मंदसौरमध्यप्रदेश

समाचार मध्यप्रदेश मंदसौर 13 दिसंबर 2024 शुक्रवार

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विद्यालयों की कक्षाएं प्रातः 9:00 बजे संचालित होगी

मंदसौर/ कलेक्टर ने शीत लहर को ध्यान में रखते हुए निर्देश जारी किए हैं कि, समस्त शासकीय/ अशासकीय स्कूलों की प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालयों की कक्षाएं प्रातः 9:00 बजे संचालित होगी।

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सुवासरा ढाबला महेश गांव के यहां पर कार का एक्सीडेंट

सुवासरा:-शामगढ़ रोड ढाबला महेश के समीप रोड एक्सीडेंट में दशरथ सिंह गुर्जर नामक व्यक्ति की मौके पर मौत। सुवासरा थाना क्षेत्र के धानडा खेड़ा का रहने वाला है ये व्यक्ति।

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जिले आरओआर 3 दिन में पूर्ण प्रकाशन करवाए : कलेक्टर

राजस्व अधिकारियों की समीक्षा बैठक संपन्न

मंदसौर 12 दिसंबर 24/ कलेक्टर श्रीमती अदिती गर्ग की अध्यक्षता में राजस्व अधिकारियों की समीक्षा बैठक सुशासन भवन सभागृह में आयोजित की गई। बैठक के दौरान कलेक्टर ने राजस्व महा अभियान 3.0 एवं जनकल्याण पर्व अभियान की समीक्षा की। बैठक के दौरान अपर कलेक्टर श्रीमती एकता जायसवाल, सभी एसडीएम, तहसीलदार मौजूद थे।

कलेक्टर ने निर्देश देते हुए कहा कि आगामी तीन दिवस में जिले का सभी आरओआर पूर्ण करें तथा तुरंत प्रकाशन करवाएं। अगर कोई तकनीकी समस्या आती है, तो तुरंत बताएं। जिससे उसका समाधान हो सके। कलेक्टर ने आरओआर के संबंध में हल्का वार समीक्षा की। उन्होंने विशेष तौर पर कहा कि आरओआर का काम नहीं हो रहा है तो तहसीलदार पटवारी पर कार्यवाही करें। सभी एसडीएम, तहसीलदार रीडर स्तर पर लंबित प्रकरणों का तुरंत निराकरण करें। सभी पात्र किसानों की फॉर्म रजिस्ट्री बनाएं। जनकल्याण पर्व के अंतर्गत शिविर प्रत्येक गांव में लगे। सभी तहसीलदार और एसडीएम निगरानी करें। डोर टू डोर सर्वे लगातार चलने दे। इसके साथ ही कलेक्टर ने ईकेवाईसी, नक्शा तरमीम, साइबर तहसील के कार्यों की समीक्षा की।

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आईटी और डिजिटल नवाचार में आगे बढ़ता मध्यप्रदेश

मंदसौर 12 दिसंबर 24/ मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में, आईटी और डिजिटल नवाचार के क्षेत्र में मध्यप्रदेश हर दिन नए आयाम स्थापित कर रहा है। आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करते हुए, प्रदेश ने अपने शासकीय विभागों और नागरिकों के लिए तकनीकी प्रगति और डिजिटल सुविधाओं का ऐसा सिस्टम विकसित किया है, जो पूरे देश के लिए एक मिसाल बन गया है। राज्य डिजिटल भारत के सपने को साकार करते हुये डिजिटल क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की ओर अग्रसर है। इसमें मध्यप्रदेश राज्य इलेक्ट्रोनिक विकास निगम (एमपीएसईडीसी) और मध्यप्रदेश विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिषद (एमपीसीएसटी) अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन कर रहे हैं।

म.प्र. में विकसित सॉफ्टवेयर ने देश में बनाई पहचान

मध्यप्रदेश राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निगम (एमपीएसईडीसी) की अगुवाई में प्रदेश ने डिजिटल प्रौद्योगिकी में कई उल्लेखनीय कदम उठाए हैं। संपदा 2.0 और साइबर तहसील जैसे प्लेटफॉर्म नागरिक सेवाओं को सरल बना रहे हैं और राष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश की पहचान को भी मजबूत कर रहे हैं। संपदा 2.0 ने संपत्ति पंजीकरण की प्रक्रिया को डिजिटल बनाकर ई-पंजीकरण, ई-स्टाम्प, स्टाम्प शुल्क की गणना और दस्तावेज़ खोज जैसे कार्यों को घर बैठे संभव बनाया गया है। साइबर तहसील ने राजस्व न्यायालयों की प्रक्रियाओं को पारदर्शी और सुव्यवस्थित करते हुए भ्रष्टाचार को कम करने और जनता को त्वरित सेवाएं प्रदान करने का सफल प्रयास किया गया है।

निवेश और स्टार्ट-अप्स को प्रोत्साहन

सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी), सूचना प्रौद्योगिकी-सक्षम सेवाएँ (आईटीईएस), इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम डिज़ाइन और विनिर्माण (ईएसडीएम) और डेटा केंद्रों की परिवर्तनकारी क्षमता को स्वीकार करते हुए, राज्य में दूरदर्शी “आईटी, आईटीईएस और ईएसडीएम निवेश प्रोत्साहन नीति 2023” बनाई गई है। राज्य के डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देने के लिए यह नीति डिज़ाइन की गई है। जबलपुर रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इस पॉलिसी के दिशा निर्देश लॉन्च किए थे। नीति में निवेशकों को वित्तीय और गैरवित्तीय सहायता प्रदान करने के प्रावधान किए गए है। सभी वित्तीय सहायता, आवश्यक अनुमतियाँ, अनुमोदनों, आवेदनों और किसी भी अन्य संबंधित प्रक्रियाओं के लिए पूर्ण रूप से डिजिटल सिंगल विंडो सिस्टम भी बनाया गया है। राज्य के युवाओं को स्वरोजगार के लिये प्रोत्साहित करने और स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए स्टार्ट-अप नीति-2022 लागू है।

राज्य में एवीजीसी नीति-2024 भी लागू की जा रही है, जिससे एनीमेशन, विजुअल इफेक्ट्स, गेमिंग और कॉमिक्स (एवीजीसी) क्षेत्र में नई संभावनाओं का द्वार खुला है। राज्य में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और साइबर सुरक्षा आदि को ध्यान में रखते हुए ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर (GCC) नीति 2024 भी तैयार की गई है।

विकसित डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर

वर्तमान में प्रदेश में 2 हजार से अधिक आईटी/आईटीईएस एवं ईएसडीएम इकाइयां कार्यरत हैं, जिनमें एमपीएसईडीसी में पंजीकृत 650 इकाइयां हैं, जिन्हें राज्य की नीतियों का लाभ मिला है। इन इकाइयों का टर्न ओवर 10 हजार करोड़ रुपए प्रतिवर्ष से अधिक है। देश की 50 से अधिक बड़ी आईटी एवं आईटीईएस इकाइयां मध्यप्रदेश में स्थापित हैं। प्रदेश से हर वर्ष 500 मिलियन डॉलर का निर्यात आईटी से जुड़ी कंपनियों के माध्यम से होता है। राज्य में 5 आईटी स्पेशल इकोनॉमिक जोन हैं। राज्य सरकार द्वारा 15 आईटी पार्क बनाए गए हैं, जिनसे डेढ़ लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिला है। राज्य में 1200 से अधिक तकनीकी स्टार्ट-अप स्थापित हैं, जिनमें से दो “नीव क्लाउड और शॉप किराना” यूनिकॉर्न कंपनी हैं।

आईटी/आईटीएस/ईएसडीएम और डेटा सेंटर क्षेत्र में बढ़ता निवेश

राज्य में निवेश को प्रोत्साहन देने के लिए आयोजित रीजनल इंडस्ट्री कॉनक्लेव और इंटरैक्टिव सेशन में आईटी/आईटीएस/ईएसडीएम और डेटा सेंटर क्षेत्र में निवेशकों ने विशेष उत्साह दिखाया। इस क्षेत्र में निवेश से रोजगार से नए अवसर सृजित होंगे। सागर में 1700 करोड़ से अधिक निवेश से डेटा स्थापित किया जा रहा है। बेंगलुरु में आयोजित इंटरएक्टिव सेशन ऑन इन्वेस्टमेंट के दौरान, एमपीएसईडीसी ने भारतीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सेमीकंडक्टर संघ,, इलेक्ट्रॉनिक इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ऑफ इंडिया, एसोसिएशन ऑफ जिओस्पेशल इंडस्ट्रीज और टाई ग्लोबल जैसे प्रमुख राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय उद्योग संघों के साथ समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। जबलपुर, नर्मदापुरम, मुंबई, कोयंबटूर, बेंगलुरु में कई बड़ी कंपनियों से करोड़ों के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए। यूके-जर्मनी से एसआरएएम-एमआरएएम ग्रुप द्वारा 25000 करोड़ रूपये निवेश से सेमी कंडक्टर और साइंस टेक्नोलॉजी पार्क विकसित करने का प्रस्ताव प्राप्त हुआ।

जीआईएस तकनीक का बढ़ता उपयोग

राज्य में जियोग्राफिक इन्फॉर्मेशन सिस्टम (जीआईएस) तकनीक का भी व्यापक उपयोग हो रहा है। 5G के लिए योजना, अनुमोदन और जीआईएस आधारित सेवाएं प्रदान करने के लिए “गति-शक्ति संचार पोर्टल” विकसित किया गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में पीने के पानी की आपूर्ति के लिए सर्वेक्षण, निगरानी और कार्यान्वयन के लिए “जल रेखा” जैसे पोर्टल कार्य कर रहे है। जीआईएस द्वारा तैयार किये गये लोकपथ मोबाइल ऐप और वेब एप्लिकेशन से पूरे राज्य में सड़कों से संबंधित शिकायतों को दर्ज करने एवं उनके निराकरण को मॉनिटर करने की सुविधा दी जा रही है।

शोध और शिक्षा के क्षेत्र में नया अध्याय

मध्यप्रदेश विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिषद (एमपीसीएसटी) के अंतर्गत राज्य में विज्ञान और अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। उज्जैन तारामंडल में 3डी-4K प्रोजेक्शन सिस्टम का अपग्रेडेशन और वराह मिहिर खगोलीय वेधशाला डोंगला का ऑटोमेशन इस दिशा में उल्लेखनीय उपलब्धियां हैं।

प्रशासनिक डिजिटलीकरण और पारदर्शिता

सरकार ने ई-एचआरएमएस पोर्टल और अन्य डिजिटल मंचों के जरिए मानव संसाधन और सरकारी प्रक्रियाओं को डिजिटाइज्ड किया है। मुख्यमंत्री प्रगति पोर्टल ने विभिन्न योजनाओं और निर्माण कार्यों की रियल-टाइम मॉनिटरिंग को सुगम बनाया है।

आईटी क्षेत्र में विगत एक वर्ष में प्राप्त उपलब्धियों ने डिजिटल प्रौद्योगिकी से प्रशासनिक दक्षता बढ़ाई है और नागरिकों के जीवन को भी सरल और सुविधाजनक बनाया है। इन नवाचारों ने राज्य को आईटी निवेशकों के लिए एक आदर्श स्थान बना दिया है। प्रदेश डिजिटल भारत के सपने को साकार करते हुये वैश्विक आईटी मानचित्र पर अपनी अलग पहचान स्थापित कर रहा है।

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घर बैठे पंजीयन की सुविधा उपलब्ध है, पोर्टल संपदा 2.0 में-संतोष मिश्रा

मंदसौर 12 दिसंबर 24/ मध्यप्रदेश में विकसित की गई ई-पंजीयन एवं ई-मुद्रांक इलेक्ट्रॉनिक प्रणाली का नवीन संस्करण 2.0 विकसित किया गया है। इससे नागरिकों को और बेहतर सुविधाएं प्रदान करने में मदद मिली है।

संपदा 2.0 से कोई भी व्यक्ति अब घर बैठे निर्धारित दस्तावेजों का पंजीयन कर सकता है। इसके लिये विभागीय पोर्टल https://sampada.mpigr.gov.in पर कोई भी व्यक्ति स्वयं पंजीकृत होकर अपने दस्तावेज का पंजीयन अथवा ई-स्टाम्प जारी कर सकता है। राज्य सरकार ने इसकी प्रक्रिया को बहुत सरलीकृत कर दिया है। अब दस्तावेजों के पंजीयन के लिये कार्यालय आने अथवा सेवा प्रदाता की सेवाएं लेने की आवश्यकता नहीं रही है।

संपदा 2.0 पोर्टल में पंजीयन कार्य करने वाले पक्षकारों की “आधार” बेस्ड ई-केवायसी होगा। इसमें पेन कार्ड का सत्पापन आयकर विभाग के इंटीग्रेटेड सिस्टम पर आधारित होगा। संपत्ति की पहचान यूनिक आईडी से की जा सकेगी। संपत्ति की जियो मैपिंग के आधार पर ही गाइडलाइन दर निर्धारित होगी। इस आधार पर स्वत: ही संपत्ति का मूल्यांकन हो जायेगा। इस सॉफ्टवेयर में ऑटोमेटिक प्रारूप आधारित लेखन की व्यवस्था की गई है। शुल्कों के भुगतान के लिये संपदा वॉलेट मौजूद है। समस्त भुगतान सायबर ट्रेजरी या संपदा वॉलेट से सिंगल क्लिक द्वारा किया जा सकता है। पोर्टल में दस्तावेजों के निष्पादन की प्रक्रिया को पूरी तरह डिजिटल हस्ताक्षर आधारित किया गया है। ई-हस्ताक्षर के साथ ऑटोमेटिकली पक्षकारों का फोटो अटैच होने संबंधित प्रबंध भी सॉफ्टवेयर में किया गया है।

संपदा 2.0 में चयनित दस्तावेजों के लिये फेसलेस पंजीयन का विकल्प भी उपलब्ध है। इसमें पंजीयन कार्यालय आने की आवश्यकता नहीं है। दस्तावेजों के इलेक्ट्रॉनिकली प्रेजेन्टेशन एवं वर्चुअल फाइनल करने की सुविधा के साथ कार्यवाही के प्रमाणीकरण के लिये ओटीपी की सुविधा भी दी गई है। इसमें पंजीयन, रिटर्न, रिफ्यूजल की सुविधा भी इलेक्ट्रॉनिकली उपलब्ध है। यह पक्षकारों को वीडियो केवायसी से पंजीयन सुविधा भी देता है। इसमें दोनों मोड (असिस्‍टेड एवं नॉन असिस्टेड) उपलब्ध है। पंजीकृत दस्तावेजों का केवल इलेक्ट्रॉनिक संस्करण ही संधारित किया जायेगा।

संपदा 2.0 पोर्टल में पक्षकार स्वयं या सेवा प्रदाता के सहयोग से संपत्ति का पंजीयन कर सकता है। इसमें खरीदी या बेचे जाने वाली संपत्ति की पहचान संबंधित विभाग द्वारा प्रदत्त यूनिक आईडी तथा नक्शे पर चिन्हांकित संपत्ति से की जाती है। पक्षकारों की पहचान “आधार” बेस्ड ई-केवायसी से होती है। पोर्टल में चयनित दस्तावेज के आधार पर विलेख स्वत: तैयार होता है। विलेख के प्रारूप पर इलेक्ट्रॉनिकली सहमति के बाद शुल्क का ऑनलाइन भुगतान होता है। इसके बाद “आधार” बेस्ड ई-साईन या डिजिटल साइन के द्वारा ऑनलाइन ही दस्तावेजों का निष्पादन हो होता है।

संपदा 2.0 पोर्टल में पंजीकरण के लिये 3 विकल्प (पारंपरिक रूप से कार्यालय में उपस्थित होकर, फेसलेस पंजीयन और रिमोट पंजीयन) उपलब्ध कराये गये है। पंजीयन के लिये सुविधा अनुसार कार्यालय में आने के लिये स्लॉट आरक्षित कर सकते है। फेसलेस और रिमोट पंजीयन में एआई आधारित वीडियो केवायसी से प्रत्येक पक्षकार की पहचान एवं लाइवलीनेस चेक किया जा सकता है। इसके द्वारा समस्त स्व-घोषणाओं की वीडियो रिकॉर्डिंग होती है। इसमें भी नॉन असिस्टेड विकल्प की स्थिति में ऑनलाइन प्रेजेन्टेशन होता है। पंजीयन के लिये स्लॉट बुकिंग के लिये असिस्टेड विकल्प की स्थिति में वर्चुअल इंटरेक्शन के लिये स्लॉट आरक्षण की सुविधा उपलब्ध है।

“लाभाथियों ने साझा किये अपने अनुभव”

पंजीयन विभाग की संपदा 2.0 लागू होने के बाद विभिन्न जिलों के लाभार्थियों ने अपने अनुभवों को साझा करते हुए इसे सुविधाजनक बताया है। गुना के श्री विष्णु प्रसाद बशैंया ने अनुभव साझा किया कि पूरा काम ऑनलाइन और पहले से अधिक व्यवस्थित रूप से हुआ है। गुना की सुश्री अंकिता ने बताया कि संपदा 2.0 से कम समय में बेहतर तरीके से काम हो जाना संभव हो गया है। मुझे तुरंत दस्तावेज मेरे मोबाइल पर प्राप्त हो गये है। इसी तरह का अनुभव रतलाम के श्री राकेश पाटीदार का भी रहा। उन्होंने दुकान की रजिस्ट्री संपदा 2.0 सॉफ्टवेयर से कराई जिसमें गवाह की आवश्यकता भी नही पड़ी और कोई परेशानी नहीं आई। साथ ही रजिस्ट्री भी मोबाइल पर हाथों हाथ प्राप्त हो गई।

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शासकीय आई टी आई नयाखेड़ा में कैंपस प्‍लेसमेंट ड्राइव का आयोजन 17 दिसम्‍बर को होगा

मंदसौर 12 दिसंबर 24/ औद्योगि‍क प्रशिक्षण संस्‍था मन्‍दसौर के प्राचार्य श्री मुकेश मोर्य द्वारा बताया गया कि शासकीय आई टी आई नयाखेड़ा बायपास मन्‍‍दसौर में कैंपस प्‍लेसमेंट ड्राइव का आयोजन 17 दिसम्‍बर 2024 को आयोजित होगा। जिसमें विभिन्‍न व्‍यवसाय जैसे फिटर, मैकेनिक मो‍टर वेहिकल, डीजल मैकेनिक, वेल्‍डर, टर्नर, आटोमोबाइल और इलेक्‍ट्रिशियन के लिए अप्रेंटिशिप के 150 एवं एफटीए के 50 पदों के लिए होंडा कार इंडिया लिमिटेड के द्वारा टपुकारा राजस्‍थान के लिये साक्षात्‍कार के माध्‍यम से चयन किया जाएगा। विभिन्‍न शासकीय एवं प्राइवेट आई टी आई से पासआउट उम्र 18 से 25 तक के प्रशिक्षणार्थी इसमें भाग ले सकते है।

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ग्राम भून्‍याखेड़ी में भूमि हेतु अभिमत 20 दिसम्‍बर तक प्रस्‍तुत करें

मंदसौर 12 दिसम्‍बर 24/ तहसीलदार मंदसौर ने बताया कि गृह निर्माण एवं अधोसरंचना विकास मंडल रतलाम द्वारा ग्राम भून्‍याखेड़ी स्‍थित शासकीय भूमि सर्वे नम्‍बर 183/1 एवं 110 रकबा 5.210 हेक्‍टयर एवं 1.480 हेक्‍टेयर मे से रकबा क्रमश: 3.0 हेक्‍टेयर एवं 1.48 हेक्‍टेयर मद शासकीय क्रमश: चारागाह एवं गैर मुमकीन इडब्‍लूएस एवं कमजोर आय वर्ग के लिए आवासीय योजना हेतु आबंटित किये जाने हेतु आवेदन प्रस्‍तुत किया है।

यदि किसी को भूमि आबंटित हेतु अभिमत 20 दिसम्‍बर 2024 तक दर्ज करा सकते है । नियत समयावधि के उपरांत प्रस्‍तुत की गई किसी भी आपत्ति पर विचार नही किया जायेगा।

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