भोपालमध्यप्रदेश

महिलाओं के ख़िलाफ़ हिंसा के मामले में समाधान के लिए समन्वित प्रयासों की आवश्यकता : मंत्री सुश्री भूरिया

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की पहल पर जेंडर आधारित हिंसा की रोकथाम के लिए जागरूकता अभियान “हम होंगे क़ामयाब” 25 नवंबर से 10 दिसंबर तक चलाया जा रहा है इस अभियान के तहत पूरे प्रदेश में विभिन्न विषयों पर आधारित जनजागरूकता कार्यक्रम हो रहे है। बुधवार को आयोजित कार्यक्रम महिलाओं के ख़िलाफ़ हिंसा के मामले में समाधान के लिए लोक अधिकार केंद्र, वन स्टॉप सेंटर और ऊर्जा ड्रेस के मध्य समन्वय कार्य विषय पर केन्द्रित रहा।

महिला बाल विकास मंत्री सुश्री निर्मला भूरिया ने कहा कि महिलाओं के ख़िलाफ़ हिंसा के मामलों में त्वरित और प्रभावी समाधान के लिए लोक अधिकार केंद्र ,वन स्टॉप सेंटर और ऊर्जा महिला हेल्प डेस्क के बीच समन्वय अत्यन्त महत्वपूर्ण है। समन्वित प्रयासों से इन मामलों में अधिक त्वरित और प्रभावी समाधान सुनिश्चित कर सकेंगे। इससे महिलाओं को बेहतर सेवाएं मिलेंगी और हिंसा से पीड़ित महिलाओं को तुरंत सहायता मिल सकेगी, जिससे उनकी सुरक्षा और सशक्तिकरण को बढ़ावा मिलेगा।

समन्वित प्रयासों का उद्देश्य

लोक अधिकार केंद्रों की कार्यप्रणाली में बदलाव के तहत, एकल केंद्रों को बढ़ाया जाना, जो महिलाओं को हिंसा के मामलों में अस्थायी आश्रय, कानूनी सहायता, चिकित्सा सेवाएं और परामर्श जैसी सुविधाएं प्रदान करते हैं। साथ ही, ऊर्जा महिला हेल्प डेस्क के सहयोग से महिलाओं के खिलाफ अपराधों के मामलों में तेज़ और संगठित प्रतिक्रिया प्रदान की जाएगी।

1. लोक अधिकार केंद्र से भेजे गए मामलों को महिला एवं बाल विकास विभाग के MIS सिस्टम में जोड़ा जा सकता है, जिससे मामलों का पंजीकरण और ट्रैकिंग आसान हो सकेगा।

2. वन स्टॉप सेंटर तक पहुंच बढ़ाने के लिए ग्रामीण महिलाओं को परिवहन सुविधाएं मुहैया कराई जा रही है।

3. लोक अधिकार केंद्रों में दर्ज मामलों में कानूनी, चिकित्सा और पुलिस सहायता का समन्वय किया जा सकता है।

4. महिलाओं के लिए परामर्श सेवाएं और सुरक्षा योजनाएं तैयार की जाएंगी।

5. दोनों विभाग संयुक्त रूप से महिलाओं के अधिकारों और लैंगिक हिंसा के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाएंगे।

मंत्री सुश्री भूरिया ने कहा कि समन्वित प्रयासों से महिलाओं के खिलाफ हिंसा के मामलों में अधिक प्रभावी और त्वरित समाधान की उम्मीद है। इस पहल से महिला सुरक्षा को बढ़ावा मिलेगा और हिंसा से पीड़ित महिलाओं को बेहतर सेवाएं प्रदान की जा सकेंगी। लोक अधिकार केंद्र, वन स्टॉप सेंटर और ऊर्जा डेस्क के बीच सहयोग महिलाओं की सुरक्षा और स्वशक्तिकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

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