मंदसौरमध्यप्रदेश

समाचार मध्यप्रदेश मंदसौर 31 दिसंबर 2024 मंगलवार

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अगले सप्ताह प्रत्येक विभाग की एक वर्ष की प्रगति की समीक्षा की जाएगी : कलेक्टर

साप्ताहिक अंतर विभागीय समीक्षा बैठक संपन्न

मंदसौर 30 दिसंबर 24/ कलेक्टर श्रीमती अदिती गर्ग की अध्यक्षता में साप्ताहिक अंतर विभागीय की समीक्षा बैठक सुशासन भवन स्थित सभागार में आयोजित की गई। बैठक के दौरान कलेक्टर ने सभी विभागों को निर्देश दिए कि आगामी साप्ताहिक बैठक में सभी विभागों की एक वर्ष की प्रगति की समीक्षा की जाएगी। सीएम हेल्पलाइन शिकायतों के निवारण के लिए आगामी 7 दिन तक शिविर आयोजित करें। सभी नगरीय निकाय प्रत्येक वार्ड में शिविर लगाए तथा सीएम हेल्पलाइन शिकायतों का समाधान करें। सीएम हेल्पलाइन की शिकाकातों का संतुष्टिपूर्वक निराकरण होना चाहिए, इस बात को प्राथमिकता दें।

जिन विभागों के जितने भी कोर्ट प्रकरण हैं उनका समय सीमा में जवाब प्रस्तुत करें। कलेक्टर ने मुख्यमंत्री जन कल्याण अभियान के अंतर्गत लगाए जा रहे शिविरों की समीक्षा की। शिविरों के माध्यम से जितने भी आवेदन प्राप्त हो रहे हैं उनका तुरंत समाधान होना चाहिए। इसके साथ ही जन कल्याण अभियान के अंतर्गत कोई भी पात्र व्यक्ति शासन की योजनाओं से वंचित नहीं रहना चाहिए।

सभी पात्र हितग्राहियों को शासन की योजना का लाभ प्रदान करें। बैठक के दौरान सीईओ जिला पंचायत श्री राजेश कुमार जैन, अपर कलेक्टर श्रीमती एकता जायसवाल सहित सभी जिलाधिकारी मौजूद थे।

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सुरक्षा गार्ड कर्मचारियों का शत प्रतिशत पुलिस वेरिफिकेशन करें : कलेक्टर

स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक संपन्न

मंदसौर 30 दिसंबर 24/ कलेक्टर श्रीमती अदिती गर्ग की अध्यक्षता में स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक कलेक्टर कार्यालय सभागार में आयोजित की गई। बैठक के दौरान कलेक्टर ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को निर्देश देते हुए कहा कि जिले में जितने भी सुरक्षा गार्ड/ कर्मचारी है उन सभी का शत प्रतिशत पुलिस वेरिफिकेशन करवाए। टीबी अभियान के अंतर्गत अधिक से अधिक लोगों की स्क्रीनिंग करें। इसके साथ ही जितने भी जन कल्याण अभियान के शिविर चल रहे हैं। उसमें अधिक से अधिक लोगों की स्क्रीनिंग करवाए और टीबी की जांच करें। जिले में जितने भी निजी एक्स-रे मशीन है वहां पर टीबी के मरीजों की स्क्रीनिंग करवाना सुनिश्चित करें। कितने लोगों की स्क्रीनिंग की गई उसकी रिपोर्ट प्रत्येक दिन बनाएं।

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एडीआर सेंटर भवन में नालसा योजनाओं के तहत विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित हुआ 

मंदसौर 30 दिसंबर 24/ माननीय प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश/अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण मंदसौर श्री कपिल मेहता के मार्गदर्शन में नालसा योजनाओं के तहत दो विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए गए। पहला कार्यक्रम नालसा (मानसिक रूप से बीमार और बौद्धिक अक्षमता वाले व्यक्तियों को विधिक सेवाएं) योजना, 2024, के तहत गठित विधिक सेवा इकाई–मनोन्याय के लिए आयोजित किया गया। दूसरा कार्यक्रम नालसा (बच्चों के लिए बाल अनुकूल विधिक सेवाएं) योजना, 2024, के तहत गठित बच्चों की विधिक सेवा इकाई (LSUC) के लिए आयोजित किया गया।

मानसिक रूप से बीमार और बौद्धिक अक्षमता वाले व्यक्तियों के लिए प्रशिक्षण

कार्यक्रम की शुरुआत सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण मंदसौर श्री सिद्धार्थ तिवारी द्वारा योजना की संरचना, मुख्य विशेषताओं और विधिक सेवा प्रदाताओं की भूमिका एवं जिम्मेदारियों पर प्रकाश डालते हुए की गई।

जिला विधिक सहायता अधिकारी, श्री प्रवीण कुमार ने योजना के तहत किए जाने वाले कार्यों और हस्तक्षेपों पर चर्चा की। उन्होंने मानसिक स्वास्थ्य केंद्रों, पुलिस थानों, अदालतों, रेलवे स्टेशनों और बस स्टैंडों पर इन व्यक्तियों को विधिक सहायता प्रदान करने की आवश्यकता को रेखांकित किया।

असिस्टेंट लीगल एड डिफेंस काउंसल श्री सुनील कुमार बडोदिया ने मानसिक रूप से बीमार और बौद्धिक अक्षमता वाले व्यक्तियों के अधिकारों से संबंधित कानूनी और नीतिगत ढांचे पर एक विस्तृत सत्र लिया। इसमें संयुक्त राष्ट्र दिव्यांगजन अधिकार सम्मेलन (2008), दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम (2016) और मानसिक स्वास्थ्य देखभाल अधिनियम (2017) जैसे प्रमुख कानूनों को शामिल किया गया।

बच्चों के लिए विधिक सेवा इकाई (LSUC) का प्रशिक्षण

बालकों की विधिक सेवा इकाई के लिए आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम में असिस्टेंट लीगल एड डिफेंस काउंसल श्री हिम्मत सिंह सांखला ने बच्चों के लिए कानूनी और नीतिगत ढांचे पर चर्चा की। इसमें किशोर न्याय (देखभाल और संरक्षण) अधिनियम, 2015 और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम (POCSO), 2012 जैसे महत्वपूर्ण कानूनों को शामिल किया गया। उन्होंने “विधि का उल्लंघन करने वाला बालक ” और “देखभाल और संरक्षण की आवश्यकता वाले बालक” जैसे विषयों पर भी प्रकाश डाला। सचिव श्री सिद्धार्थ तिवारी ने नालसा योजना की रूपरेखा प्रस्तुत की और LSUC सदस्यों की जिम्मेदारियों को समझाया।

दोनों कार्यक्रमों का उद्देश्य मानसिक रूप से बीमार, बौद्धिक अक्षमता वाले व्यक्तियों और बच्चों के लिए समर्पित एवं प्रभावी विधिक सहायता सुनिश्चित करना था। कार्यक्रमों में समूह चर्चा और केस स्टडी विश्लेषण के माध्यम से व्यावहारिक दृष्टिकोण को सशक्त बनाया गया

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युवा संगम का आयोजन 03 जनवरी को होगा

मंदसौर 30 दिसंबर 24/ श्रीमती अदिती गर्ग द्वारा बताया कि युवा संगम का आयोजन 03 जनवरी 2025 को प्रातः 10:30 बजे से कुशाभाऊ ठाकरे प्रेक्षागृह शासकीय महाविद्यालय, मंदसौर में आयोजित किया जायेगा।

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ग्रामीण महिलाओं के समृद्धि की ओर बढ़ते कदम

मंदसौर 30 दिसंबर 24/प्रदेश सरकार का महिला मिशन महिलाओं के आर्थिक, सामाजिक, शैक्षणिक और राजनैतिक विकास को प्रोत्साहित करने के साथ-साथ उन्हें सम्मान और सुरक्षा प्रदान करने के लिए समर्पित है। सरकार ने महिलाओं के समग्र विकास को अपनी सर्वोच्च प्राथमिकता में रखा है। इस मिशन के तहत, महिलाओं को उद्यमिता, कौशल विकास, शिक्षा और रोजगार के अधिक अवसर दिये जा रहे हैं। मध्यप्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (एसआरएलएम) ने ग्रामीण महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के क्षेत्र में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। मिशन के अंतर्गत संचालित योजनाओं का प्रभाव ग्रामीण परिवारों के जीवन में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है।

मध्यप्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में निवासरत गरीब परिवार के लगभग 62 लाख सदस्यों को, लगभग 5 लाख स्व-सहायता समूहों से जोडा गया है। इनमें से लगभग 15 लाख परिवारों की सालाना आय न्यूनतम 1 लाख से अधिक अथवा करीब 10-12 हजार रुपये महीने तक पहुंची है। यह आंकडे मध्यप्रदेश में आर्थिक उन्नयन के प्रयासों की सफलता को दर्शाते हैं।

समूहों के माध्यम से छोटे-छोटे व्यवसायों की शुरुआत

इस मिशन के तहत महिलाओं को स्व सहायता समूह बनाकर कई प्रकार के व्यवसायों की शुरुआत करने का अवसर मिला। इन व्यवसायों में स्कूली ड्रेस सिलाई, पोषण आहार का संचालन, टोल टैक्स बैरियर प्रबंधन, राशन की दुकानों का संचालन, जल प्रबंधन, पंचायतों में कर संग्रहण और सड़कों के रख-रखाव जैसी गतिविधियाँ शामिल हैं। इससे महिला सशक्तिकरण के साथ ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिली। मिशन के समूहों से जुड़े परिवारों को आजीविका के एक से अधिक विकल्प उपलब्ध कराने के लिये लगातार प्रशिक्षण, मार्गदर्शन के साथ-साथ वित्तीय सहयोग भी दिया जा रहा है।

विगत एक वर्ष में मिशन के अंतर्गत 48,655 महिलाओं को स्व-सहायता समूहों से जोड़ा जा चुका है। इसके साथ ही 479 ग्राम संगठन (व्ही.ओ.) और 35 संकुल स्तरीय संगठन (सी.एल.एफ) स्थापित किए गए हैं, जो ग्रामीण महिलाओं को संगठित कर उनके सामाजिक-आर्थिक उत्थान में योगदान दे रहे हैं।

मिशन ने 21,860 स्व-सहायता समूहों को कुल 43.57 करोड़ रुपये परिक्रामी निधि (रिवाल्विंग फण्ड) और 14,657 समूहों को 129.92 करोड़ रुपये सामुदायिक निवेश निधि (सीआईएफ) प्रदान की है। इसके अलावा, विभिन्न बैंकों से 1,38,192 समूहों को 3,115 करोड़ रुपये का ऋण प्राप्त हुआ है, जो इन समूहों के आर्थिक विकास में सहायक बन रहा है।

नवीनतम तकनीकी और उद्योग आधारित आजीविका अवसर

स्वयं सहायता समूहों को स्थायी व्यवसाय और आजीविका के उद्देश्य से नमो ड्रोन दीदी योजना प्रारम्भ की गयी। यह योजना महिला स्वयं सहायता समूहों को कृषि प्रयोजनों के लिए किसानों को ड्रोन किराए पर देने में सक्षम बनाती है नैनो यूरिया और नैनो डीएपी जैसे नवीन तरल उर्वरकों के पत्तों पर छिड़काव के लिए ड्रोन का उपयोग से कृषि में उन्नत तकनीक की शुरुआत करती है। योजना मे इस वर्ष प्रदेश की 89 महिलाओं को ड्रोन पायलट के रूप में प्रशिक्षित किया गया है। इसके अलावा, फर्टिलाइजर कंपनियों द्वारा ड्रोन भी उपलब्ध कराए गए हैं, जो कृषि कार्यों में आधुनिक तकनीकी का उपयोग बढ़ा रहे हैं।

कृषि और पशुपालन में नई दिशा

कृषि, पशुपालन, दुग्ध उत्पादनतथा गैर वानकी लघु वनोपज संग्रहणके क्षेत्र में भी आजीविका मिशन द्वारा बडे पैमाने पर समूह सदस्यों को संगठित कर प्रोड्यूसर कंपनियों से जोड कर लाभान्वित किया गया है। प्रदेश में गठित 135 प्रोड्यूसर कंपनियों के माध्यम से कृषि, कुक्कुट पालन, पशुपालन, दुग्ध उत्पादन, लघु वनोपज आदि के क्षेत्र में नई क्रांति लाने में कामयावी मिली है।

मध्यप्रदेश में आजीविका मिशन द्वारा 2,84,000 परिवारों को कृषि और पशुपालन आधारित आजीविका गतिविधियों से जोड़ा गया है। किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 10.83 लाख टन अनाज का उपार्जन किया गया है, जिससे किसानों को उनके उत्पादों का उचित मूल्य मिल सका है। इसके अलावा, 7 किसान उत्पादक कंपनियों का गठन किया गया है, जिनमें 928 समूह सदस्यों को जोड़ा गया है। ये कंपनियां किसानों को उनके उत्पादों के बेहतर विपणन और मूल्य में वृद्धि के लिए सहायता प्रदान कर रही हैं।

दीदी कैफे

केन्द्र सरकार के सौ दिनों में लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य मिलने के बाद मध्यप्रदेश में 96 हजार 240 बहनें लखपति दीदी बन गईं। इनको मध्यप्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की ओर से वित्तीय सहायता, बाज़ार सहायता एवं तकनीकी सहायता दी गई है। इनके स्व-सहायता समूहों के उत्पादों की पहुंच बड़े बाजारों तक बनाने के लिये डिजीटल प्लेटफार्म पर लाकर ऑनलाईन मार्केटिंग की जा रही है। प्रदेश में लगभग 46,000 परिवारों को गैर कृषि आधारित लघु उद्यम गतिविधियों से जोड़ा गया है और 20 नए दीदी कैफे की शुरुआत की गई है। इन कैफे के माध्यम से महिलाएं अपनी आजीविका चला रही हैं और ग्रामीण क्षेत्रों में नई रोजगार के अवसर उत्पन्न हो रहे हैं। यह गर्व का विषय है कि 25 अगस्त 2024 को जलगांव (महाराष्ट्र) में हुए लखपति दीदी सम्मेलन मे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने गुना जिले की लखपति दीदी श्रीमती गंगा अहिरवार को सम्मानित किया गया ।

आजीविका मार्ट और प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण योजना

आजीविका मार्ट, भोपाल द्वारा पिछले एक वर्ष में 9.73 करोड़ रुपये की बिक्री की गई है, जो ग्रामीण महिलाओं के उत्पादों को बाजार में स्थापित करने का एक सफल उदाहरण है। प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यम (PMFME) के तहत 1,217 समूह सदस्यों को 348.38 लाख रुपये का सीड कैपिटल अनुदान प्रदान किया गया है, जिससे उनके छोटे-छोटे खाद्य प्रसंस्करण उद्यम को बढ़ावा मिला है।

लखपति दीदी और मिलेट आधारित आजीविका संवर्धन

लखपति दीदी इनिशिएटिव कार्यक्रम के तहत 13.69 लाख महिलाओं को प्रशिक्षित किया गया है, जिनका उद्देश्य उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है। लखपति दीदी संगीता मालवीय ने 25 अगस्त 2024 को जलगांव (महाराष्ट्र) में हुए लखपति दीदी सम्मेलन में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी से संवाद करने का अवसर मिला। इसके साथ ही मिलेट आधारित आजीविका संवर्धन के तहत 9,000 महिला समूहों को मिलेट उपार्जन और प्रसंस्करण गतिविधियों से जोड़ा गया है। जिले डिण्‍डौरी और सिंगरौली में आधुनिक मिलेट प्रसंस्करण इकाइयां स्थापित की गई हैं, जो इन महिलाओं के लिए नई आजीविका के अवसर पैदा कर रही हैं।

ग्रामीण युवाओं के लिए रोजगार और स्वरोजगार के अवसर

आजीविका मिशन के तहत 79,634 ग्रामीण युवाओं को रोजगार और स्वरोजगार के अवसर प्रदान किए गए हैं। डी.डी.यू.जी.के.वाई. और आरसेटी के माध्यम से इन युवाओं को रोजगारोन्मुखी और स्वरोजगार प्रशिक्षण दिया गया है, जिससे उनकी जीवनशैली में सुधार आया है।

राजनीतिक और सामाजिक सशक्तिकरण की ओर एक कदम

महिला समूह सदस्यों ने पात्रता अनुसार शासन की योजनाओं का आगे बढकर लाभ लिया है। स्वच्छता अभियान, शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण, पर्यावरण संरक्षण, बचत, बैंकिंग, डिजीटल लेन-देन, सुरक्षा बीमा आदि क्षेत्रों में उनके द्वारा न केवल स्वयं लाभ लिया गया है अपितु दूसरेलाभार्थियोंके लिए मददगार भी बनी है। घरेलू हिंसा में कमी, लिंग भेद में कमी लाने के प्रयास करना तथा अन्य शासकीय अभियानों, शासकीय योजनाओं तथा सामुदायिक विकास के मुद्दों तथा निगरानी में भागीदारी बढी है।

विगत पंचायत निर्वाचन में प्रदेश में लगभग 17 हजार समूह सदस्य महिलायें पंच, सरपंच, जनपद पंचायत सदस्य, जिला पंचायत सदस्य आदि पदों पर निर्वाचित हुई हैं यह आंकडा बताता है कि विकास की मुख्यधारा से जुडकर जागरूक हुई महिलायें अपने सामाजिक, आर्थिक सशक्तीकरण के साथ-साथ राजनैतिक सशक्तीकरण की ओर भी तेजी से अग्रसर है।

मध्यप्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन ने महिला सशक्तिकरण, सामाजिक और आर्थिक सुधारों के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कार्य किया है। यह मिशन ग्रामीण महिलाओं के जीवन स्तर को बेहतर बनाने में सहायक साबित हो रहा है साथ ही समाज के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। ग्रामीण महिलाएं अब न केवल अपने परिवारों की आर्थिक स्थिति में सुधार कर रही हैं, बल्कि समाज और राजनीति में भी अपनी सशक्त भूमिका निभा रही हैं।

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सेवा, सुशासन और गरीब कल्याण के लिये सरकार प्रतिबद्ध : मुख्यमंत्री डॉ.यादव

मुख्यमंत्री जनकल्याण अभियान में जारी है पात्र व्यक्तियों का चिन्हांकन

मंदसौर 30 दिसंबर 24/मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि सेवा, सुशासन और गरीब कल्याण के लिये सरकार प्रतिबद्ध है। जनता के प्रति जवाबदेही सुनिश्चित करते हुए जरूरतमंदों तक शासकीय योजनाओं का लाभ पहुँचाने के लिए प्रदेश में गांव और वार्ड स्तर पर मुख्यमंत्री जनकल्याण अभियान चलाया जा रहा है। यह अभियान 26 जनवरी 2025 तक जारी रहेगा। अभियान अंतर्गत जहाँ एक ओर योजनाओं से वंचित नागरिकों को चिन्हित कर उन्हें योजनाओं से जोड़ा जा रहा है, वहीं शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में आमजन की समस्याओं का शिविर लगाकर निराकरण किया जा रहा है। अभियान में अब तक 7 हजार से अधिक शिविर लगाए जा चुके हैं, जिनमें 3 लाख से अधिक आवेदनों का निराकरण किया जा चुका है। आम नागरिकों तक सीधे पहुंचकर योजनाओं का लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से सरकारी अमला जरूरतमंदों का सर्वेक्षण कर उन्हें योजनाओं का लाभ दिलाना सुनिश्चित कर रहे हैं।

योजनाओं का लाभ और सेवाओं की सहज रूप से उपलब्धता

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि पिछले एक वर्ष में सुशासन के प्रयासों से आमजन को शासन की योजनाओं और सेवाओं को सहज रूप से उपलब्ध कराने के लिये निरंतर कार्य किया जा रहा है। राजस्व संबंधी प्रकरणों के निराकरण के लिए राजस्व महाअभियान के तीन चरण चलाये गये, जिसमें अभियान का तीसरा चरण प्रदेश में अभी चल रहा है। इसमें लाखों की संख्या में राजस्व संबंधी लंबित आवेदनों का निराकरण कर आमजन को राहत दी गई।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि गरीब परिवारों को गरीबी के कुचक्र से बाहर लाने के लिये अनेक योजनाएँ संचालित कर हर पात्र व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ पहुँचाया जा रहा है। इसके लिए जरूरी है कि गरीब परिवारों को नागरिक सेवाओं की पहुंच के दायरे में लाया जाकर उनकी आर्थिक क्षमता बढ़ाई जाये। “सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास और सबका प्रयास” वंचितों के जीवन में सुधार लाने की ठोस पहल की गई है, जिससे ज़रूरतमंदों को बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराकर उनके जीवन स्तर में सुधार लाया जा सके।

राज्य सरकार की गरीब हितैषी पहल

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में गरीब हितैषी पहल की गई, जिसके अंतर्गत इंदौर के हुकुमचंद मिल के 4 हजार 800 श्रमिक परिवारों की लंबित राशि 224 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया। इसी तर्ज पर ग्वालियर सहित अन्य शहरों की बंद पड़ी मिल्स के प्रकरणों का भी श्रमिकों के हित में निर्णय लिये जा रहे हैं। गरीबों को विपरीत परिस्थितियों में सहारा देने के लिए संबल-2.0 योजना का प्रभावी क्रियान्वयन किया जा रहा है। योजना अंतर्गत 1 करोड़ 73 लाख से अधिक श्रमिकों का पंजीयन है और 40 हजार से अधिक श्रमिक परिवारों को 895 करोड़ रुपये से अधिक की अनुग्रह राशि उनके खातों में अंतरित की जा चुकी है।

इसी क्रम में सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजनाओं में प्रतिमाह 55 लाख हितग्राहियों को 3 हजार करोड़ रुपये से अधिक राशि का अंतरण किया जा रहा है। प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) में 36 लाख से अधिक परिवारों और प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) में 8 लाख से अधिक परिवारों घर का सपना साकार किया गया है। पी.एम. स्वामित्व योजना में 24 लाख से अधिक लोगों को भू-अधिकार-पत्र उपलब्ध करवाये जा चुके है। इस योजना के क्रियान्वयन में मध्यप्रदेश देश में प्रथम स्थान पर है। पीएम स्वनिधि योजना में 11 लाख से अधिक हितग्राहियों को 10 से 50 हजार रूपये तक की ऋण सहायता उपलब्ध करवाकर उनके व्यवसाय को मजबूती प्रदान की गई है। राज्य सरकार ने दीपावली पर्व पर धनतेरस से देवउठनी ग्यारस तक शिल्पकार और छोटे व्यवसायियों को सामग्री बेचने पर कर से मुक्त रखा गया, जिससे वोकल फॉर लोकल को बढ़ावा भी मिला।

योजनाओं की राशि सीधे हितग्राही के बैंक खाते में

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सबसे पहले देश में जनधन खाते खोले गए। इसका परिणाम यह हुआ कि गरीब कल्याण की योजनाओं की राशि सीधे हितग्राहियों के खातों में पहुंच रही है। गरीबों को न केवल न्याय मिले बल्कि उन तक न्याय पहुंच सके इसका प्रबंध भी सरकार ने किया है।

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स्कूल शिक्षा विभाग में पिछले 3 वर्ष में 35 हजार शिक्षकों की हुई भर्ती

20 हजार शिक्षकों को दिया गया उच्च पद प्रभार

मंदसौर 30 दिसंबर 24/स्कूल शिक्षा विभाग ने प्रदेश में सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिये पिछले 3 वर्षों में करीब 35 हजार रिक्त पदों पर शिक्षकों की नियुक्ति की है। यह कार्यवाही नई शिक्षा नीति-2020 का बेहतर क्रियान्वयन करने के उद्देश्य से की गयी है।

नियुक्त शिक्षकों में उच्च माध्यमिक शिक्षक 15 हजार, माध्यमिक शिक्षक 7726 और प्राथमिक शिक्षक 12 हजार 539 शामिल हैं। इस प्रकार 35 हजार 265 शिक्षकों की नियुक्ति की गयी है। सरकारी स्कूलों में आवश्यकता अनुसार शिक्षकों की उपलब्धता को सुनिश्चित करने के लिये 20 हजार शिक्षकों को उच्च पद प्रभार और अतिशेष प्रक्रिया के अंतर्गत युक्ति-युक्तकरण में 17 हजार शिक्षकों को पारदर्शी प्रक्रिया को अपनाते हुए अन्यत्र स्थान पर पदस्थ किया गया है।

व्यावसायिक शिक्षा को बढ़ावा

नई शिक्षा नीति-2020 में विद्यार्थियों को पढ़ाई के साथ-साथ व्यावसायिक शिक्षा दिलाये जाने की भी अनुशंसा की गयी है। इस बात को ध्यान में रखते हुए प्रदेश में सरकारी स्तर पर 2383 स्कूलों में व्यावसायिक शिक्षा के पाठ्यक्रम संचालित हो रहे हैं। इनमें 4 लाख विद्यार्थी दर्ज हैं। इन्हें कौशल उन्नयन के उद्देश्य से 14 प्रकार के ट्रेड में प्रशिक्षण दिलाया जा रहा है। प्रदेश की 798 हायर सेकेण्डरी स्कूलों में कृषि संकाय और 465 हायर सेकेण्डरी स्कूलों में कृषि ट्रेड संचालित हैं। स्टार्स प्रोजेक्ट के अंतर्गत 100 स्कूलों में नियमित छात्रों के साथ-साथ ड्रॉप-आउट विद्यार्थियों की भी व्यावसायिक शिक्षा प्रारंभ की गयी है।

कक्षा-9 में हिन्दी, अंग्रेजी, संस्कृत या उर्दू में से किसी एक भाषा का चयन एवं एक भाषा के स्थान पर तृतीय भाषा के स्थान पर विकल्प तथा कक्षा-11 में किसी भाषा के विकल्प के रूप में व्यावसायिक शिक्षा चयन का प्रावधान भी रखा गया है। विभाग द्वारा प्रयास किये जा रहे हैं कि सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को आज की व्यावसायिक और रोजगार की आवश्यकता को देखते हुए किसी न किसी ट्रेड में प्रशिक्षण दिलाया जाये।

लैब का निर्माण

प्रदेश में संचालित प्रत्येक सीएम राइज स्कूल में 2 वोकेशनल ट्रेड्स के लिये लैब निर्मित की जा रही हैं। इसके साथ ही प्रत्येक जिले के सीएम राइज स्कूलों में कम से कम एक रोबोटिक्स लैब की स्थापना की जा रही है। वर्तमान में संचालित आईटी कोर्स के अलावा पं. सुंदरलाल शर्मा इंस्टीट्यूट ऑफ वोकेशनल एजुकेशन के सहयोग से एआई कोडिंग जैसे नवीन पाठ्यक्रम तैयार किये जा रहे हैं। ट्यूनिंग ऑफ स्कूल के अंतर्गत 520 स्कूलों की ट्यूनिंग की गयी है। इस व्यवस्था से यह स्कूल आपस में बेस्ट प्रेक्टिस का आदान-प्रदान कर रहे हैं।

 

 

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