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नीमच जिला स्थापना दिवस : 26 बरस का हो चुका है हमारा जिला, पर क्या मिली जिले के अनुरूप सुविधाएं.?

नीमच जिला स्थापना दिवस : 26 बरस का हो चुका है हमारा जिला, पर क्या मिली जिले के अनुरूप सुविधाएं.?

-तरुण बाहेती

जिला पंचायत सदस्य एवं कांग्रेस नेता नीमच

 

6 जुलाई 1998 को मंदसौर जिले से काट कर नीमच जिले का गठन किया था, जिसमें नीमच, जावद और मनासा उपखंड क्षेत्र को शामिल किया था, जिसे आज 26 बरस पूरे हो चुके हैं, लेकिन सवाल यह है कि क्या नीमच को जिले के अनुरूप सुविधाएं मिल पाई हैं..? हालात यह है कि इतने सालों बाद भी कई ऐसे सरकारी विभाग है, जिनका मुख्यालय मंदसौर ही है।

यह आरोप कांग्रेस नेता व जिला पंचायत सदस्य तरूण बाहेती ने लगाया है। उन्होंने कहा कि वर्ष 1998 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने नीमच जिले का गठन किया था। 26 वर्ष बीत जाने के बाद भी 13 से अधिक महत्वपूर्ण विभागों के मुख्यालय आज भी मंदसौर में ही संचालित हो रहे हैं। इससे नीमच की जनता को लगातार बड़ा नुकसान हो रहा है। दु:खद है कि प्रदेश में भाजपा की करीब 23 वर्षों से सरकार है। इसके बाद भी इस महत्वपूर्ण मामले पर भाजपा के सत्ता सुख भोगने वाले जनप्रतिनिधियों ने अब तक ध्यान नहीं दिया। कांग्रेस नेता ने कहा कि नीमच जिले के बड़े-बड़े विभागों के कार्यालय मंदसौर में होने से नीमच की जनता का बीते सालों में जो नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई नहीं की जा सकती। श्री बाहेती ने बताया कि नीमच जिला बनने के बाद अलग जिला सहकारी बैंक का गठन होना था, ताकि नीमच का व्यक्ति जिला सहकारी बैंक का अध्यक्ष बनता, लेकिन नीमच जिले में 26 साल से अलग जिला सहकारी बैंक स्थापित नहीं हो पाई। उन्होंने कहा कि जिले में करीब 243 ग्राम पंचायते हैं, जिसके मुकाबले सिर्फ 68 ही सहकारी समिति है, जबकि प्रत्येक ग्राम पंचायत स्तर पर सहकारी समिति होना चाहिए। श्री बाहेती ने कहा कि वर्तमान में शासन के आदेश हैं कि प्रति ग्राम पंचायत स्तर पर एक सहकारी समिति हो, पर नीमच जिले में मात्र नवीन मात्र 7 समितियां ही गठित की जा रही है।

सौर ऊर्जा के लिए नीमच विख्यात पर, कार्यालय मंदसौर में

श्री बाहेती ने कहा कि प्रदेश भर में सौर ऊर्जा के लिए नीमच जिला विख्यात हो चुका है। जावद में हजारों हेक्टेयर भूमि पर सौर ऊर्जा का उत्पादन होता है, लेकिन हालात यह है कि सौर ऊर्जा का अक्षय ऊर्जा विभाग का कार्यालय भी मंदसौर में है। इसके अलावा पोस्ट ऑफिस, बीएसएनएल, मप्र राज्य विपणन संघ, मप्र आपूर्ति निगम, जल निगम, इफको, पुरातत्व विभाग, हाउसिंग बोर्ड, श्रम न्यायालय, हस्तकरघा विभाग, सेतु विकास निगम समेत कई विभाग हैं जिनके मुख्यालय मंदसौर हैं। श्री बाहेती ने कहा कि कभी नीमच में हाउसिंग बोर्ड का दफ्तर हुआ करता था, लेकिन उसे भी मंदसौर भेज दिया गया, अब लोगों को हाउसिंग बोर्ड संबंधित कार्यों के लिए लिए मंदसौर व रतलाम जाना पड़ता है। उन्होंने कहा कि ताजा मामला 40 साल पहले नीमच में स्थापित एनसीसी यूनिट का है, जिसे भी सांसद सुधीर गुप्ता नीमच से मंदसौर लेकर चले गए और नीमच के विधायक कुछ नहीं कर पाए।

पुरातत्व का भंडार, नहीं समेट पा रहे हैं हम-

श्री बाहेती ने कहा कि नीमच जिला पुरातत्व की दृष्टि से महत्वपूर्ण जिला है। कई मंदिर नीमच जिले में ऐसे हैं, जो सदियों पुराने हैं। इसके अलावा आजादी की लड़ाई की 1857 की क्रांति के अवशेष भी नीमच में जगह-जगह मौजूद हैं, लेकिन नीमच में पुरातत्व विभाग का कार्यालय नहीं होने के कारण ऐतिहासिक धरोहर को हम समेट नहीं पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि विपणन संघ का मुख्यालय अगर नीमच जिले में होता तो किसानों की उपज के सरकारी तौल केंद्र एवं खाद विक्रय केंद्र बढ़ते जिसका फायदा किसानों को होता। मध्यप्रदेश आपूर्ति निगम मंदसौर में होने से जिले में आज भी राशन की आपूर्ति मंदसौर से ही संचालित होती है। बाहेती ने कहा कि नीमच जिले में सही समय पर सभी विभाग के मुख्यालय आ जाते तो नीमच की जनता को अनगिनत फायदे होते हैं लेकिन दु:ख है कि आज भी इस मामले में वर्तमान विधायकों के कोई प्रयास नहीं हैं। मुख्य बात यह है कि कई विभागों के मुख्यालय मंदसौर में होने की वजह से नीमच जिले की हर सप्ताह होने वाली टीएल समीक्षा बैठक में जिला प्रशासन को इन विभागों की समीक्षा के कई मामलों में मंदसौर की बैठक पर आश्रित रहना पड़ता है, जो नीमच जिले के गठन के 26 वर्ष बाद भी हमारे जनप्रतिनिधियों की नाकामी को दर्शाता है।

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