आध्यात्ममंदसौरमंदसौर जिला
निष्कपट भाव से लगाए अनुमान सदैव सत्य होते है

संगीतमय श्रीराम कथा में पं. दशरथ भाई जी ने कहा
मन्दसौर। संजय गांधी उद्यान में श्री सुयश रामायण मंडल के तत्वावधान में आयोजित हो रही संगीतमय श्रीराम कथा में कथा प्रवक्ता दशरथ भाई जी ने स्वयंप्रभा के प्रसंग को श्रवण कराते हुए कहा कि निष्कपट भाव से लगाए अनुमान सदैव सत्य होते है।
आपने श्री राम कथा में कहा कि जामवंत, हनुमान आदि सभी रामादल के वानर सीता अन्वेषण के समय जब भूख प्यास से व्याकुल हुए तब हनुमान जी ने पर्वत पर चढ़कर एक गुफा को देखा जहां से पक्षियों के आने-जाने का संकेत प्राप्त हो रहा था और उन्होंने अनुमान लगाया की अवश्य वहां सभी की भूख और प्यास शांत होगी। और वहां पहुंचने पर उन्हें स्वयंप्रभा का दर्शन हुआ तथा उन्हीं की साधना के प्रभाव से सभी सागर तट तक पहुंचे।
आपने कहा कि स्वयं को प्रशंसा और प्रसिद्धि आध्यात्मिक उन्नति में बाधक है। नारद मोह प्रसंग में कामदेव ने नारद की प्रशंसा की और नारद जी का भजन छूट गया तथा विश्वमोहिनी की और आकर्षित हो गए। भगवान के भक्तों को सतत सत्संग के माध्यम से अपने आप को विकारों के संक्रमण से बचाना चाहिए।
पं. दशरथ भाई जी ने कहा कि अच्छा व्यवहार, श्रेष्ठ लोगो का संग, पारंपरिक वेशभूषा, और उचित आहार बुद्धि को विकृत नहीं होने देता। गृहस्थ की नींव पति पत्नी के स्वभाव पर टिकी है। दशरथ और कौशल्या का इतना सुंदर जीवन था की ब्रह्म स्वयं राम के रूप में अवतरित हुए।
चतुर्थ दिवस की कथा में राम जन्म उत्साह के साथ मनाया गया। उपस्थित भक्तों ने राम जन्म पर भाव विभोर होकर खुशियां मनाई तथा भजनों पर नृत्य किया।
पौथी पूजन मुख्य यजमान वरिष्ठ पत्रकार सुरेश माया भावसार ने किया। इस अवसर पर भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष मानसिंह माच्छोपुरिया, पवन सुंदरकांड मण्डल के सुनील पुरोहित, खेल प्रशिक्षक त्रिभुवन कविश्वर, महेन्द्र शुक्ला, सीएमएचओ डॉ. गोविन्दसिंह चौहान, डॉ. आर.के. द्विवेदी, सतीश शर्मा, अजय पाण्डे, नयन राठौर, सुनीता बण्डी, इष्टा भाचावत, सुनील गुप्ता, महेश पटवारी, प्रवीण व्यास, प्रदीप पाटीदार, अनिता भदोरिया, गुड मोर्निंग गु्रप के मुकेश काला, सुधीर लोढ़ा, सुरेश धनोतिया, पवन सेठिया, गोविन्द मुजावदिया, राजेन्द्र घाटिया, अखिलेश सेठिया, अजय रत्नावत, मुकेश कुमावत, बंटी चौहान, महेश पाटीदार, प्रवीण व्यास, शिक्षाविद् रमेशचन्द्र चन्द्रे, सत्यनारायण पालीवाल, अजय मारू, विजय मारू, चन्दन शर्मा निपानिया, रणजीत शर्मा निपानिया सहित बड़ी संख्या में धर्मालुजन, मातृशक्ति आदि उपस्थित रहे। संचालन उदयपुर से पधारे अतिवीर जैन ने किया।
आपने श्री राम कथा में कहा कि जामवंत, हनुमान आदि सभी रामादल के वानर सीता अन्वेषण के समय जब भूख प्यास से व्याकुल हुए तब हनुमान जी ने पर्वत पर चढ़कर एक गुफा को देखा जहां से पक्षियों के आने-जाने का संकेत प्राप्त हो रहा था और उन्होंने अनुमान लगाया की अवश्य वहां सभी की भूख और प्यास शांत होगी। और वहां पहुंचने पर उन्हें स्वयंप्रभा का दर्शन हुआ तथा उन्हीं की साधना के प्रभाव से सभी सागर तट तक पहुंचे।
आपने कहा कि स्वयं को प्रशंसा और प्रसिद्धि आध्यात्मिक उन्नति में बाधक है। नारद मोह प्रसंग में कामदेव ने नारद की प्रशंसा की और नारद जी का भजन छूट गया तथा विश्वमोहिनी की और आकर्षित हो गए। भगवान के भक्तों को सतत सत्संग के माध्यम से अपने आप को विकारों के संक्रमण से बचाना चाहिए।
पं. दशरथ भाई जी ने कहा कि अच्छा व्यवहार, श्रेष्ठ लोगो का संग, पारंपरिक वेशभूषा, और उचित आहार बुद्धि को विकृत नहीं होने देता। गृहस्थ की नींव पति पत्नी के स्वभाव पर टिकी है। दशरथ और कौशल्या का इतना सुंदर जीवन था की ब्रह्म स्वयं राम के रूप में अवतरित हुए।
चतुर्थ दिवस की कथा में राम जन्म उत्साह के साथ मनाया गया। उपस्थित भक्तों ने राम जन्म पर भाव विभोर होकर खुशियां मनाई तथा भजनों पर नृत्य किया।
पौथी पूजन मुख्य यजमान वरिष्ठ पत्रकार सुरेश माया भावसार ने किया। इस अवसर पर भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष मानसिंह माच्छोपुरिया, पवन सुंदरकांड मण्डल के सुनील पुरोहित, खेल प्रशिक्षक त्रिभुवन कविश्वर, महेन्द्र शुक्ला, सीएमएचओ डॉ. गोविन्दसिंह चौहान, डॉ. आर.के. द्विवेदी, सतीश शर्मा, अजय पाण्डे, नयन राठौर, सुनीता बण्डी, इष्टा भाचावत, सुनील गुप्ता, महेश पटवारी, प्रवीण व्यास, प्रदीप पाटीदार, अनिता भदोरिया, गुड मोर्निंग गु्रप के मुकेश काला, सुधीर लोढ़ा, सुरेश धनोतिया, पवन सेठिया, गोविन्द मुजावदिया, राजेन्द्र घाटिया, अखिलेश सेठिया, अजय रत्नावत, मुकेश कुमावत, बंटी चौहान, महेश पाटीदार, प्रवीण व्यास, शिक्षाविद् रमेशचन्द्र चन्द्रे, सत्यनारायण पालीवाल, अजय मारू, विजय मारू, चन्दन शर्मा निपानिया, रणजीत शर्मा निपानिया सहित बड़ी संख्या में धर्मालुजन, मातृशक्ति आदि उपस्थित रहे। संचालन उदयपुर से पधारे अतिवीर जैन ने किया।