
✍️ रवि खिंची पत्रकार
आलोट। शासकीय सिविल अस्पताल चिकित्सीको और स्टाफ की पूर्ति और अन्य सुविधाओ को लेकर जुझ रहा है। विधानसभा चुनाव में क्षेत्र की जनता ने चिन्तामण मालवीय को चुनाव में अधिक मत देकर विधायक चुना था ताकि क्षेत्र में विकास हो सके। लेकिन इन दिनो जो स्थितियां देखने में आ रही है उन्हे देखकर तो ऐसा प्रतीत होता है मानो विधायक क्षेत्र की मूलभूत समस्याओ से ही अनभिज्ञ है। रतलाम जिले के अंतिम छोर पर स्थित आलोट तहसील के शासकीय सिविल अस्पताल की हालत आज से नही वर्षो से बदहाल है किन्तु केन्द्र से लेकर राज्य और विधानसभा से नगर तक भाजपा की सरकार होने के बावजूद क्षेत्र में विकास के कोई ऐसे कार्य दिखाई नही दे रहे जिससे की जनता की मूलभूत आवश्यकताओ की पूर्ति हो सके। आलोट में शासकीय सिविल अस्पताल में चिकित्सको और स्टाफ की कमी को लेकर स्थित आज भी जस की तस बनी हुई है।*
वेंटिलेटर पर है क्षेत्र का शासकीय सिविल अस्पताल....!स्थानीय लोगो के मुताबिक आलोट का सिविल हॉस्पिटल कहने को भले जिले का दुसरे नम्बर का अस्पताल हो किन्तु व्यवस्था के नाम पर ये प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के समकक्ष भी नही है। इस अस्पताल में एक लेडी डाॅक्टर तथा तीन डाॅक्टर है जिसमे बीएमओ देवेन्द्र मौर्य आधे समय मिटिंगो में अपनी सेवाएं दे रहे है वे भी अपनी मनमर्जी के मुताबिक बिना सुविधाओ के सेवाएं दे रहे है। यानि कुल मिलाकर फिलहाल ये सिविल अस्पताल मरीजो के लिए केवल रैफर पर्ची बनवाने तक ही सीमित है। मरीज अपनी बिमारी से अधिक अस्पताल की दुर्दशा से व्यथित हो जाता है। जनप्रतिनिधि भी समय-समय पर सिविल हॉस्पिटल में आते है फोटू गीचाकर चले जाते है अस्पताल में डाॅक्टरो की कमी उने दिखाई नही देती सिविल अस्पताल में चली आ रही सुविधाओ को लेकर इनका ध्यान नही जाता है। बीएमओ कक्ष में गपे माते रहते है। डाॅक्टर तथा अन्य सुविधाओ को लेकर कोई चिंतित नही है।