कार्तिक मास स्नान का आज दीपदान के साथ हुआ समापन
चौमहला /झालावाड़ –
संस्कार दर्शन न्यूज़ /रमेश मोदी कार्तिक मास की पूर्णिमा देव दीपावली पर कार्तिक माह स्नान का समापन हुआ ।,इस दौरान पवित्र जलाशय ,नदी तालाब पर सायंकालीन समय मे दीप दान करने की परंपरा सनातन काल से चली आ रही है , हिन्दू शास्त्रों के अनुसार कार्तिक स्नान व्रत में महिलाएं पूरे महीने सुबह चार बजे ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान कर पूजा सामग्री लेकर मंदिरों में जाकर पूजा अर्चना कर दिनभर व्रत रख कर एक समय भोजन करती है ,यह क्रम पूरे कार्तिक मास चलता है जिसका समापन कार्तिक पूर्णिमा को यानी देव दीपावली को दीप दान के साथ होता है ,इस दिन महिलाएं 30 व 35 दीपक की बाती प्रज्वलित कर तैरने वाले पटिये ,या थर्मोकोल शीट नदी ,तालाब , में प्रवाहित करती है ,शास्त्रों की मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा को स्नान व दीपदान को बेहद महत्वपूर्ण माना गया है दीपदान करने से व्यक्ति को समस्त यज्ञों ,तीर्थो व दान के बराबर पुण्यफल की प्राप्ति होती है ,इसलिए दीप दान का महत्व और अधिक बढ़ जाता है ।दीपदान करने से सभी तरह के संकटों से मुक्ति मिलती है व यम ,शनि ,राहु केतु के बुरे प्रभाव भी दूर होते है ।