मंदसौरमध्यप्रदेश

समाचार मध्यप्रदेश मंदसौर 15 दिसंबर 2024 रविवार

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भगवान पशुपतिनाथ के साथ सेल्फी से कराया समझौता, बिछडा परिवार हुआ एक

मंदसौर 14 दिसम्‍बर 24/ राष्ट्रीय लोक अदालत खण्डपीठ क्र. 17 में विगत कई वर्षों से बिछडा हुआ परिवार एक हुआ, जब श्री गंगाचरण दुबे, प्रधान न्यायाधीश, कुटुम्ब न्यायालय द्वारा मध्यस्थता कर स्वयं के साथ पति द्वारा सेल्फी न लेने के कारण रूठी हुई पत्नी को भगवान पशुपतिनाथ के मंदिर भेजकर भगवान को साक्षी मानकर अपनी पत्नी के साथ सेल्फी लेने हेतु निर्देशित किया। पति द्वारा न्यायालय के आदेश का पालन किए जाने पर घर छोड़कर गई नाराज पत्नी अपना गुस्सा छोड़कर पति के साथ जाने को तैयार हो गई और बिछद्धा परिवार एक हो गया।

घटना यह है कि पायल (परिवर्तित नाम) का विवाह महेन्द्र (परिवर्तित नाम) के साथ 21 दिसम्‍बर 2020 को हिन्दू रीति-रिवाज के अनुसार ग्राम छाजूखेड़ा, तहसील व जिला मंदसौर में सम्पन्न हुआ था। पायल मात्र चार-पांच दिन अपने ससुराल में रही, उपरांत वह अपने पीहर आ गई। जब महेन्द्र उसे लेने गया, तो उसकी पत्नी तथा उसके परिजनों ने उसके साथ गाली-गलौच कर अपमानित किया और अभद्र व्यवहार कर भगा दिया। विगत चार वर्षों के दौरान अनेकों प्रयासों के बाद पत्नी विवाद समाप्त करने नहीं आई और महेन्द्र को दाम्पत्य सुखों से वंचित कर दिया, दोनों के मध्य विवाद इतना बढ़ा कि बात तलाक तक जा पहुंच गई। महेन्द्र ने दाम्पत्य अधिकारों की पुनर्स्थापना और तलाक की याचिका प्रस्तुत कर दी। वहीं पायल ने भरण-पोषण दिलाए जाने का प्रकरण प्रस्तुत किया।

राष्ट्रीय लोक अदालत के अवसर पर जब श्री गंगाचरण दुबे, प्रधान न्यायाधीश, कुटुम्ब न्यायालय ने पति-पत्नी से संवाद किया तो ज्ञात हुआ कि वास्तविक विवाद क्रूरता या पति-पत्नी के परित्याग अथवा पत्नी के परिजनों द्वारा पति के साथ अभद्रता किए जाने का नहीं है, अपितु पत्नी की शिकायत यह थी कि महेन्द्र अपनी पत्नी के साथ सेल्फी नहीं लेता था, वह अकेले ही सेल्फी लेकर सोशल मीडिया पर अपलोड करता था, पत्नी के साथ मंदिर नहीं जाता था और उसे लोगों के बीच नहीं ले जाता था। इसी विवाद के चलते पत्नी नाराज होकर मायके चली गई और उसने महेन्द्र के साथ आने से मना कर दिया।

समझौतावार्ता के दौरान श्री गंगाचरण दुबे, प्रधान न्यायाधीश, कुटुम्ब न्यायालय ने वास्तविकता ज्ञात कर पति को आदेशित किया कि अपनी पत्नी को तैयार कर वह, भगवान पशुपतिनाथ को साक्षी मानते हुए पति-पत्नी का सेल्फी से लिया गया छायाचित्र प्रस्तुत करे, भविष्य में अपनी पत्नी के साथ छायाचित्र और सेल्फी आदि लेते रहने हेतु आश्वस्त करे। पति द्वारा न्यायालय के आदेश का पालन करने पर नाराजगी छोड़कर पत्नी, पति के साथ जाने को तैयार हो गई। राष्ट्रीय लोक अदालत के अवसर पर न्यायालय के आदेशानुसार पुलिस थाना नई आबादी के आरक्षक राजकुमार, क्र. 522 एवं भगवान पशुपतिनाथ मंदिर के प्रबंधन के सहयोग से मंदिर में ली गई सेल्फी का फोटो प्रस्तुत किया तथा दाम्पत्य अधिकारों को पुनर्स्थापित करा लिया। मामले में पायल की ओर से मुकेश माली और महेन्द्र की ओर से नेपालसिंह राठौर अधिवक्ताओं ने न्यायमित्र के रूप में अपनी सेवाएं प्रदान की हैं। फोटो संलग्‍न

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एकपक्षीय तलाक निरस्त कर पति-पत्नी का घर बसाया

मंदसौर 14 दिसम्‍बर 24/ राष्ट्रीय लोक अदालत खण्डपीठ क्र. 17 में वर्ष 2021 से बिछड़ा हुआ परिवार एक हो गया, विशेषकर तब जब भारतीय थल सेना में सैनिक के पद पर कार्यरत विकास चौहान (परिवर्तित नाम), जिसने दिनांक 27.07.2024 को एकपक्षीय रूप से तलाक भी प्राप्त कर लिया था और उसके पक्ष में न्यायालयीन सूचना उपरांत पत्नी के उपस्थित न होने पर विवाह विच्छेद की आज्ञप्ति पारित कर दी गई थी।

इस एकपक्षीय आज्ञप्ति की सूचना न्यायालय द्वारा उसकी पत्नी संगीता (परिवर्तित नाम) को दी गई, तो उसने न्यायालय में उपस्थित होकर न्यायालय को अवगत कराया कि उसके पति ने धोखा कर विवाह विच्छेद प्राप्त किया है, पति ने उसे फोन पर साथ रखने का आश्वासन दिया था और कहा था कि विवाह विच्छेद की याचिका वापस ले ली है और उसने धोखा करते हुए एकपक्षीय निर्णय प्राप्त कर लिया, उसने पत्नी को भ्रम में रखने के लिए पत्नी के खाते में कुछ राशि भी ट्रांसफर की, फोन कॉल, एस.एम.एस. कर विवाह विच्छेद के प्रकरण में उसे बहकावे में रखा। पत्नी ने एकपक्षीय निर्णय व आज्ञप्ति दिनांक 27.07.2024 को अपास्त करने के लिए आदेश 09 नियम 13 व्य.प्र.सं. के अंतर्गत कार्यवाही की।

राष्ट्रीय लोक अदालत के अवसर पर गंगाचरण दुबे, प्रधान न्यायाधीश, कुटुम्ब न्यायालय द्वारा मध्यस्थता की गई और वास्तविक विवाद को जाना तो ज्ञात हुआ कि फौजी पति के अवकाश की अवधि में पत्नी ससुराल में रहती थी और अवकाश खत्म होते ही वह अपने मायके प्रवास कर लेती थी, जिससे फौजी की विधवा मां को अनेकों परेशानियों का सामना करना होता था। बहू के कर्तव्यों की समझाइश दी गई तथा नाराज पति को पारिवारिक सुलह हेतु तैयार किया गया. तो ज्ञात हुआ कि पत्नी ने महिला एवं बाल विकास विभाग के अंतर्गत आंगनबाड़ी में नौकरी आरंभ कर दी थी, जिसके कारण भी वह ससुराल नहीं आना चाहती थी। पारस्परिक सहयोग और समन्वय के साथ सुलाह कराई गई तथा महिला एवं बाल विकास विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को परिवार बचाने हेतु नियमानुसार आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के नियोजन को उसकी ससुराल पर सुनिश्चित कराए जाने हेतु अनुरोध भी भेजा गया, जिससे पक्षकारों के मध्य सुलह हुई और तलाक से समाप्त हो चुके वैवाहिक संबंध की एकपक्षीय आज्ञप्ति अपास्त करने के बाद बिछड़ा परिवार एक हो गया। मामले में संगीता की ओर से मोहम्मद अकबर कुरैशी और विकास चौहन की ओर से आदित्य दशौरा अधिवक्ताओं ने न्यायमित्र के रूप में अपनी सेवाएं प्रदान की हैं।

राष्ट्रीय लोक अदालतके अवसर पर कुटुम्ब न्यायालय, मंदसौर में कुल 101 प्रकरणों का निराकरण हुआ, जिसमें से लगभग 30 परिवारों को एक किया गया। वर्षात की चौथी लोक अदालत अपने सर्वाधिक प्रकरणों एवं अनुठे निर्णयों के लिए चर्चित रही।

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शामगढ़।संजय पिता घनश्याम सोनी माही ज्वेलर्स मेलखेड़ा के यहां एक चांदी की दूकान पर नकली चांदी बेचने आया व्यक्ति पकड़ाया।

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प्रधानमंत्री सूक्ष्‍म खाद्य उद्यम उन्‍न्‍यन योजना के लिए ऑनलाईन आवेदन करें

मंदसौर 14 दिसम्‍बर 24/ जिला उप संचालक उद्यान द्वारा बताया गया कि उद्यमियों को व्‍यवसाय स्‍थ‍ापित करने के लिए PMFME योजनान्‍तर्गत लहसुन प्रसंस्‍करण उत्‍पाद जैसे गार्लिक पिलिंग, गार्लिक पेस्‍ट, पावडर, चिप्‍स, संतरा ज्‍यूस, हल्‍दी पावडर, मिर्च पावडर, आंवला अचार, मुरब्‍बा, अमरूद जैम, जैली तथा अन्‍य सभी प्रकार के प्रसंस्‍करण उत्‍पाद आईल मील, दाल मील, डेयरी उत्‍पादों से संबंधित इकाईयों का निर्माण करने हेतू वेबसाइड http://pmfme.mofpi.gov.in या https://agriinfra.dac.gov.in/ पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते है तथा AIF (एग्रीकल्‍चर इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर फण्‍ड) योजनान्‍तर्गत प्राइमरी इकाई निर्माण जैसे cleaning, shorting, grading, milling, grinding, storage, drying, packing, cold, storage, pack house इत्‍यादि पर 03 प्रतिशत ब्‍याज ऋण पर अनुदान शासन द्वारा दिया जाएगा। अधिक जानकारी के लिए विकासखण्‍ड अधिकारी श्री सुरेन्‍द्रसिंह धाकड़ प्रभारी मन्‍दसौर मो. 9753545634, सुश्री अंकिता मुंदडा प्रभारी मल्‍हारगढ़ मो. 7049015931, श्री बनवारी वर्मा प्रभारी सीतामऊ मो. 8817779538, श्री राजेश मईडा प्रभारी गरोठ मो. 8827688643, श्री भुपेन्‍द्र कटारे प्रभारी भानपुरा मो. 7067634432 पर संपर्क करें।

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विद्युतीय कार्य के एवज में यदि कोई व्‍यक्ति / कम्‍पनी कर्मचारी अवैधानिक राशि मांगता है तो दूरभाष नम्‍बर 07422 298001 पर सम्‍पर्क करें

मंदसौर 14 दिसम्‍बर 24/ श्री आर.सी. जैन अधीक्षण अभियन्‍ता मंदसौर ने बताया कि विद्युत के नये कनेक्‍शन लिये जाने, फैल वितरण ट्रांसफार्मर बदलने इत्‍यादि कार्यो की शिकायतें प्राप्‍त हुई है। जिनमें पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कम्‍पनी के कतिपय कर्मचारियों/ बाहरी व्‍यक्तियों द्वारा उपभोक्‍ताओं के कार्य करने के एवज में अवैधानिक रूप से राशि की अपेक्षा की जाती है। विद्युत उपभोक्‍ताओं/आवेदकों से अपील है कि विद्युत प्रदाय से संबंधित किसी भी प्रकार के कार्य के लिये किसी बाहरी व्‍यक्ति से सम्‍पर्क न करते हुवे निकटस्‍थ विद्युत वितरण कम्‍पनी कार्यालय के अधिकारी / कर्मचारी से सम्‍पर्क कर आवश्‍यक जानकारी प्राप्‍त करते हुए नियमानुसार आवेदन किया जावे। साथ ही वांछित कार्य हेतु कम्‍पनी द्वारा जारी मॉग पत्र को कम्‍पनी के केश काउण्‍टर / ऑन लाईन जमा करवाते हुवे विधिवत रसीद भी प्राप्‍त की जावे। यदि कोई बाहरी व्‍यक्ति / कम्‍पनी कर्मचारी नियम के विरूद्ध किसी भी प्रकार की राशि की मॉग करता है तो कृपया कम्‍पनी के स्‍थानीय वरिष्‍ठ अधिकारी को दूरभाष पर अथवा व्‍यक्तिगत रूप से सम्‍पर्क कर संज्ञान में आवश्‍यक रूप से इस तथ्‍य को लाया जावें ताकि संबंधित व्‍यक्ति के विरूद्ध नियमानुसार कार्रवाई की जा सकें। विभाग के दूरभाष नम्‍बर 07422 298001 पर एवं कार्यालयीन समय में सूचित कर सकते है।

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ग्राम ढिकोला में भूमि आपत्ति आवेदन 17 दिसम्‍बर तक प्रस्‍तुत करें

मंदसौर 14 दिसम्‍बर 24/ तहसीलदार मंदसौर ने बताया कि ओद्योगिक निति एवं निवेश प्रोत्‍साहन विभाग के द्वारा ग्राम ढिकोला तहसील मंदसौर स्थित भूमि सर्वे नम्‍बर 85, 172, 250, 264, 23/2, 99, 206, 253/1, 23/3, 100, 248, 254/2, 97, 187 एवं 251 कुल रकबा 42.91 हेक्‍टयर भूमि पर ओद्योगिक विकास हेतु आवेदन प्रस्‍तुत किया है।

यदि किसी को आपत्ति हो तो वह अपनी आपत्ति पटवारी ग्राम ढिकोला अथवा न्‍यायालय तहसीलदार तहसील मंदसौर (ग्रामीण) में 17 दिसम्‍बर 2024 तक दर्ज करा सकते है । नियत समयावधि के उपरांत प्रस्‍तुत की गई किसी भी आपत्ति पर विचार नही किया जायेगा।

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