जीरननीमच

भेरू बारेगामा के भजनों की सरिता में आसमान से टपा टप टपकती हुई बूंदाबांदी के बीच आधी रात तक डूबे रहे हजारों श्रद्धालु

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दशरथ माली –

 चीताखेडा -30मार्च। आरोग्य देवी महामाया आवरी माता जी मेला के सांस्कृतिक रंगमंच पर प्रतिदिन सांस्कृतिक कार्यक्रम भजन संध्या के रूप में आयोजित हो रहे हैं। इसी तारतम्य में बुधवार की रात्रि को मेला के सांस्कृतिक रंगमंच पर कपासन के सुप्रसिद्ध भजन सम्राट भेरू बारेगामा की भजन संध्या का कार्यक्रम ने निरंतर अपने सफलतम पड़ाव की ओर मोड़ते हुए अपनी मधुर आवाज से मैंलार्थियों को मंत्रमुग्ध कर दिया। आसमान से बरसती हल्की बुंदाबांदी के बीच आधी रात तक भेरू बारेगामा की भजन संध्या में बड़ी संख्या में श्रोताओं ने टपाटप पानी की बुंदों की परवाह किए बगैरश्रद्धालुओं ने सुर लहरियों में डुबकियां लगाते हुए उनके मधुर भजनों पर जमकर ठुमके लगाए।

17 वें आवरी माता मेले में राजस्थान कपासन से आए भजन सम्राट भेरू बारेगामा की भजन संध्या ने हजारों श्रोताओं के मध्य ऐसा समा बांधा की वे उनकी गायकी की दाद दिए बगैर नहीं रह सके। मेले में सांस्कृतिक रंगमंच पर आते ही श्रोताओं की तालियों से भेरू बारेगामा इतने भाव विभोर हो गए कि उन्होंने मेला समिति एवं क्षेत्रवासियों की जमकर तारीफ की और मेला के सांस्कृतिक मंच पर बुलाने पर उनका आभार व्यक्त करते हुए अपनी आवाज का जादू बिखेरना शुरू किया जो श्रोताओं की दाद निकले बिना नहीं रह सके। बारेगामा ने म्हारी माता जी की यही पहचान हाथों में तलवार राखे…………., चलो रे भक्ता चीताखेड़ा चला मां आवरामात बुलावे……………, चीता खेड़ा में बनियों प्यारो मंदिर माता आवरा को…………., आदि इन भजनों पर श्रोता मस्ती में उतर झूमने लगे। श्रोताओं के लिए बने पंडाल में भजनों की प्रस्तुति से मेला भ्रमण करने आए मेलार्थी अपने को पंडाल में आने से नहीं रोक पाए और पंडाल में ऐसा प्रतीत हुआ कि पैर रखने की जगह नहीं मिली। …… राम नाम का डंका बजा दिया लंका में बजरंग बाला ने……….., बांस की बांसुरी पर घणो इतरावे………….., रंग मत डाले रे सांवरिया मारो गुजर मारे…………,जब फागण गीत सुनाए तो मेला समिति और श्रद्धालु एवं महिलाएं भी नृत्य करने लगी। भजन सम्राट बारेगामा ने जब रंगमंच पर अपनी आवाज का जादू बिखेरते हल्दीघाटी में समर लड्यो वो महाराणा प्रताप कठे ……….. गीत की प्रस्तुति पर पूरा पंडाल में देशभक्ति माहौल का वातावरण बन गया। भीलवाड़ा से आए सुंदर अलबेला ने सतगुरु आया पावणा दिन गुरु आया पावणा……. गुरु वंदना की प्रस्तुति देते हुए कार्यक्रम का आगाज किया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि अनादि एवं ईटीवी मध्य प्रदेश न्यूज चैनल चीप ब्यूरो श्यामसिंह सिसौदिया, सिटी रिपोर्टर पूजा पंचोली नीमच, कलमकार अंतिम शब्द एवं महाकाल अखबार के संपादक आशिष जैन नीमच, पत्रकार आनंद अहिरवार जीरन,पत्रकार,भगत मांगरिया चीताखेडा,पत्रकार अक्षय जैन एवं मेला समिति अध्यक्ष पत्रकार दशरथ माली चीताखेडा द्वारा रंगमंच पर आवरी माता जी के चित्र पर दीप प्रज्वलित व माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया ।मेला समिति अध्यक्ष पत्रकार दशरथ माली द्वारा आमंत्रित अतिथियों का स्वागत माताजी के दुपट्टा ओड़ा कर किया।

राजस्थान के चित्तौड़गढ़ से आई सुप्रसिद्ध भजन गायिका गरिमा थाने हेलो पे हेलो देऊ म्हारी मां………….,मुंतो चीता खेड़ा मैया आवरी के जाऊं जी गणों घबरा वें……….. जोड़ा ती धोक लगाऊ मात आवरा……… आदि भजनों की प्रस्तुति दी जिस पर हजारों श्रद्धालुओं को अपना कायल बना दिया। कपासन से आए कामेडी कलाकार सुंदर अलबेला, नृत्यांगना ममता, ब्यावर से आई राधिका, भीलवाड़ा से आई गरिमा की जोड़ी ने रंगमंच पर मनोरंजन करते हुए चुटकुले सुनाए और कॉमेडी के ऐसे फव्वारे छोडे की हजारों श्रद्धालु हंस हंस कर लोटपोट हो गए। अत्याधुनिक वाद्य यंत्र छटा बिखेरी चित्तौड़गढ़ से आए आर्गनाइज मास्टर किशन राव,ढोल ढोलक मास्टर,आक्टो पेड पर अजम भाई द्वारा अत्याधुनिक वाद्य यंत्र पर संगीत का स्वर दिया की हर कोई झूमने पर मजबूर हो गया।

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