साधु-संतों का ऐलान; 6 दिसंबर को श्रीकृष्ण जन्मभूमि के गेट पर करेंगे जलाभिषेक, देहरी पूजन
मथुरा। श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर परिसर से मस्जिद मुक्त कराने के लिए साधु-संतों की लड़ाई और बैठकें तेज हो गई हैं। इसी कड़ी में 6 दिसंबर को शौर्य दिवस पर श्रीकृष्ण जन्मभूमि संघर्ष न्यास मंदिर के गेट नंबर एक पर जलाभिषेक और देहरी पूजन करने का संतों ने ऐलान किया है इस दौरान सैकड़ो साधु-संत एकत्रित होकर वृंदावन से मथुरा पहुंचेंगे
इससे पहले 27 नवंबर को वृंदावन में एक अहम बैठक रखी गई है जिसमें संगठन के पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारियां तय करने के साथ रूपरेखा तैयार की जाएगी। वृन्दावन के टेकरी आश्रम में रविवार को सैकड़ों साधु-संतों ने बैठक में यह निर्णय लिया गया संतों ने कहा कि न्यायालय जल्द से जल्द हिंदुओं के पक्ष में फैसला दे क्योंकि मंदिर के तमाम सबूत दस्तावेज हिंदुओं के पक्ष में है। मुस्लिम अभी तक एक सबूत न्यायालय में दाखिल नहीं कर सका है।
कोर्ट को जल्द फैसला सुनाना चाहिए
मोहिनी शरण महाराज ने बताया कि वृंदावन में सैकड़ो साधु संत एकजुट होकर 6 दिसंबर को शौर्य दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाएंगे श्री कृष्ण जन्मभूमि मंदिर के गेट पर नदियों के जल से अभिषेक और देहरी पूजन किया जाएगा। इसके लिए रणनीति बनाई गई है। सभी साधु संत एकमत से सहमत हैं श्री कृष्ण जन्मभूमि संघर्ष न्यास अध्यक्ष दिनेश शर्मा ने बताया कि वृंदावन के एक आश्रम में साधु संतों ने 6 दिसंबर को होने जा रहे शौर्य दिवस पर मंदिर के गेट पर नदियों के जल से जलाभिषेक और देहरी पूजन का निर्णय लिया है अब समय आ चुका है कि मंदिर से मस्जिद मुक्त होनी चाहिए जिस प्रकार अयोध्या में मंदिर बनवाने के लिए 70 साल इंतजार करना पड़ा, अब हम सहन नहीं कर सकते न्यायालय को जल्द से जल्द फैसला सुनाना चाहिए।
मंदिर को मस्जिद से मुक्त कराने का आ गया समय
गौरतलब है कि श्री कृष्ण जन्मभूमि मंदिर परिसर से मस्जिद मुक्त कराने के लिए साधु-संत, भागवत, आचार्य महामंडलेश्वर और कथा वाचक हर रोज बैठक तैयार कर रहे हैं। कहीं धर्म संसद हो रही है तो कहीं रूपरेखा तैयार की जा रही है। श्री कृष्ण जन्मभूमि प्रकरण से संबंधित 18 मामले इलाहाबाद हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में विचारधीन हैं साधु संतों का कहना है कि अब समय आ चुका है, मंदिर से मस्जिद मुक्त करा कर ही रहेंगे।
हिंदुओं के पक्ष में तमाम सबूत
संतों का कहना है कि श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर से संबंधित अहम दस्तावेज सनातन हिंदुओं के पक्ष में है। शाही ईद का मस्जिद की दीवारों पर शंख चक्र और शेषनाग की आकृतियां अंकित है, जो कि सनातन धर्म के पूजनीय माने जाते हैं। इलाहाबाद हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में श्री कृष्ण जन्मभूमि से संबंधित याचिकाओं को लेकर साधु संत संगठन ने तमाम दस्तावेज पेश किए हैं। मुस्लिम पक्ष के पास एक भी सबूत नहीं है। आज भी राजस्व अभिलेख खसरा केवट और खतौनी में श्री कृष्ण जन्मभूमि की मालिकाना है। सनातन हिंदू धर्म को ठाकुर जी की जगह के लिए भी प्रार्थना करनी पड़ रही है न्यायालय को इस मामले में जल्द से जल्द हिंदुओं के पक्ष में फैसला देना चाहिए।