नीमचमध्यप्रदेश

मजदूर ,किसान एवं अस्थाई कर्मचारियों ने ज्ञापन सोंपा


नीमच दिनांक 26 नवंबर 2024

संयुक्त ट्रेड यूनियन एवं संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर आज नीमच के औद्योगिक मजदूर आंगनबाड़ी कर्मी, आशा कर्मी, नल जल चालक, भृत्य आउटसोर्स ,संविदा, ठेका श्रमिक एवं कर्मचारी ,ग्रिड एवं कंप्यूटर ऑपरेटर छात्र , मध्यान भोजन कमी नौजवानों और किसानों ने स्थानीय कलेक्टर कार्यालय में हनुमान मंदिर परिसर में एकत्र होकर रैली निकाल कर नारेबाजी करते हुए डिप्टी कलेक्टर श्री शाह को एक ज्ञापन प्रधानमंत्री के नाम सोंपा जिसमें 22 सूत्री मांग पत्र है । इस अवसर पर संविधान दिवस के कार्यक्रम में संविधान की प्रस्तावना का वाचन भी किया गया। ज्ञापन का वाचन मजदूर नेता श्री किशोर जवेरिया ने किया ।इस अवसर पर सुनील शर्मा मुकेश नागदा गिरिजा देवी संपत मीणा आशा देवी साधना सिंह बंसीलाल खारोल ओम प्रकाश बंटी शर्मा शैलेंद्र सिंह ठाकुर नितेश यादव कृपाल सिंह मंडलोई हर्षित गोजर नरेंद्र कमलवा नीरज जोशी सही-सहित बड़ी संख्या में मजदूर कर्मचारी किसान उपस्थित थे
ज्ञापन में कहा गया है कि : सभी श्रेणी के अस्थाई कर्मचारियों को स्थाई किया जाकर उनको न्यूनतम वेतन एवं सामाजिक सुरक्षा का लाभ दिया जाए। मध्य प्रदेश सरकार द्वारा रोका गया न्यूनतम वेतन तुरंत एरिया सहित लागू करके एरिया का भुगतान किया जाए। आंगनबाड़ी कर्मी एवं आशा कर्मी को सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिया जाए।
1. मूल्य वृद्धि पर नियंत्रण किया जाए; खाद्य, दवा, कृषि-इनपुट और मशीनरी जैसी आवश्यक वस्तुओं पर जीएसटी हटाओ; पेट्रोलियम उत्पादों और रसोई गैस पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क में पर्याप्त कमी की जाए।
2. कोविड के बहाने वरिष्ठ नागरिकों, महिलाओं, दिव्यांग व्यक्तियों, खिलाड़ियों को रेलवे रियायतें वापस ली गईं, उन्हें बहाल किया जाए।
3. खाद्य सुरक्षा की गारंटी दी जाए तथा सार्वजनिक वितरण प्रणाली को सार्वभौमिक बनाया जाए।
4. सभी के लिए मुफ्त शिक्षा, स्वास्थ्य, पानी और स्वच्छता के अधिकार की गारंटी दी जाए। नई शिक्षा नीति, 2020 को खत्म किया जाए।
5. सभी के लिए आवास सुनिश्चित किया जाए।
6. वन अधिकार अधिनियम का सख्ती से क्रियान्वयन किया जाए ; वन (संरक्षण) अधिनियम, 2023 और जैव-विविधता अधिनियम और नियमों में संशोधन, जो केंद्र सरकार को निवासियों को सूचित किए बिना भी जंगल की कटाई की अनुमति देते हैं वापस लिए जाए। जोतने वाले को जमीन सुनिश्चित की जाए।
7. राष्ट्रीय न्यूनतम वेतन को 26000 रुपये प्रति माह सुनिश्चित किया जाए।
8. भारतीय श्रम सम्मेलन नियमित रूप से आयोजित किया जाए।
9. सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों, सरकारी विभागों का निजीकरण रोका जाए तथा राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन (एनएमपी) को खत्म किया जाए। खनिजों और धातुओं के खनन पर मौजूदा कानून में संशोधन किया जाए तथा स्थानीय समुदायों, खासकर आदिवासियों और किसानों के उत्थान के लिए कोयला खदानों सहित खदानों से होने वाले लाभ का 50% हिस्सा सुनिश्चित किया जाए।
10. बिजली (संशोधन) विधेयक, 2022 को वापस लिया जाए। कोई प्रीपेड स्मार्ट मीटर नहीं चलेगा।
11. काम करने के अधिकार को मौलिक अधिकार बनाया जाए। स्वीकृत पदों को भरें और बेरोजगारों के लिए रोजगार पैदा करें। मनरेगा का विस्तार किया जाए (प्रति वर्ष 200 दिन और 600 रुपये प्रतिदिन मजदूरी) और उसे कार्यान्वयन किया जाए। शहरी रोजगार गारंटी अधिनियम लागू करें।
12. बीज, उर्वरक और बिजली पर किसानों को दी जाने वाली सब्सिडी बढ़ाएं। किसानों की उपज के लिए कानूनी तौर पर सी2+50% की दर पर न्यूनतम समर्थन मूल्य(एमएसपी) की गारंटी दी जाए और फसलों के खरीद की गारंटी दी जाए। किसानों की आत्महत्या को हर कीमत पर रोकें।
13. कॉरपोरेट परस्त प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को वापस लिया जाए और सभी फसलों के लिए एक व्यापक सार्वजनिक क्षेत्र फसल बीमा योजना स्थापित की जाए, ताकि किसानों को जलवायु परिवर्तन, सूखा, बाढ़, फसल संबंधी बीमारियों आदि के कारण होने वाले नुकसान की भरपाई की जा सके।
14. सभी किसान परिवारों को कर्ज के जाल से मुक्त करने के लिए व्यापक ऋण माफी योजना की घोषणा की जाए।
15. केंद्र सरकार द्वारा दिए गए लिखित आश्वासनों , जिसके आधार पर ऐतिहासिक किसान संघर्ष को स्थगित किया गया था, को लागू किया जाए। सभी शहीद किसानों के लिए सिंघु बॉर्डर पर स्मारक बनाया जाए, उनके परिवारों को मुआवजा दिया जाए और उनका पुनर्वास किया जाए, सभी लंबित मामलों को वापस लिया जाए, केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी पर मुकदमा चलाया जाए।
16. चार श्रम संहिताओं को रद्द किया जाए, निश्चित अवधि के रोजगार (फिक्स टर्म एम्प्लॉइमन्ट) को वापस लिया जाए और काम पर समानता और सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। श्रम के केज्यूअलकरण(अस्थायीकरण) को समाप्त किया जाए।औद्योगिक मजदूर,आंगनबाड़ी कर्मी ,आशा कर्मी, नल जल चालक एवं भृत्य त्य आउटसोर्स, संविदा, ठेका कर्मचारी एवं श्रमिक, अतिथि शिक्षक, ग्रिड एवं कंप्यूटर ऑपरेटर एवं असंगठित क्षेत्र के सभी श्रमिकों जैसे गृह-आधारित श्रमिकों, फेरीवाले, कूड़ा बीनने वाले, घरेलू कामगार, निर्माण श्रमिक, प्रवासी श्रमिक, योजना श्रमिक, कृषि श्रमिक, दुकान/प्रतिष्ठानों में कार्यरत श्रमिक, लोडिंग/अनलोडिंग श्रमिक(हम्माल-तुलावटी आदि), गिग श्रमिक, नमक उत्पादक श्रमिक, बीड़ी श्रमिक, ताड़ी निकालने वाले श्रमिक, रिक्शा-चालक, ऑटो/रिक्शा/टैक्सी चालक, विदेशों में प्रवासी श्रमिक, मछली पकड़ने वाले समुदाय आदि को पंजीकृत किया जाए और उन्हे पेंशन सहित व्यापक सामाजिक सुरक्षा में पोर्टेबिलिटी दी जाए।
17. कल्याण कोष से योगदान के साथ निर्माण कामगारों को ईएसआई कवरेज दिया जाए, ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकृत सभी कामगारों को स्वास्थ्य योजनाओं, मातृत्व लाभ, जीवन और विकलांगता बीमा का कवरेज भी दिया जाए।
18. घरेलू कामगारों और घर-आधारित कामगारों पर आईएलओ कन्वेन्शनों की पुष्टि करें और उचित कानून बनाएं। प्रवासी श्रमिकों पर व्यापक नीति बनाएं, मौजूदा अंतर-राज्य प्रवासी श्रमिक (रोजगार का विनियमन) अधिनियम, 1979 को मजबूत करें ताकि उनके सामाजिक सुरक्षा कवर की पोर्टेबिलिटी प्रदान की जा सके।
19. नई पेंशन योजना (एनपीएस) को खत्म किया जाए, पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) को बहाल किया जाए और सभी को सामाजिक सुरक्षा प्रदान की जाए।
20. मध्यप्रदेश में न्यूनतम वेतन पुनरीक्षण में किए गए घोटाले तथा उच्च न्यायालय के स्थगन के जरिए इसे छीने के मामले में श्रमिकों के साथ किए गए अन्याय को ठीक करो। 2019 से एरियर्स सहित वेतन पुनरीक्षण का भुगतान करो। न्यूनतम वेतन कानून के अनुसार अक्टूबर 2024 से देय नए न्यूनतम वेतन पुनरीक्षण को शीघ्र करो।
21. सुपर रिच (अकूत अमीरों) पर टैक्स लगाया जाए; कॉर्पोरेट टैक्स बढ़ाया जाए; संपत्ति कर और उत्तराधिकार कर को फिर से लागू किया जाए।
22. संविधान के मूल मूल्यों – अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, असहमति का अधिकार, धर्म की स्वतंत्रता, विविध संस्कृतियाँ, भाषाएँ, कानून के समक्ष समानता और देश के संघीय ढांचे आदि पर हमला बंद किया जाए।

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