दस वर्षों से किसान भटक रहा ईंन्द्राज दुरस्ती के लिए

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संजित टप्पे से फाईल चलकर तहसील कार्यालय पहुंचते पहुंचते रास्ते में हो जाती है घुम
मल्हारगढ़ तहसील में राजस्वकर्मी कि मनमानी चरम पर यहां सिएम कि कार्यशैली के ठीक विपरीत हो रहा है काम
पिपल्या जौधा (मानसिंह डॅंगी) मल्हारगढ़ तहसील में राजस्व विभाग के कर्मचारी मनमानी पर उतरे हुए है व ईनकी लापरवाहीयो का नतिजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है प्रदेश के मुखिया राजस्व रिकार्ड में गलतियों को सुधारने व उनमे नवाचार को लेकर आये दिन राजस्व कर्मचारी को दिशा निर्देश जारी कर रहे हैं पर प्रदेश के मुखिया कि योजनाएं मल्हारगढ़ तहसील में बेअसर साबित हो रही है यहां के किसान आजभी राजस्व रिकार्ड को लेकर दर दर कि ठोकरें खा रहे हैं ओर कर्मचारी उनकी समस्या सुलझाने के बजाए एक आफिस से दुसरे आफिस में चक्कर लगवा रहे हैं
जानकारी अनुसार पिपल्या जौधा निवासी किसान नागुलाल पिता रतनलाल सुर्यवंशी पिछले करीब दस वर्षों से अपनी जमीन में ईंन्द्राज दुरस्ती को लेकर संजित टप्पे से लेकर तहसील कार्यालय तक चक्कर लगा रहा है पर अधिकारी हैं कि सुनने को तैयार नहीं है किसान का कहना है कि मैंने मेरे सर्वे नंबर 584 मे रकबा 2 हेक्टेयर 53 आरी है जिसमें पटवारी द्वारा मनमानी करते हुए मेरे रकबे में से मेरी जानकारी के बिना 38 आरी का रकबा कम कर दिया है जिसकी दुरस्ती को लेकर मेने संजित टप्पे पर ईंन्द्राज दुरस्ती का आवेदन दिया था पर मुझे जानकारी दिए बिना प्रकरण खारिज कर दिया मेने फिर आवेदन दिया जिसको लेकर संजित से फाईल मल्हारगढ़ तहसील कार्यालय पहुचाई गई पर वहा के एसडीएम के बाबु बताते हैं कि फाईल यहां नहीं आई जबकी संजित टप्पे पर से बताते हैं कि हमने फाईल भेज दी ईस तरह किसान परेशान होकर करिब दस वर्षों से संजित व मल्हारगढ़ तहसील कार्यालय के चक्कर लगा रहा है पर अबतक कोई हल नहीं निकला व किसान रिकार्ड शुद्धीकरण को लेकर एक दफ्तर से दुसरे दफ्तर के चक्कर काटने को मजबुर है इससे एसा प्रतित होता है कि मल्हारगढ़ तहसील में प्रदेश के मुखिया द्वारा चलाए जा रहे राजस्व महाअभियान को सिर्फ कागजों में खानापूर्ति कि जा रही है हकीकत में कुछ भी नहीं है
इनका कहना-
ईंन्द्राज दुरस्ती का काम एसडीएम का रहता है हमारा नही अगर फाईल होगी तो देखना पड़ेगा याद नहीं है
–अभिषेक चोरसिया नायब तहसीलदार संजित टप्पा तहसील मल्हारगढ़।
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