ताल –ब्यूरो चीफ –शिवशक्ति शर्मा
भगवान की कृपा के बिना सत्संग, भक्ति नही मिलती है- वेद, पुराण और धर्म शास्त्रों में भगवान विष्णु को ही श्रैयस्कर बताया गया है यह विचार भक्ति पंथ के प्रवर्तक स्वामी लोकेशानंदजी महाराज ने नारायण भक्ति पंथ आलोट द्वारा रविवार को अरिहंत कालोनी मे आयोजित सत्संग दर्शन कार्यक्रम मे प्रवचन के दौरान व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि नारायण की भक्ति वही व्यक्ति कर सकता है जिसके मन में राग, व्देष, बैर का भाव न हो, तभी उसे भक्ति मिल सकती है। उन्होंने बडी संख्या में उपस्थित महिला-पुरुषों को बताया कि नित्य भगवान नारायण का दर्शन, पूजन, स्त्रोत जाप, आरती आदि कर के सुख, शांति प्राप्त कर सकते है। उन्होंने तुलसी की महिमा और उसके पूजन, अर्चन के महत्व पर विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि लक्ष्मी पूजन और भगवान विष्णु पूजन हम सालभर करते है लेकिन यदि लक्ष्मीजी की कृपा हुई तो हमारे 49 कुल सुधर जाएंगें। उन्होंने बताया कि फरवरी माह से भक्ति के विशेष शिविर आयोजित किये जा रहे है इसमें प्रत्येक शाखा से 15-15 व्यक्ति को दो दिन तक भक्ति सीखाई जावेगी।
प्रवचन के पूर्व स्वामी लोकेशानंदजी का स्वागत अमित चौधरी, नागेश खारोल, दिलीप गेहलोत, अनिल पोरवाल, गोविंद लोहार, सचिन भट्ट, राकेश पोरवाल, राजकुमार आंचलिया, नगर परिषद उपाध्यक्ष महेंद्र सिंह सोलंकी, पिंकीराम धाकड़, मनोज अग्रवाल, मनोज पडिहार, दीपक शर्मा, नंदकिशोर चावला, योगेश निगम, श्रीमती हीरामणि कोठारी, श्रीमती अन्नपूर्णा काला, रामप्रताप पाटीदार, धीरज भट्ट, विक्रम परमार, कैलाश शर्मा, बालूराम पाटीदार, श्याम धानगढ़ शामगढ़, संजय अरोड़ा, द्वारका पोरवाल, अशोक देवड़ा, जितेंद्र लोहार, अजय पाल, मुकेश दवे, नंदकिशोर चावला सहित कई नागरिकों व्दारा किया गया। प्रवचन पश्चात आरती की गई व प्रसाद वितरण की गई।