प्राथमिक शिक्षकों के रिक्त पदों को लेकर सांसद सुधीर गुप्ता ने लोकसभा में किया प्रश्न
मंदसौर – प्राथमिक शिक्षकों के रिक्त पदों को लेकर सांसद सुधीर गुप्ता ने लोकसभा में प्रश्न किया । उन्होने प्रश्न करते हुए कहा कि देश में शिक्षा पर व्यय चीन और जापान जैसे देशों से अधिक होता है और यदि हां, तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है। सम्पूर्ण देश के विद्यालयों में प्राथमिक शिक्षकों के 8 लाख से अधिक पद रिक्त पड़े हुए है। क्या केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को उक्त रिक्त पदों को यथाशीघ्र भरने के लिए कोई निदेश जारी किए हैं। वहीं सरकार द्वारा देश में इन रिक्त पदों को भरने के लिए अन्य क्या उपाय किए गए कदम उठाए गए हैं/उठाए जा रहे हैं। प्रश्न के जवाब में शिक्षा मंत्रालय में राज्य मंत्री जयन्त चौधरी ने बताया कि शिक्षा संविधान की समवर्ती सूची का विषय है और अधिकांश स्कूल संबंधित राज्य सरकारों/संघ राज्य क्षेत्र प्रशासनों के प्रशासनिक नियंत्रणाधीन हैं। शिक्षकों की भर्ती, उनकी सेवा शर्तें और तैनाती संबंधित राज्य सरकारों और संघ राज्य क्षेत्र प्रशासनों के क्षेत्राधिकार में आते हैं। इसके अलावा, भर्ती एक सतत प्रक्रिया है और रिक्तियां कई कारकों के कारण उत्पन्न होती हैं जैसे सेवानिवृत्ति, इस्तीफा, छात्रों की बढ़ी हुई संख्या के परिणामस्वरूप शिक्षकों की बढ़ी हुई आवश्यकता।
उन्होने बताया कि स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग, समय-समय पर, समीक्षा बैठकों और सलाहों के माध्यम से, राज्य सरकारों और संघ राज्य क्षेत्र प्रशासनों से इन रिक्तियों को स्वायत्त शिक्षक भर्ती बोर्ड के माध्यम से भरने और उनकी युक्तिसंगत तैनाती के लिए अनुरोध किया है। इसके अलावा, केन्द्र सरकार समय-समय पर संशोधित निशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार (आरटीई) अधिनियम, 2009 में निर्धारित मानदंडों के अनुसार समग्र शिक्षा की केन्द्रीय प्रायोजित योजना के माध्यम से राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों को वित्तीय सहायता प्रदान करती है ताकि स्कूल शिक्षा के विभिन्न स्तरों के लिए उपयुक्त छात्र-शिक्षक अनुपात (पीटीआर) बनाए रखे जा सके।